मंत्र जप करने की सही विधि | मंत्र जप करने का तरीका

By | November 28, 2017

धर्म शास्त्रों के अनुसार मंत्र उच्चारण द्वारा देव आराधना शीघ्र फलदायी है | मंत्रों में साक्षात् देव का वास होता है | हिन्दू सभ्यता में प्राचीन काल से ही मंत्र द्वारा देव आराधना कर उन्हें प्रसन्न किया जाता है | जीवन में आये घोर से घोर संकंट को भी मंत्र साधना द्वारा दूर किया जा सकता है | किन्तु इसके लिए जरूरी होता है की मंत्र जप कठोर संकल्प और द्रढ़ विश्वास के साथ किये जाये |

नियमित मंत्र जप से मनुष्य आत्मिक और भौतिक सुख को प्राप्त कर अंत में मोक्ष को प्राप्त होता है | असाध्य से असाध्य रोग के निवारण के लिए , धन-लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए , व्यवसाय में उन्नति के लिए , परिवार में सुख-शांति बनाये रखने के, शत्रुओं से छुटकारा पाने के लिए, इन सब के अतिरिक्त जीवन में आये किसी भी संकट के निवारण के लिए मंत्र जप द्वारा देव आराधना विशेष रूप से फलदायी है |

मंत्र जप विधि

मंत्र जप विधि

हमारे धर्म शास्त्रों में सभी देवी-देवताओं के मन्त्रों का अलग -अलग और विस्तृत रूप से वर्णन किया गया है | हमारे वेद-शास्त्रों में वर्णित मन्त्रों को वैदिक मंत्र की संज्ञा भी दी गयी है | सभी वैदिक मंत्रो के स्पष्ट अर्थ होते है इसलिए यह जरुरी है कि किसी भी मंत्र का जप करते समय उसके स्पष्ट अर्थ को ध्यान में रखा जाये |

मंत्र जप की सही विधि : – 

मंत्र सिद्धि में मंत्र जप की विधि सबसे अधिक महत्व रखती है | मंत्र सिद्धि में मंत्र का जप करते समय कुछ बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए अन्यथा ये छोटी-छोटी त्रुटियाँ आपको आपके लक्ष्य से दूर कर सकती है | तो आइये जानते है किसी भी मन्त्र को सिद्ध करते समय मन्त्र जप की सही विधि के सम्बंधित कुछ नियम :-

  • बिना गुरु के मंत्र सिद्ध करना बहुत कठिन है | इसलिए, मंत्र सिद्ध करने से पहले गुरु धारण करना अनिवार्य है |
  • कठोर संकल्प लेकर, मन में द्रढ़ निश्चय के भाव के साथ और स्वयं को आत्मविश्वास से परिपूर्ण कर मंत्र साधना (सिद्धि) करें | आप जिस भी कार्य सिद्धि हेतु मंत्र साधना कर रहे है वह अवश्य ही पूर्ण होगा ऐसे भाव सैदव अपने मन में बनाये रखे |
  • मंत्र सिद्धि के समय मंत्र का उच्चारण शुद्ध और स्पष्ट होना चाहिए | मंत्र का उच्चारण शुरू में धीमे स्वर में बोलकर, बाद में सिर्फ होठों को हिलाकर जिससे की मंत्र की आवाज आपके कानों तक ही पहुंचे | और कुछ दिन बाद मंत्र का उच्चारण सिर्फ मन ही मन में करना चाहिए | मुख से बिना बोले मन ही मन मंत्र का उच्चारण करना सबसे अधिक फल देने वाला माना गया है |
  • मंत्र सिद्धि में मंत्र जप के लिए एक निश्चित समय का चुनाव कर प्रतिदिन उसी समय पर मंत्र का जप करें | सुबह सूर्योदय से पहले और संध्या काल का समय मंत्र जप के लिए श्रेष्ठ है | किन्तु कुछ साधनाएँ ऐसी भी है जिनमें सिद्धियाँ पाने के लिए मंत्र जप रात्रि काल में किये जाते है |
  • मंत्र सिद्धि में मंत्र जप के समय साधक का मुख पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ होना चाहिए |
  • प्रथम दिन ही मंत्र जप की संख्या निश्चित कर प्रतिदिन उतने ही मंत्र के जप करने चाहिए | कभी कम या कभी अधिक ऐसा कदापि न करें | आप चाहे तो मंत्र जप की संख्या बढ़ा सकते है किन्तु कम कभी न करें |
  • मंत्र जप करते समय माला को हमेशा छिपाकर रखे | इसके लिए आप माला को गोमुखी में रखकर मंत्र जप करें | माला द्वारा मंत्र जप करते समय दायें अंगूठे व मध्यम ऊँगली(middle finger) का ही प्रयोग करें | माला पूरी होने पर माला के सुमेरु को भूलकर भी पार नहीं करना चाहिए | वहीँ से ही माला को घुमा देना चाहिए |
  • मंत्र सिद्धि में मंत्र जप के समय माला हाथ से छूटनी नहीं चाहिए | ऐसा होने पर आपके द्वारा किये गये सभी मंत्र जप व्यर्थ हो जाते है |
  • मंत्र सिद्ध करने के काल में ब्रह्मचर्य का पालन करें और वाणी में मधुरता लाये | इन दिनों में भूलकर भी अपशब्द का प्रयोग न करें |

मंत्र सिद्धिसाधना की अवधि में जरुरी है कि शास्त्रों में दिए नियमों का पालन करते हुए व अपने ईष्ट देव के प्रति पूर्णतया समर्पण भाव रखते हुए द्रढ़ निश्चय के साथ साधना को पूर्ण करें | मनोकामना पूर्ण करने हेतु की गयी मंत्र साधना व मंत्र सिद्धि में उपरोक्त दिए गये नियमों का पालन करते हुए मंत्र जप करने से मनोकामना शीघ्र पूर्ण होती है |

 

 

 

 

19 thoughts on “मंत्र जप करने की सही विधि | मंत्र जप करने का तरीका

  1. Khusi kumari

    Sir ji sabr mntr ko mala se jpna pdta hi ky, Kon si mala se, Aur 108bar pdna hi mntr ko Ya 108mala krni hi sir ji Pls tell me

    1. TARUN SHARMA Post author

      अल्टीमेट ज्ञान में आपका स्वागत है |
      मंत्र जप के लिए आप रुद्राक्ष की माला का प्रयोग कर सकते है |
      एक माला में 108 मनके होते है | आप अपनी यथाशक्ति अनुसार 1 माला , 2 माला या फिर 3 माला या इससे भी अधिक मंत्र जप कर सकते है |

      धन्यवाद

  2. Pappu

    Guru ji parnam
    Ma gran pay pitra sadhna karna chata ho kya kar shakta ho koi saral upay bata de jeya

    1. TARUN SHARMA Post author

      अल्टीमेट ज्ञान में आपका स्वागत है

      आप आचार्य जी से फ़ोन द्वारा संपर्क कर सकते है |
      धन्यवाद

        1. TARUN SHARMA Post author

          अल्टीमेट ज्ञान में आपका स्वागत है |
          07027140920 नंबर द्वारा आचार्य जी से संपर्क कर सकते है |

          धन्यवाद

  3. Sweety Chaudhary

    Agar mai 108 baat hanuman chalisha ka path kru. To mujhe kis Malay se paadh krna chahiye

    1. TARUN SHARMA Post author

      हनुमान चालीसा के पाठ में माला प्रयोग की आवश्यकता नहीं है | आप गिनती करने के लिए पुष्प का प्रयोग कर सकते है |

      धन्यवाद्
      अल्टीमेट ज्ञान

  4. Sweety Chaudhary

    Or agar mala ko sidh krke kisi ko pehnaa ho to kaun say mala pehnaa Skte h

  5. Sweety Chaudhary

    Wo kya h ki meri ek Chori beti h 7month ki… Usko hmesha kuch na kuch hotel rahta h… Jaldi najr lg jata h use… To Maine socha ki mala sidh kr ke pehnne se sayd kuch think ho…… Arg aap kuch help kre to bri mehrbaani hogi…

    Surkchha ke liye kaun sa jap krne or kis mala se krna chahiye pls bataiye

  6. Divya

    Pranaam,
    Please bataye, Mantra siddha karne ki sankhya kitni hoti he?

    1. TARUN SHARMA Post author

      मंत्र जप की संख्या आप अपनी क्षमता के अनुसार निर्धारित कर सकते है

  7. suresh

    mantra japke samye agar mann aur koi story bane toh kya woh mantra waisa kam karega ya hum jo chahe waisa kam karega. Guruji jaldse samadhan batdijiye maine abhi abhi ek mantra siddha kiya hai aur sak horaha hai.

  8. Yashwant sen

    Guru ji mughe mala sanskar ka saral upay bataye thank u

  9. Ranabir Bhattacharya

    Guruji mala jaap ka antim saan may jakay fir kaisay jaap karey Thora batayeein,Mala Kay joint Yani sumeru cross to nahi Kar saktey please reply Guruji…Aur dushra baat main Mangalik Hoon to ishka Dosh kaisay main khandan Kar sakta Hoon…8tam Mangalik Dosh…Main har roj Hanuman ji k chalisa paath karta Hoon…Aur Mala Aur Yantra ka Shodhan bidhi kaisa Kiya jata Hain.

  10. Ranabir Bhattacharya

    Main kaisay samjhoo ki Mera Dosh Chala Gaya Mangalik k……Arthat signs and significance…..mainay suna Hain ki chalisa paath karney past Dosh Pranhu Hanuman ji Har lete Hain …Yah Dosh ka binash ho Jara Hain…..

  11. Monika

    माला करने से पहले आचमन करने की विधि बताइए

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