शनिदेव जी की आरती | प्रतिदिन पढने से मिलते है चमत्कारिक फल

By | February 27, 2022

शनि देव को हिन्दू धर्म में न्याय के देव कहा गया है | मनुष्य के पाप और पुण्य कर्मो का फल देने का कार्य शनि देव द्वारा ही संचालित है | इसलिय जीवन में सुख प्राप्त करने के लिए शनि देव की आराधना/Shanidev Aarti आपके लिए चमत्कारी सिद्ध हो सकती है

शनि की साढ़े साती व शनि की ढईयां में शनि देव की पूजा करने से व कुछ सरल टोटके प्रयोग में लाने से शनि देव से मिलने वाली पीड़ा में  राहत मिलती है | कुंडली में शनि दोष होने पर भी शनि पूजा से लाभ मिलता है | शनि देव की आरती/Shanidev Aarti द्वारा उनका पूजन करना सबसे सरल व प्रभावी मार्ग है |

Shanidev Aarti

शनिदेव जी की आरती / Shanidev Aarti

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।

सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥

जय जय श्री शनि देव

श्याम अंग वक्र-दृ‍ष्टि चतुर्भुजा धारी।

नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥

जय जय श्री शनि देव

क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।

मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥

जय जय श्री शनि देव

मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।

लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥

जय जय श्री शनि देव

देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।

विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥

जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।।

कुंडली में शनि देव से शुभ फल प्राप्त करने हेतु आप उपरोक्त शनिदेव जी की आरती/Shanidev Aarti  द्वारा उनका पूजन प्रतिदिन शाम को धुप-दीप आदि लगाकर करें | मन में पूर्ण श्रद्धा व विश्वास के साथ आरती का मध्यम स्वर में गायन करना चाहिए | आरती के गायन में कोई त्रुटी न करें | शनिदेव जी की आरती के साथ हनुमान जी की आरती अवश्य करे | पूजा शुरू करने से पूर्व प्रथम गणेश जी की आरती से पूजा की शुरुआत करनी चाहिए | यह पढ़े : सम्पूर्ण शनि चालीसा

कुंडली में शनि की साढ़े साती व शनि की ढईयां में शनिदेव की आरती/Shanidev Aarti  द्वारा उनका पूजन करने के साथ-साथ प्रतिदिन काले कुत्ते को सरसों के तेल से चुपड़ी रोटी अवश्य खिलाया करें | यह छोटा सा उपाय करने से आपको चमत्कारिक परिणाम अवश्य देखने को मिलेंगे