कलियुग में भगवान श्री कृष्ण, श्याम जी के नाम अधिक पूजे जाने लगे है | श्याम जी के भजन आजकल बहुत ही लोकप्रिय हो रहे है | श्याम जी पर आधारित बहुत से ऐसे भजन है जिनको सुनते है मन में भक्ति भाव आने लगते है | मन प्रसन्नचित होने लगता है | ऐसे ही भजनों में से एक है श्याम जी का एक भजन आज हम आपको देने जा रहे है जो भक्तों में बहुत ही प्रचलित हो रहा है |
देणा हो तो दे दे साँवरे – भजन Lyrics
देणा हो तो दे दे साँवरे क्यों ज्यादा तरसावै सै
ना देणा तो साफ़ नाट क्यों लखदातार कहावै सै
देणा हो तो दे दे बाबा क्यूँ ज्यादा तरसावै सै
हेरै काट काट कै चक्कर मैं तो तेरे दर के हार लिया
मैं तो तेरे दर के हार लिया
मैं ना पिंड तेरा इब छोड़ू मनै मन म पक्का धार लिया
मनै मन म पक्का धार लिया
भगत तेरा भूखा सोवै
भगत तेरा भूखा सोवै, तू छप्पन भोग उड़ावै सै
ना देणा तो साफ़ नाट क्यों लखदातार कहावै सै
देणा हो तो दे दे बाबा क्यूँ ज्यादा तरसावै सै
तेरे भंडारे में कमी नहीं यो कहणा दुनिया सारी का
यो कहणा दुनिया सारी का
अरै भगत तेरा दुःख पावै तो के फायदा साहूकारी का
तो के फायदा साहूकारी का
लेण देण का जीकर करै ना
लेण देण का जीकर करै ना मनै बाता म बहकावे सै
ना देणा तो साफ़ नाट क्यों लखदातार कहावै सै
देणा हो तो दे दे बाबा क्यूँ ज्यादा तरसावै सै
तन्नै देणा पड़ै जरुरी मैं जिद्दी घणा अनाड़ी सु
मैं जिद्दी घणा अनाड़ी सु
बाबा सेठ तू नंबर वन सै तो मैं नंबर एक भिखारी हूँ
मैं नंबर एक भिखारी हूँ
सब भगता के आगै क्यूँ
सब भगता के आगै क्यूँ तू अपणी पोल खुलवै सै
ना देणा तो साफ़ नाट क्यों लखदातार कहावै सै
देणा हो तो दे दे बाबा क्यूँ ज्यादा तरसावै सै
मैं हर ग्यारस नै बाबा तेरे धाम पे चल कै आऊ सु
तेरे धाम पे चल कै आऊ सु
फ़ोकट म कोन्या मांगू मैं नए नए भजन सुणाऊ सु
तेरे नए नए भजन बणाऊं सूं
क्यूँ भीम सैन नै देवण म
क्यूँ भीम सैन नै देवण म तू कंजूसी दिखलावै सै
ना देणा तो साफ़ नाट क्यों लखदातार कहावै सै
देणा हो तो दे दे बाबा क्यूँ ज्यादा तरसावै सै
|| जय श्री श्याम ||
भजन के माध्यम से देव भक्ति करने का अपना ही एक अलग आनंद है | कर्णप्रिय भजन सुनने से एक तो मन प्रसन्न होता है और साथ में देव भक्ति भी स्वतः ही हो जाती है | भजन सुनते समय अपना ध्यान अपने देव की तरफ रखे | यदि आप भजन का गायन भी करे तो प्रयास करें कि आपके द्वारा भोले गये स्वर बहुत ही मधुर व कर्णप्रिय होने चाहिए जिससे अन्य सुनने वाले का मन भी प्रसन्नचित हो उठे |