माँ सरस्वती यंत्र की महिमा | सरस्वती यंत्र बनाने की विधि

By | December 22, 2021

हिन्दू धर्म में माँ सरस्वती को विद्या की देवी कहा गया है | माँ सरस्वती की उपासना करने से बुद्धि व स्मरण शक्ति का विकास होता है और परीक्षा में भाग्य का भी साथ मिलता है | इसलिए विद्यार्थी जीवन में माँ सरस्वती/Sarasvati Yantra Bhojpatra की उपासना करना उनके लिए किसी वरदान से कम नहीं है | विद्यार्थी अपनी study table पर इस माँ सरस्वती यंत्र को रखे व यंत्र में दिए गये मंत्र द्वारा उनका स्मरण प्रतिदिन अवश्य करें | ऐसा करने से पढाई में उनका मन लगने लगेगा व परीक्षा में भी उनके अच्छे नंबर आने लगेंगे |

किसी भी काम में सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत की जरूरत होती है। चाहे वो नौकरी का काम हो या फिर पढ़ाई का काम हो। लेकिन जब कई बार कठिन परिश्रम के बाद भी सफलता हासिल नहीं हो पाती तो कई लोग तमाम तरह के उपाय भी करते हैं। कोई ग्रह शांति पूजा करता है तो कोई रत्न धारण करता है। लेकिन वैदिक ज्योतिष में शिक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए सरस्वती यंत्र के बारे में भी बताया गया है। कहते हैं कि इसकी साधना से मां सरस्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

माँ सरस्वती यंत्र की महिमा :

सरस्वती यंत्र का प्रयोग बौद्धिक शक्ति , एकाग्र शाक्ति और ज्ञान को प्राप्त करने के लिए होता आ रहा है। कहते हैं कि देवी सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए इस यंत्र की उपासना करनी चाहिए। अगर पढ़ाई में मन नहीं लग रहा है, याददाश्त कमजोर है, एकाग्रता की कमी है या परीक्षा में भय बना रहता है तो ऐसे में इस यंत्र को धारण करने की सलाह दी जाती है। मान्यता है कि इस यंत्र के प्रभाव से परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त होने के आसार बढ़ जाते हैं।

सरस्वती यंत्र के लाभ :

इस यंत्र की पूजा करने से बौद्धिक शक्ति और एकाग्र शक्ति बढ़ती है। यदि आप परीक्षा में सफलता पाना चाहते हैं तो इस यंत्र के सामने ”ऊॅं ऐं महासरस्वत्यै नम:” मंत्र का एक माला जाप करना चाहिए। मान्यता है कि इस यंत्र को स्थापित करने से बुद्धि प्रखर होती है। जीवन में आ रही बाधाएं दूर हो जाती हैं। कुंडली में कई प्रकार के दोषों से मुक्ति के लिए ये यंत्र लाभकारी साबित हो सकता है।

Sarasvati Yantra Bhojpatra

Sarasvati Yantra Bhojpatra

माँ सरस्वती यंत्र इस प्रकार बनाये :

उपरोक्त माँ सरस्वती यंत्र का निर्माण प्रातः सुबह किया जाना चाहिए | भोजपत्र पर यंत्र का निर्माण करने से यंत्र प्रभावी रहता है | अनार की कलम द्वारा व अष्टगंध युक्त स्याही द्वारा भोजपत्र पर उपरोक्त यंत्र(Sarasvati Yantra Bhojpatra) का निर्माण किया जाना चाहिए | यंत्र निर्माण के उपरांत इसका विधिवत पूजन किया जाना चाहिए | यन्त्र का विधिवत पूजन आप किसी योग्य पंडित द्वारा करा सकते है |