जो लोग धर्म के मार्ग पर चलते है वे अपने आने वाले जीवन को सुखमय बनाते है | क्या आप इस बात से सहमत है ? यदि मेरे व्यक्तिगत मत को ध्यान में रखा जाये तो केवल धर्म का मार्ग जहाँ पुण्य को स्थान न हो, कभी भी आपके आने वाले जीवन को सुखमय नहीं बना सकता | धर्मं बिना कर्म के अधुरा है |
जो लोग धार्मिक है पूरा दिन धर्म की बातें करते है पाठ-पूजा करते है और पुण्य और परोपकार बिल्कुल नहीं करते उन्हें प्रभु का आशीर्वाद कभी प्राप्त नहीं हो सकता | इससे अच्छा तो वो लोग है जो धर्म में विश्वास न रखकर कर्म में विश्वास रखते है और दान-पुण्य को अपने जीवन में स्थान देते है |
धर्म, कर्म के बिना अधुरा है और कर्म, दान और पुण्य के बिना | इसलिए धार्मिक भी बने, कर्म भी करें और समय-समय पर दान-पुण्य भी | धर्म-कर्म और पुण्य को जो व्यक्ति अपनाता है वह न केवल अपने इस जन्म को सुखमय बनाता है बल्कि अपने अगले जन्म में भी अच्छी योनि को प्राप्त होता है |
कुछ लोग कर्म तो करते है किन्तु जब दान-पुण्य की बात होती है तो उन्हें इसका पता ही नहीं होता कि दान पुण्य कैसे किया जाता है | किस प्रकार से वे पुण्य प्राप्त कर सकते है | वैसे तो पुण्य कमाने के अनगिनत तरीके है जिनमें से कुछ के विषय में आज हम आपको अवगत करा रहे है :
Punya Kaise Kare :
पुण्य कमाने के तरीके :-
- बिना किसी स्वार्थ भाव के किसी जरूरतमंद की सहायता करना सबसे बड़ा पुण्य है |
- किसी गरीब को वस्त्र देना और भूखे को भोजन कराने से पुण्य मिलता है |
- प्यासे को पानी पिलाने से बड़ा पुण्य मिलता है |
- गौशाला में नियमित रूप से गेंहू-दलिया – गुड़ आदि दान करने से पुण्य मिलता है |
- गाय को नियमित रूप से रोटी खिलानी चाहिए |
- कुत्ते को प्रतिदिन रोटी या बिस्कुट आदि खिलाये |
- पक्षियों को दाना डालने से पुण्य मिलता है |
- चींटियों को आटा खिलाने से पुण्य मिलता है |
- किसी बीमार पशु का उपचार कराना व उसकी सेवा करना बहुत बड़ा पुण्य है |
- अनाथाश्रम में प्रति माह कुछ दान राशी देने से पुण्य मिलता है |
- ऐसे NGO संस्थान जहाँ अपाहिज बच्चों का इलाज किया जाता हो या उन्हें पढ़ाया जाता हो वहाँ नियमित रूप से दान करना बड़ा पुण्य है |
एक बात ध्यान देने योग्य है कि हनुमान जी का रोट करना, माता का भंडारा करना भी पुण्य पाने का एक तरीका हो सकता है किन्तु इस प्रकार के भंडारे में खर्च की जाने वाली राशी को यदि आप उपरोत्क दिए गये तरीकों पर खर्च करे तो यह कई गुना अधिक पुण्य देने वाला हो सकता है | हाँ यदि आप सक्षम है कि उपरोत्क सभी उपाय और भंडारा आदि सभी करने में या आपकी रूचि ही भंडारा करने में है तो आप स्वत्रंत है |
पुण्य प्राप्त करने के बहुत से उपाय के विषय में हमनें आपको अवगत कराया है | निर्णय आपको करना है कि किस प्रकार से आपको पुण्य कमाना है |