मानव जीवन में सुख और दुःख समय-समय पर आते रहते है | किन्तु जब रोग के रूप में कष्ट आता है तो व्यक्ति मानसिक रूप से टूटने लगता है | शरीर में किसी भी रोग के लगने पर प्रथम शरीर कमजोर होने लगता है और दूसरा मानसिक रूप से भी यह रोगी को विकृत करने लगता है | यदि आप भी किसी असाध्य रोग की गिरफ्त में आ गये है तो स्वयं को मानसिक रूप से सुद्रढ़ बनाये |
ऐसा नहीं है कि आधुनिक चिकित्सा में किसी रोग का उपचार उपलब्ध न होने पर यह जीवन भर आपसे जुड़ गया है | कभी-कभी समय के साथ -साथ असाध्य रोग भी ठीक होते है | इसे आप किसी चमत्कार से जोड़कर देखते है किन्तु इसके पीछे वह विज्ञान है जो भौतिक रूप से अस्तित्व में न होकर चमत्कार के रूप में अपनी मौजूदगी प्रकट करता है |
असाध्य रोग होने पर प्रथम इसे आधुनिक चिकित्सा से जोड़कर देखा जाता है | और यह सही भी है क्योंकि किसी भी रोग के उपचार के लिए आधुनिक चिकित्सा शीघ्र उपचार करने वाली और भौतिक रूप से अपनी मौजूदगी प्रकट करने वाली है | किसी रोग की गिरफ्त में आने पर प्रथम,रोगी को आधुनिक चिकित्सा का ही सहारा लेना चाहिए |
ज्योतिष विज्ञान और असाध्य रोग :
यदि आप आध्यात्म में थोड़ा भी विश्वास रखते है तो ज्योतिष विज्ञान के मानव जीवन में महत्व को बिल्कुल भी अनदेखा न करें | ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मनुष्य पर आने वाली सभी पीडाएं चाहे वह रोग के रूप में हो या फिर आर्थिक तंगी के रूप में, उसका सीधा संबंध ज्योतिष से जुड़ा है |
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सौरमंडल में स्थित सभी 9 गृह प्रत्यक्ष रूप से मानव जीवन को प्रभावित करते है | मानव जीवन में सभी प्रकार के सुख और दुःख ग्रहों के प्रभाव से नियंत्रित होते है | इसलिए किसी असाध्य रोग का होना भी स्पष्ट रूप से किसी गृह दोष या गृह की महादशा से जुड़ा हो सकता है |
यदि आप आधुनिक चिकित्सा का सहारा लेकर थक चुके है और आपका रोग ठीक नहीं हो रहा है तो ज्योतिष शास्त्र आपके रोग के निवारण में आपको दिशा प्रदान कर सकता है | रोग का उपचार न होने पर आपको किसी अच्छे ज्योतिष आचार्य से संपर्क अवश्य करना चाहिए |
नकारात्मक शक्तियाँ और असाध्य रोग :
100 रोगी, जिनके रोग का उपचार आधुनिक चिकित्सा में होते हुए भी नहीं हो पा रहा, उनमें से 10 रोगी ऐसे हो सकते है जो किसी नकारात्मक शक्ति के शिकार है | आधुनिक विज्ञान नकारात्मक शक्ति के अस्तित्व को स्वीकार भले ही न करे, किन्तु अद्रश्य रूप में ये हमारे वातावरण में विद्यमान है | नकारात्मक शक्ति को कुछ लोग नजर दोष कह देते है तो कुछ भूत-प्रेत का साया, किन्तु हम इसे सिर्फ नकारात्मक शक्ति के रूप में लेकर चलते है जो मानव जीवन को प्रभावित कर सकती है |
आपके रोग के पीछे नकारात्मक शक्ति भी हो सकती है | इसका उपचार सिर्फ और सिर्फ आध्यात्म से जुड़ा है | दैवीय शक्ति और सकारात्मक उर्जा ही नकारात्मक शक्ति को प्रभावहीन कर सकती है | यदि आप आधुनिक चिकित्सा का सहारा लेकर थक चुके है और आपका रोग ठीक नहीं हो रहा है तो आध्यात्म की शक्ति का सहारा लेकर आप रोग का उपचार कर सकते है | इस मार्ग में आपको सही दिशा देने वाले किसी देव भक्त की तलाश करनी चाहिए जो आपके रोग का निदान कर सके |
संक्षेप में : किसी रोग के गिरफ्त में आने पर प्रथम उपचार आप आधुनिक चिकित्सा के माध्यम से ही करें | ज्योतिष विज्ञान आपके रोग के उपचार में दूसरा विकल्प हो सकता है | यदि दोनों विकल्प से भी आपका रोग ठीक नहीं हो पा रहा है तो इसके पीछे नकारात्मक शक्ति के प्रभाव को अनदेखा नहीं करना चाहिए |