कलियुग में भगवान श्री कृष्ण, श्याम जी के नाम अधिक पूजे जाने लगे है | श्याम जी के भजन आजकल बहुत ही लोकप्रिय हो रहे है | श्याम जी पर आधारित बहुत से ऐसे भजन है जिनको सुनते है मन में भक्ति भाव आने लगते है | मन प्रसन्नचित होने लगता है | ऐसे ही भजनों में से एक है श्याम जी का एक भजन आज हम आपको देने जा रहे है जो भक्तों में बहुत ही प्रचलित हो रहा है |
Shyam Jhule Bhajan Lyrics Hindi
श्याम झूले हनुमत झूले भजन Lyrics हिंदी
श्याम झूले, हनुमत झूले, झूलें शंकर त्रिपुरारी,
राधा रानी झूला झूलें ओढ़े चुनर तारा री ||
श्याम झूले, हनुमत झूले, झूलें शंकर त्रिपुरारी,
राधा रानी झूला झूलें ओढ़े चुनर तारा री ||
दादुर मोर पपीहा बोले,शीतल पड़े फुहार,
छटा छबीली रंग रंगीली, खिल रही केसर क्यार |
ब्रम्हा विष्णु शंकर आये, और बजरंगी बलवान,
राधा झूला झूलन आई, और आये मदन मुरार ||
श्याम झूले, हनुमत झूले, झूलें शंकर त्रिपुरारी,
राधा रानी झूला झूलें ओढ़े चुनर तारा री ||
कैलाश से भोले आए है, बजरंगी वीर पधारे है,
बजरंगी वीर पधारे है, जो राम के सेवक प्यारे है |
जो राम के सेवक प्यारे है, सब भक्तो के रखवारे है,
सखिया आई बरसाने से, मनमोहन की प्यारी,
राधा रानी झूला झूले, ओढ़े चुनर तारा री ||
सुन मुरली वाले की मुरली, बजरंग हुए मतवाले है,
बजरंग हुए मतवाले है, सुध भूले डमरू वाले है |
सुध भूले डमरू वेल है, जो माँगो देने वाले है,
राधे श्याम का दर्शन करने, देखो आये त्रिपुरारी,
राधा रानी झूला झूले, ओढ़े चुनर तारा री ||
हनुमान झूले भोले झूले, झूले कृष्ण मुरारी है,
झूले कृष्ण मुरारी है, जिनके संग राधा प्यारी है |
जिनके संग राधा प्यारी है, और बृज की सखिया सारी है,
राधे श्याम की जोड़ी सबको, देखो लगती प्यारी है,
राधा रानी झूला झूले, ओढ़े चुनर तारा री ||
सावन की तीजो का मेला, हर एक मन को भाया है,
हर एक मन को भाया है, भक्तो ने खूब सजाया है |
भक्तो ने खूब सजाया है, शर्मा दर्शन को आया है,
लख्खा भी झांकी पे इनकी, देखो जाये बलिहारी,
राधा रानी झूला झूले, ओढ़े चुनर तारा री ||
श्याम झूले, हनुमत झूले, झूलें शंकर त्रिपुरारी,
राधा रानी झूला झूलें ओढ़े चुनर तारा री ||
श्याम झूले, हनुमत झूले, झूलें शंकर त्रिपुरारी,
राधा रानी झूला झूलें ओढ़े चुनर तारा री ||
Shyam Jhule Bhajan Lyrics Hindi
भजन के माध्यम से देव भक्ति करने का अपना ही एक अलग आनंद है | कर्णप्रिय भजन सुनने से एक तो मन प्रसन्न होता है और साथ में देव भक्ति भी स्वतः ही हो जाती है | भजन सुनते समय अपना ध्यान अपने देव की तरफ रखे | यदि आप भजन का गायन भी करे तो प्रयास करें कि आपके द्वारा भोले गये स्वर बहुत ही मधुर व कर्णप्रिय होने चाहिए जिससे अन्य सुनने वाले का मन भी प्रसन्नचित हो उठे