दैनिक पूजा में कौन-कौन से देव मंत्रों का जप करना चाहिए

By | August 12, 2020

धार्मिक प्रवृति के व्यक्ति नियमित पूजा में विश्वास रखते है | वे ईश्वर शक्ति में और देव शक्ति में विश्वास रखते है | दैनिक पूजा किस प्रकार से करनी चाहिए व घर में पूजा का स्थान कहाँ और कैसा होना चाहिए | ये सभी ध्यान देने योग्य है | जब आप नियमित पूजा करना शुरू कर ही देते है तो इसमें विश्वास और श्रद्धा भाव को अवश्य ध्यान में रखना चाहिए |

दैनिक पूजा में पाठ पूजा करने की विधि सभी भक्तों की अलग-अलग हो सकती है | यहाँ तक कि ईष्ट देव के प्रति उनके भाव भी भिन्न-भिन्न हो सकते है | और उसी के अनुरूप उन्हें फल की प्राप्ति भी होती है |

हिन्दू धर्म में अनगिनत देवी-देव है जिनकी उपासना दैनिक रूप से घरों में की जाती है | प्रत्येक व्यक्ति का किसी न किसी देव या देवी के प्रति लगाव अवश्य होता है | जैसे कुछ लोग हनुमान जी में विश्वास रखते है तो कुछ माँ दुर्गा में और कुछ भगवान शिव में | यह भी हो सकता है कि कुछ लोग एक से अधिक देव या देवी में श्रद्धा रखते हो |

जब आप दैनिक पूजा करने बैठते है तो अपने प्रिय देव का ही स्मरण करते है या उनकी आरती -चालीसा पाठ या मंत्र के माध्यम से उनकी उपासना करते है | ऐसे में कुछ भक्तजन गलतियाँ भी करते है जैसे : वे प्रतिदिन अलग-अलग देव का स्मरण करते है, जैसे : सोमवार को भगवान शिव, मंगलवार को हनुमान जी , बुधवार को गणेश जी की उपासना | क्या ऐसा करने से आपको पूजा का सम्पूर्ण फल मिल रहा है ?

Dainik Puja Mantra

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प्रतिदिन अलग-अलग देव की उपासना उन लोगों के लिए है जो अपना अधिकांश समय पाठ-पूजा को देते है | ऐसे लोग अपने ईष्ट देव की आराधना की साथ-साथ प्रतिदिन के अनुसार सभी देवों का स्मरण भी करते है |

यदि आपके पास पाठ-पूजा के लिए कम समय ही होता है तो ऐसे में आप  भगवान श्री गणेश का स्मरण कर अपने ईष्ट देव की उपासना करे तो यह अधिक प्रभावी रहने वाला है |

दैनिक पूजा में मंत्र का जप :

यदि आप मंत्रो में विश्वास रखते है और दैनिक पूजा मंत्र के द्वारा करना चाहते है तो सर्प्रथम ध्यान दे कि आपको भिन्न-भिन्न मन्त्रों के जप की आवश्यकता नहीं है | आप सिर्फ और सिर्फ एक मंत्र का जप ही करें तो यह कई गुना अधिक फल देने वाला है |

दैनिक पूजा का आरम्भ भगवान श्री गणेश जी की स्तुति मंत्र द्वारा किया जाना चाहिए | इसके उपरांत आप जिस देव या देवी में अधिक विश्वास रखते है उनके किसी भी एक मंत्र को चुन ले | अब दैनिक पूजा में इसी मंत्र के जप की संख्या निश्चित कर ले | जैसे यदि आप प्रतिदिन 108 मंत्रो का जप कर सकते है तो नियमित रूप से दैनिक पूजा में गणेश जी की स्तुति के पश्चात् अपने ईष्ट देव के 108 मंत्रो का जप किया करें |

आपने ईष्ट देव पर पूर्ण विश्वास और श्रद्धा भाव सदैव बनाये | वे समय-समय पर आपकी अद्रश्य रूप से रक्षा करते रहेंगे | आपको किसी-किसी की बातें सुनकर एक साथ बहुत से देवों का ध्यान करने की आवश्यकता नहीं है | हाँ यदि आप चाहे तो दैनिक पूजा में पूजा पूर्ण होने पर सभी प्रधान देव-देवी के जयकारे लगा सकते है |

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