क्या आपको भी मृत्यु से भय लगता है ? इस मंत्र का उच्चारण करें

By | September 24, 2020

प्रकृति का यह अटूट सत्य है जिसका जन्म हुआ है उसकी मृत्यु निश्चित है | इस नश्वर संसार में जीना हर कोई चाहता है और मरना कोई नहीं, आप भो सोच रहे होंगे यह मैंने कैसे शब्द कह दिए | भला ऐसा कौन है जिसे मरने से डर नहीं लगता | मरने से तो सबको डर लगता है | ऐसा तो कोई प्राणी मिलेगा ही नहीं जिसे मरने से डर न लगता हो |

मेरे कहने का तात्पर्य यह नहीं की मरने से डरना नहीं चाहिए | मृत्यु का भय ही हमें जीवन का आनंद देता है | यदि जीवन से मृत्यु का भय चला गया तो फिर जीवन जीने का आनंद भी नहीं रहेगा |

जीवन जीने की कला और जीवन में आनंद सभी मृत्यु से जुड़े है | चलिए बात करते है मृत्यु से मरने का भय का इस पोस्ट में सही अर्थ क्या है | मृत्यु का भय शब्द उन लोगों के लिए प्रयोग किया गया है जो अक्सर मरने के विषय बात करते है और मरने का भय उन्हें सामान्य से कहीं अधिक लगता है | वे हर समय स्वयं को असुरक्षित महसूस करते है | जीवन में ऐसे लोग स्वयं को उत्साहहीन समझने लगते है | ऐसे लोगों को धीरे-धीरे मानसिक रोग होने लगता है |

मृत्यु से भय का मंत्र

जो लोग हर समय मरने के भय से स्वयं को पीड़ित रखते है वे कुछ समय बाद ऐसी मानसिक व्याधि का शिकार बन जाते है जिससे बाहर निकल पाना बहुत-बहुत मुश्किल बन जाता है | चलिए आज हम उन लोगों के लिए एक ऐसे मंत्र के विषय में जानकारी देने वाले है | जिसके नियमित उच्चारण करने से जीवन से हमेशा-हमेशा के लिए मृत्यु का भय दूर हो जायेगा |

मृत्यु का भय दूर करने का मंत्र :

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥

भगवान शिव के उपरोक्त महा मृत्युंजय मंत्र का जप आप शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग के समक्ष बैठकर करें | मंत्र से जप से पूर्व शिवलिंग पूजन करें | उपरोक्त मंत्र जप की संख्या आप अपने सामर्थ्य अनुसार निर्धारित कर सकते है | इस कार्य को सोमवार के दिन से शुरू कर लगातार 41 दिनों तक करें | ऐसा करने से आप न केवल मृत्यु के भय से दूर होंगे, बल्कि मोक्ष की प्राप्ति की ओर भी अग्रसर होने लगेंगे | आपके जीवन में हर तरफ सकारात्मक उर्जा का संचार होने लगेगा |