वर्ष 2020 श्रावण मास में मंत्र द्वारा शिव पूजा(उपासना)

By | June 27, 2020

सभी 12 माह में श्रावण मास एक ऐसा माह है जो आध्यात्मिक द्रष्टि से सबसे अधिक महत्व रखता है | यह सम्पूर्ण मास भगवान शिव उपासना के लिए समर्पित है | इस मास में सच्चे मन से शिवलिंग पूजा आपके सभी कष्टों को दूर करने वाली है | श्रावण मास में आने वाले सोमवार और शिवरात्रि पर्व विशेष रूप से फलदायी माने गये है | यदि देखा जाये तो श्रावण मास में किसी विशेष दिन का इन्तजार न करके सभी दिन भगवान शिव की उपासना करनी चाहिए | भगवान शिव जो भक्तों के थोड़े से भक्तिभाव से प्रसन्न होकर उन्हें फलीभूत करते है शिवरात्रि के पर्व पर उन्हें कावड़ के रूप गंगाजल अर्पित करने की परंपरा है |

श्रावण मास 2020 :

वर्ष 2020 में श्रावण मास का आरम्भ 6 जुलाई से होने वाला है और 3 अगस्त को श्रावण मास का अंतिम दिन होगा | इस वर्ष श्रावण मास की विशेष बात यह है कि 6 जुलाई 2020 को श्रावण मास का आरम्भ सोमवार के दिन से होने वाला है और 3 अगस्त श्रावण मास का अंतिम दिन भी सोमवार ही होने वाला है | इस प्रकार से वर्ष 2020 में श्रावण मास शिव उपासना की द्रष्टि से बहुत ही शुभ है और आपके लिए मंगलकारी भी |

श्रावण मास में शिव उपासना : –

श्रावण मास में विशेष रूप से भगवान शिव की उपासना शिवलिंग के रूप में की जाती है | शिव मंदिर जाकर शिवलिंग को जल अर्पित करना , शिवलिंग पूजा करना , शिवलिंग रुद्राभिषेक करना प्रमुख है | इसके अतिरिक्त हरिद्वार से शिवभक्त पैदल आकर या डाक कावड़ के रूप शिवरात्रि के दिन शिवलिंग को गंगाजल चढ़ाकर उन्हें प्रसन्न करते है | श्रावण मास के सभी सोमवार को व्रत रखने की परम्परा है | इन सबके अतरिक्त श्रावण मास में कोई भी बड़ा अनुष्ठान या पूजा का आयोजन बड़ा शुभ माना गया है |

श्रावण मास में सुन्दरकाण्ड पढ़ना, रामचरितमानस पढ़ना बहुत ही शुभ है | सामान्य दिनों की अपेक्षा श्रावण मास में धार्मिक ग्रन्ध पढ़ने से सभी कष्ट दूर होते है |

Shravan Shiv Mantra Puja :

Shravan Shiv Mantra Puja

श्रावण मास में मंत्र द्वारा शिव उपासना : –

सभी भक्त अपनी-अपनी श्रद्धा और सामर्थ्य के अनुसार इस मास में भगवान शिव की उपासना करते है और भगवान शिव का आशीर्वाद पाते है | श्रावण मास में महा मृत्युंजय मंत्र का जप सबसे अधिक प्रभावी और कल्याणकारी है | इस पवित्र माह में आप शिवलिंग पूजा के साथ-साथ यदि महा मृत्युंजय मंत्र का जप करते है तो आप न केवल सभी कष्टों से छुटकारा पाते है बल्कि मोक्ष प्राप्ति में भी अग्रसर होते है |

श्रावण मास में महा मृत्युंजय मंत्र जप का महत्व : –

जो लोग किसी लम्बी बीमारी से पीड़ित है, लाख प्रयत्न के बाद ही बीमारी उनसे पीछा नहीं छोड़ रही है उन्हें श्रावण मास में इस मंत्र का जप करना चाहिए | यदि संभव हो सके तो योग्य पंडित द्वारा महा मृत्युंजय मंत्र के 21000 जप कराने चाहिए और हवन(यज्ञ) का आयोजन करना चाहिए |

जिन लोगों की कुंडली काल सर्प दोष है उन्हें श्रावण मास में इस मंत्र द्वारा शिव उपासना करनी चाहिए | इससे काल सर्प दोष शांत होता है और सभी पीडाएं दूर है | यदि देखा जाए तो जिन लोगों की कुंडली में काल सर्प दोष होता है उन्हें नियमित रूप से महा मृत्युंजय मंत्र के जप करने चाहिए |

जिन युवा और युवतियों  का विवाह नहीं हो रहा, या विवाह में अड़चने आ रही है तो उन्हें श्रावण मास के पवित्र पर्व में ॐ नमः शिवाय मंत्र के जप करने चाहिए |

श्रावण मास में भगवान शिव के मंत्र का जप इस प्रकार करें :

श्रावण मास में आप भगवान शिव के किसी भी मंत्र का जप कर सकते है | महा मृत्युंजय मंत्र का जप शिव मंदिर में बैठकर करना चाहिए और अन्य मन्त्रों का जप आप घर पर पूजा के स्थान पर भी कर सकते है |

महा मृत्युंजय मंत्र

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥

श्रावण मास के पहले दिन से ही आप सुबह-सुबह जितना जल्दी हो सके शिव मंदिर जाए | शिवलिंग पूजा करें | शिवलिंग को जल अर्पित करें | शिवलिंग पूजा किस प्रकार करनी चाहिए इसके लिए आप यह पोस्ट पढ़ सकते है : शिवलिंग पूजा विधि |

शिवलिंग पूजा के उपरांत शिव मंदिर में यदि संभव हो सके तो शिवलिंग के समक्ष बैठकर मंत्र का जप करें | श्रावण मास में भक्तों की बहुत भीड़ होती है इसलिए आप शिव मंदिर किसी एकांत स्थान पर आसन बिछाकर मंत्र का जप कर सकते है | शिवलिंग पूजा आप पहले ही कर चुके है इसलिए अब आपको किसी अन्य विशेष पूजा की आवश्यकता नहीं है |

आप हाथ में जल लेकर संकल्प के साथ मंत्र जप कर सकते है या बिना संकल्प के भी, यह आपकी श्रद्धा पर है |

सर्वप्रथम भगवान श्री गणेश के स्तुति मंत्र द्वारा उनका स्मरण करें | अब आप महा मृत्युंजय मंत्र या ॐ नमः शिवाय मंत्र या अन्य कोई भी मंत्र का जप करना आरम्भ कर सकते है | मंत्र का जप मन ही मन करना चाहिए | मंत्र जप के समय सिर्फ आपके होंठ हिलते दिखाई दे, किन्तु मंत्र की ध्वनि किसी अन्य को सुनाई न दे |

मंत्र के जप की संख्या अपने सामर्थ्य अनुसार प्रथम दिन ही निश्चित कर ले | बाकि अन्य दिन उसी संख्या में मंत्र जप करने चाहिए | सभी दिन एक ही समय पर मंत्र जप करने चाहिए | श्रावण मास के सभी दिन यदि आप इस प्रकार से मंत्र जप करते है तो जीवन में किनता भी बड़ा कष्ट क्यों न हो, उससे छुटकारा अवश्य मिलता है और जीवन में खुशियों का संचार होने लगता है |