शिव शाबर मंत्र | जप व प्रयोग विधि

By | February 2, 2022

सभी सिद्ध शाबर मंत्रो/(Shiv Shabar Mantra)का जन्म प्रायः सिद्ध साधकों के द्वारा ही हुआ है संभवतः यही कारण है कि मंत्र के समापन पर देवताओं को विकट आन या दुहाई दी जाती है | जिस प्रकार से एक बालक हठपूर्वक इधर-उधर की बातें कहकर आपना काम निकाल लिया करते है ठीक उसी प्रकार से स्वयं, सिद्ध साधकों ने शास्त्रीय मन्त्रों का सहारा न लेकर अपनी समस्याओं को अपनी ही भाषा में कहा और उस समस्या की पूर्ति न होने की स्थिति में एक हठी बालक की भांति इधर-उधर की ऐसी-वैसी बाते कहकर(जैसे : दुहाई देना, आन देना आदि) अपनी समस्या पूर्ति कर ली |

भगवान शिव को समर्पित शाबर मंत्र स्वयं में सिद्ध होता है | इसलिए इसे सिद्ध करने की आवश्यकता नहीं होती है | किन्तु मंत्र जप के माध्यम से इन्हें सक्रिय करना अति आवश्यक हो जाता है |

भगवान शिव तांत्रिक शाबर मंत्र :

आद अंत धरती, आद अंत परमात्मा

दोनों बीच बैठे शिवजी महात्मा , खोल घड़ा दे दडा

देखा शिवजी महाराज तेरे शब्द का तमाशा

शिव शाबर मंत्र जप विधि : Shiv Shabar Mantra

shiv shabar mantra

उपरोक्त भगवान शिव को समर्पित तांत्रिक शाबर मंत्र के लगातार 41 दिनों तक शिव मंदिर जाकर शिवलिंग के समक्ष बैठकर प्रतिदिन 108 बार जप करने चाहिए | यह कार्य सोमवार से शुरू करना चाहिए | प्रतिदिन भगवान शिव का रूद्र अभिषेक द्वारा उनका पूजन करना चाहिए | धुप-दीप प्रज्वलित कर उपरोक्त मंत्र के जप मन ही मन करने चाहिए | मंत्र जप के समय आपका ध्यान भगवान शिव पर होना चाहिए | आपके भाव और आपका विश्वास ही आपकी इस पूजा मंत्र साधना को सफल बनाएगा |

शिव शाबर मंत्र प्रयोग विधि :

भगवान शिव के इस शाबर मंत्र को 41 दिनों तक जप करने के उपरांत जब भी आप इसे प्रयोग में लाना चाहे | उपरोक्त मंत्र के 7 बार मन ही मन जप करके प्रसाद आदि पर फूंक लगाकर जिस भी व्यक्ति को खाने को यह प्रसाद देंगे उसके कष्ट भगवान शिव की कृपा से अवश्य दूर होंगे | स्वयं के लिए भी आप इसी विधि से मंत्र को प्रयोग में ला सकते है |