बजरंग बाण पाठ करने की विधि | बजरंग बाण का चमत्कारी प्रयोग

By | June 24, 2020

जो हनुमान जी की भक्ति करते है वे बजरंग बाण के विषय में भी अवश्य अवगत होंगे | बजरंग बाण/Bajrang Baan हनुमान जी की उपासना के लिए सर्वोतम मार्ग हो सकता है यदि भक्त पूर्ण भक्तिभाव से इसका पाठ करते है | आप में से अधिकतर ऐसे भक्त होंगे जिनको बजरंग बाण का यह पाठ कंठस्त याद होगा और प्रतिदिन वे बजरंग बाण का पाठ करते भी होंगे | ऐसे भक्त हनुमान जी को बहुत प्रिय है और जीवन से हर दुःख उनसे कोसों दूर रहते है |

जीवन में कभी-कभी कठिनाईयां इतनी अधिक बढ़ जाती है कि कहीं कोई मार्ग दिखाई नहीं देता | वैसे तो मनुष्य जीवन में सुख और दुःख आते जाते रहते है किन्तु कभी-कभी समस्या इतनी बड़ी होती है जो हर तरह से मनुष्य की परीक्षा लेती है | ऐसी परिस्थिति में सबसे पहले मनुष्य का आत्मबल और विश्वास कमजोर होने लगता है | आज हम आपको बजरंग बाण के ऐसे प्रयोग से विषय में जानकारी देंगे जिसे यदि आप प्रयोग में लाते है और हनुमान जी के प्रति पूर्ण श्रद्धा और विश्वास बनाये रखते है तो जीवन में कितनी भी विकट परिस्थिति क्यों न हो, आपको मार्ग अवश्य मिलेगा |

Bajrang Baan Path Vidhi :

Bajrang Baan Path Vidhi

बजरंग बाण का चमत्कारिक प्रयोग :

किसी मंगलवार को हनुमान जी के मंदिर जाकर उनके चरणों का सिन्दूर किसी चाँदी की डिब्बी में थोड़ा सा डालकर घर ले आये | पूजा पर बैठते समय इस सिन्दूर से स्वयं को तिलक करें | इसे पूजा के स्थान पर रखा करें  |

मंगलवार की सुबह 5 बजकर 15 मिनट से 7 बजे के बीच आप इस पूजा को करें | पूर्व दिशा की तरफ एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर हनुमान जी की फोटो स्थापित करें,( यदि आप हाथ में पहाड़ उठाये और हवा में उड़ते हुए हनुमान जी की फोटो स्थापित करे तो यह अधिक प्रभावी है, जैसा की नीचे चित्र में दिखाया गया है) , हनुमान जी की फोटो के साथ में सिद्ध हनुमान यंत्र( भोजपत्र पर बनाया गया, व सिद्ध किया हुआ हनुमान यंत्र स्थापित करें)  |

निम्न सामग्री पूजा पर बैठने से पहले साथ में रखे  :

घी का दीपक , घी ,एक पात्र में जल , चावल , थोड़ा चूरमा या बूंदी के लड्डू , गाय के गोबर के कंडे की अग्नि ,  पुष्प  और बजरंग बाण |

अब आप चौकी के सामने आसन बिछाकर बैठ जाए | घी का दीपक प्रज्वलित करें, धुप आदि लगाये, अब गणेश जी के स्तुति मंत्र द्वारा उनका आव्हान करें, अब आप हनुमान जी की प्रतिमा को, यंत्र को और बजरंग बाण को तिलक करें | अक्षत(चावल) और पुष्प अर्पित करें | अब अग्नि के द्वारा चूरमे और लड्डू का भोग लगाये व जल अर्पित करें |

अब आप दायें हाथ में थोड़ा जल लेकर इस प्रकार से संकल्प ले : हे परमपिता परमेश्वर मैं( अपना नाम बोले) गोत्र( अपना गोत्र बोले) अपने ….कार्य की पूर्णता हेतु हनुमान जी का यह बजरंग बाण पाठ कर रहा हूँ मेरे कार्य में मुझे सफलता प्रदान करें, ऐसा कहते हुए जल को नीचे जमीन पर छोड़ दे और बोले ॐ श्री विष्णु – ॐ श्री विष्णु – ॐ श्री विष्णु |

अब आप बजरंग बाण पाठ को हाथ में लेकर उसे नमन करें, और जय श्री राम 7 बार बोलते हुए बजरंग बाण पाठ का मध्यम व कर्णप्रिय स्वर में उच्चारण करना शुरू करें | बजरंग बाण पूर्ण होने पर फिर से 7 बार जय श्री राम बोले | इस प्रकार से 5  से 7 बार बजरंग बाण का यह पाठ करें |

5 से 7 बार बजरंग बाण के यह पाठ पूर्ण करने के उपरांत फिर से हाथ में थोड़ा जल लेकर बोले : हे परमपिता परमेश्वर मैंने यह जो बजरंग बाण के पाठ किये है इन्हें मैं अपने कार्य की पूर्णता हेतु श्री ब्रह्म को अर्पित करता हूँ, मेरे कार्य में किसी प्रकार की कोई त्रुटी हुई हो तो मुझे क्षमा करें, ऐसा कहते हुए जल को नीचे जमीन पर छोड़ते हुए बोले : ॐ श्री विष्णु, ॐ श्री विष्णु , ॐ श्री विष्णु |

इस प्रकार से बजरंग बाण/Bajrang Baan द्वारा हनुमान जी की यह उपासना पूर्ण होती है अब आप जय श्री राम बोलते हुए आसन को छोड़ सकते है | इस प्रयोग को आप मंगलवार से शरू करके : मंगलवार और शनिवार सप्ताह में दो दिन करें | मंगलवार और शनिवार इस प्रकार से कुल 21 बार इस पूजा को करें | अंतिम दिन बजरंग बाण की पूजा के उपरांत सवा 2 kg या सवा 5 kg लड्डू का वितरण अवश्य करें और गौशाला में अपने हाथों से 50 kg गेंहू का दलिया और सवा 5 kg गुड़ देकर आये  |

इस विधि द्वारा बजरंग बाण पाठ/Bajrang Baan Path Vidhi करने से हनुमान जी की विशेष कृपा आप पर होने लगती है | जीवन में किसी भी विकट परिस्थिति से निकलने के लिए आप इस प्रयोग को कर सकते है असाध्य रोग होने पर – व्यवसाय में हानि होने पर – परिवार में कलह होने पर – नौकरी न लगने पर – परीक्षा में सफलता के लिए आप बजरंग बाण पाठ के इस प्रयोग द्वारा स्वयं को और अपने परिवार को लाभान्वित कर सकते है |