बटुक भैरव यन्त्र भोजपत्र पर इस प्रकार बनाये और सिद्ध करें

By | December 3, 2020

तंत्र विद्या के देव कहे जाने वाले भैरव का नाम सुनते ही बुरी शक्तियां घर से दूर भाग जाती है | भैरव बाबा के एक सौम्य रूप बटुक भैरव जो भगवान विष्णु के समान ही तुलनात्मक माना गया है | जहाँ काल भैरव को तंत्र शक्तियों के सिद्धि प्राप्ति हेतु भोग रूप में मदिरा और मांस का भोग दिए जाने की परंपरा है वहीँ बटुक भैरव, भैरव की सात्विक छवि को प्रकट करता है | बटुक भैरव जी की उपासना से घर में सुख-शांति और सम्रद्धि आती है | आज हम आपको बटुक भैरव यन्त्र को भोजपत्र पर बनाने व मंत्र शक्ति द्वारा सिद्ध करने के विषय में जानकारी देने वाले है |

बटुक भैरव यन्त्र :

बटुक भैरव के इस चमत्कारी यन्त्र को भोजपत्र पर शुभ मुहूर्त में तैयार किया जाना चाहिए | भैरव बाबा के इस यन्त्र को अनार की कलम द्वारा अष्टगंधा की स्याई द्वारा तैयार किया जाना चाहिए | यन्त्र पूर्ण रूप से निर्मित होने पर इसे आप किसी अच्छे से फ्रेम में लगा ले | अब इस यंत्र की विधिवत पूजा कर मंत्र शक्ति द्वारा अभिमंत्रित कर ले |

Batuk Bhairav Sidh Yantra

Batuk Bhairav Sidh Yantra

बटुक भैरव यन्त्र सिद्ध करने की विधि :

बटुक भैरव यन्त्र को विधिवत निर्मित करने के उपरांत इस सिद्ध करना अनिवार्य है | यन्त्र चाहे किसी भी देव या देवी का हो विधिवत सिद्ध करने के उपरांत ही पूजा स्थल पर स्थापित करना चाहिए | सामान्य यन्त्र को पूजा स्थल पर स्थापित करने से पूर्ण फल की प्राप्ति नहीं होती है |

बटुक भैरव के इस यन्त्र को दो विधियों द्वारा सिद्ध किया जा सकता है | एक सामान्य विधि जिसे आप स्वयं घर पर कर सकते है और दूसरी सम्पूर्ण प्राण प्रतिष्ठा विधि, इस विधि द्वारा यन्त्र की विधिवत प्राण प्रतिष्ठा की जाती है इसके लिए पूजा विधान बहुत बड़ा होता है जिसे आप स्वयं घर पर नहीं कर पाएंगे | इसके लिए आप किसी योग्य पंडित का सहारा ले सकते है |

आइये यन्त्र को घर पर सामान्य विधि द्वारा सिद्ध करने की विधि में जानते है : रविवार की सुबह आप पूर्व दिशा की तरफ एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर यन्त्र को स्थापित करें | सामने आसन बिछाकर बैठ जाये | धुप-दीप आदि लगाये | यन्त्र को गंगाजल से स्नान कराये | अब यन्त्र को(दूध -दही -घी – शहद और गंगाजल के मिश्रण द्वारा स्नान कराये | यन्त्र को स्नान कराने के लिए आप दूब द्वारा यन्त्र पर छींटे मात्र लगा सकते है | अब आप फिर से गंगाजल द्वारा यन्त्र को दूब द्वारा स्नान कराये |

यन्त्र को स्नान कराने के उपरांत किसी साफ़ वस्त्र द्वारा साफ़ कर ले | अब यंत्र को तिलक करें | पुष्प अर्पित करें, गंध अर्पित करें, वस्त्र रूप में धागे का टुकड़ा अर्पित करें  | यह कार्य करने के उपरांत अब गणेश जी के स्तुति मंत्र द्वारा गणेश जी का स्मरण करें | अब आप दायें हाथ में जल लेकर संकल्प ले : बोले : हे परमपिता परमेश्वर मैं(अपना नाम बोले) गोत्र(अपना गोत्र बोले) बटुक भैरव जी के इस यन्त्र को सिद्ध करने हेतु बटुक भैरव जी के मंत्र के जप कर रहा हूँ, मेरे कार्य में मुझे सफलता प्रदान करें, ऐसा कहते हुए जल को नीचे जमीन पर छोड़ दे |

अब आप बटुक भैरव जी के नीचे दिए गये मंत्र का जप करना शुरू कर दे | 5000 की संख्या में मंत्र जप पूर्ण करें | मंत्र जप पूर्ण होने पर अंत में परमपिता परमेश्वर से अपने कार्य सिद्धि की अरदास लगाये और अपना स्थान छोड़ दे | इस कार्य को पूर्ण करने के उपरांत के छोटे से हवन का आयोजन किया जाना चाहिए | हवन में अधिक से अधिक आहुतियाँ बटुक भैरव जी के मंत्र की देनी चाहिए | हवन कार्य पूर्ण होने यंत्र को हवन की अग्नि के ऊपर से २१ बार घुमाये | अंत में हवन की विभूति द्वारा यंत्र को तिलक करें |

बटुक भैरव मंत्र :

” ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं “

इस प्रकार से बटुक भैरव जी का यन्त्र सिद्ध हो जाता है | इसे पूजा स्थल पर लाल कपड़ा बिछाकर स्थापित किया जाना चाहिए | यन्त्र की मंत्र द्वारा नियमित पूजा करना अनिवार्य है | बटुक भैरव जी के सिद्ध यन्त्र की घर में स्थापना करने से आपके कष्ट दूर होने लगते है | आपके घर में सुख-शांति का वास होने लगता है | आपकी विशेष मनोकामना पूर्ण होती है |