गरीबी क्या है ? क्या आप गरीब है, अपनी गरीबी इस प्रकार दूर करें

By | January 9, 2021

आमतौर पर हमारे समाज में गरीब उन लोगों को कहा गया है जो आर्थिक रूप से बहुत अधिक कमजोर है इनके पास अपनी आधारभूत आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु भी पर्याप्त धन नहीं है | आज समाज में उन लोगों को गरीब मान लिया गया है जिनके पास पैसे नहीं है | समाज की धारणा ही यही बन गयी है जो आर्थिक रूप से बहुत अधिक कमजोर है वहीं गरीब है | क्या समाज द्वारा स्वीकृत यह धारण सही है | क्या आप भी यह मानते है कि जिनके पास पैसे नहीं है, जो आर्थिक रूप से कमजोर है, वह गरीब है |

गरीबी क्या है ? :

उपरोक्त आपने यह जाना की समाज किस प्रकार से गरीबी की परिभाषा व्यक्त करता है और हम समाज का हिस्सा होने से इसे स्वीकार भी करते है | किन्तु गरीबी को सिर्फ और सिर्फ आर्थिक रूप से कमजोरी के रूप में व्यक्त करना काफी नहीं है | गरीबी की परिभाषा और अर्थ को समझने हमें थोड़ा और गहन विचार करने कि आवश्यकता है आइये जानते का यत्न करते है कि सही शब्दों में गरीबी क्या है ?

मेरे अनुमान से गरीबी क्या है ? :

प्रथम, यदि समाज की नजर में आप गरीब है, समाज ने आपकी आर्थिक स्थिति के आधार पर यह परिभाषित कर दिया कि आप गरीब है, तो क्या आप सच में गरीब हो गये है | आप तब तक गरीब नहीं हो सकते है जब तक कि आप गरीबी को स्वीकार नहीं कर लेते | आपका गरीब होना आपके स्वीकार करने से जुड़ा है | जिस दिन आपने स्वीकार कर लिया कि आप गरीब है तो उस दिन आप वास्तविक रूप से गरीब कहलायेंगे | क्योंकि समाज ने आपको पहले ही गरीब घोषित कर दिया है, बस इस बात का कन्फर्मेशन आपने स्वयं से दे दिया है |

मेरी द्रष्टि में जिस प्रकार से हमारे समाज में जाति को लेकर भेदभाव देखा गया जाता है, उसी प्रकार से गरीबी भी आर्थिक रूप से भेदभाव मात्र ही है और यह भी समाज की ही देन है | जिसके पास बहुत ज्यादा पैसे है वे उन्हें अमीर लोगों कि श्रेणी, जिनके पास ठीक-ठाक पैसे है उन्हें मध्यम और जिनके पास बिलकुल पैसे नहीं है वे हो गये गरीब |

गरीबी क्या है

क्या आप गरीब है ? इस प्रकार अपनी गरीबी दूर करें :

आपके पास पैसे नहीं है, आप समाज कि नजर में गरीब है लेकिन क्या आपने सोचा कि आपके पास पैसे क्यों नहीं है, चलिए कुछ प्रश्नों का उत्तर स्वयं से देने कि कोसिस करें : क्या आप पूरी तरह से अपाहिज है ?,  क्या आप मानसिक रूप से कमजोर है ? , क्या आप किसी गहन बीमारी से पीड़ित है ? यदि ऐसा है तो आप गरीब है समाज की नजरों में | ऐसी स्थिति में आपके पास दो रास्ते है, पहला आप स्वीकार कर ले कि आप गरीब है और दूसरा, यदि आपका मष्तिष्क सही है तो इसका प्रयोग करें, फिर चाहे आपकी टांगे नहीं है या फिर हाथ | आपका मष्तिष्क यदि सही है तो आप कभी गरीब नहीं हो सकते |

आज के आधुनिक समय में पैसे कमाने के लिए हाथ-पैर की कम और मष्तिष्क कि ज्यादा आवश्यकता पड़ती है | मैं यह नहीं कहता कि हाथ-पैर का कोई महत्व नहीं है लेकिन जो व्यक्ति प्रकृति द्वारा हाथ-पैर से अपाहिज है और अपनी इस लाचारी को लेकर समाज द्वारा दी गयी गरीबी को स्वीकार कर लेते है उनके लिए उनका मष्तिष्क ही उनका सम्पूर्ण शरीर है और इसका उचित प्रकार से प्रयोग, न केवल उनकी गरीबी को दूर कर सकता है बल्कि समाज में मान-सम्मान दिलाने के साथ-साथ दूसरों के लिए उदाहरण स्थापित करने का कार्य भी कर सकता है |

जिन लोगों के पास स्वस्थ मस्तिष्क है और शारीरिक रूप से भी वे स्वस्थ है ऐसे व्यक्ति को स्वयं को गरीब कहने का कोई हक नहीं है और न ही समाज को चाहिए कि ऐसे लोगों को गरीबी कि श्रेणी में रख उन्हें सहानुभूति देकर उन्हें ओर अधिक लाचार बनाया जाए | ऐसे लोगों को प्रेरित करने की आवश्यकता है बस एक दिशा देने कि आवश्यकता है और उनका उचित मार्गदर्शन करने की आवश्यकता है, न कि उन पर गरीबी कि मोहर लगाकर उन्हें ओर अधिक लाचार बनाने की |