सिद्ध महामृत्युंजय यंत्र के लाभ व सिद्ध करने की विधि

By | June 29, 2020

हिन्दू धर्म में यंत्र को साक्षात् देव का रूप माना गया है | यंत्र मुख्य रूप से ताम्रपत्र या भोजपत्र पर अंकित किये जाते है | यंत्र में रेखाए – अंक और मंत्र व बीज मंत्र को व्यवस्थित रूप में भोजपत्र पर या ताम्रपत्र पर अंकित किया जाता है | यंत्र की प्राणप्रतिष्ठा किये जाने के बाद यह देव शक्तियों से समाहित हो जाता है | सभी देव व देवियों के लिए अलग-अलग यंत्र का उल्लेख मिलता है | किसी भी देव या देवी के मंत्र सिद्धि के समय सिद्ध यंत्र को सामने रखना अनिवार्य है | आज हम आपको भगवान शिव को समर्पित सिद्ध महामृत्युंजय यंत्र की महिमा के विषय में जानकारी देने वाले है |

महा मृत्युंजय यंत्र : –

महा मृत्युंजय यंत्र बहुत ही शक्तिशाली यंत्र है इसे घर में पूजा स्थल पर रखकर नियमित पूजा करने से अनेकों लाभ मिलते है | इस यंत्र में ॐ नमः शिवाय मंत्र के साथ-साथ शब्दों – अंकों और बीज मन्त्रों को रेखाओं में इस प्रकार से व्यवस्थित किया गया है जो आपके द्वारा उच्चारण किये गये मंत्र की ध्वनि को एक माध्यम बनकर भगवान शिव के समक्ष ले जाते है |

महा मृत्युंजय यंत्र बनाने की विधि : –

भगवान शिव के इस शक्तिशाली यंत्र को भोजपत्र पर या ताम्रपत्र पर अंकित किया जा सकता है | भोजपत्र पर इस यंत्र का निर्माण अष्टगंधा की स्याही से व अनार की कलम से किया जाना चाहिए | यंत्र को बनाने के लिए शुभ मुहूर्त का चुनाव करें और शांत मन से मन ही मन भगवान शिव का ध्यान करते हुए यंत्र का निर्माण करना चाहिए | नीचे दिए गये यंत्र को देखकर आप इस यंत्र का निर्माण कर सकते है |

Siddh Maha Mrityunjaya Yantra

Siddh Maha Mrityunjaya Yantra Benefits :

महा मृत्युंजय यंत्र के लाभ : –

मुख्य रूप से महा मृत्युंजय यंत्र अकाल मृत्यु के भय को दूर करता है | शरीर में कोई भी रोग चाहे वह शारीरिक हो या फिर मानसिक, महा मृत्युंजय यंत्र को पूजा स्थल पर रखकर इसकी पूजा करने से दूर होता है | शरीर के सभी कष्ट इस यंत्र की सहायता से दूर होते है | आकस्मिक दुर्घटना से यह यंत्र जातक की रक्षा करता है | यह यंत्र न केवल दीर्घायु देने वाला है बल्कि जातक के परिवार में सुख-शांति व सम्रद्धि भी इस यंत्र को पूजा स्थल पर स्थापित करने संभव है |

जिस प्रकार मंत्रों में महा मृत्युंजय मंत्र को श्रेष्ठ मंत्र की संज्ञा दी गयी है वैसे ही सभी यत्रों में महा मृत्युंजय यंत्र सबसे अधिक शक्तिशाली और महा यंत्र है | यह यंत्र एक प्रकार से रक्षा कवच के रूप में कार्य करता है जो जातक को बाहरी बाधाओं से दूर रखता है व आकस्मिक दुर्घटना और बीमारी से दूर रखता है |

Siddh Maha Mrityunjaya Yantra :

सिद्ध महा मृत्युंजय यंत्र की महिमा : –

यंत्र किसी भी देव का हो, जब तक इसकी प्राण प्रतिष्ठा नहीं की जाती यह प्रभावहीन रहता है | इसलिए महा मृत्युंजय यंत्र भी घर में स्थापित करने से पूर्व सिद्ध करना आवश्यक है | किसी योग्य पंडित की सहायता से आप महा मृत्युंजय यंत्र की प्राण प्रतिष्ठा(सिद्ध) करवा सकते है | सिद्ध यंत्र को पूजा स्थल पर स्थापित करने के उपरांत नियमित रूप से ॐ नमः शिवाय मंत्र जप द्वारा इसकी पूजा करनी चाहिए |

महा मृत्युंजय यंत्र सिद्ध करने की विधि : 

सबसे पहले किसी प्रतिष्ठित संस्थान से महा मृत्युंजय यंत्र घर ले आये | अब सोमवार के दिन सुबह-सुबह पूर्व दिशा की तरफ एक चौकी की स्थापना करें इस पर लाल रंग का कपडा बिछा दे | अब इस चौकी पर महा मृत्युंजय यंत्र को स्थापित करें | चौकी के आगे एक घी का दीपक जलाये और ॐ नमः शिवाय मंत्र के 5000 ज़प करें | इस प्रकार पांच हज़ार मंत्र जप के पश्चात् अगले दिन हवन करें व भगवान शिव के इस मंत्र की 500 आहुतियाँ दे | ऐसा करने के पश्चात् अंत में महा मृत्युंजय यंत्र को हवन के उपर से 21 बार वार (घुमा ) ले और हवन की भस्म द्वारा तिलक करें | इस प्रकार आप महा मृत्युंजय यंत्र को सिद्ध कर सकते है | इस सिद्ध  महा मृत्युंजय यंत्र को अपने पूजा स्थल में रखे व नियमित रूप से इसकी पूजा करें |

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यंत्र को सामान्य रूप से सिद्ध करने की यह बहुत ही सरल विधि है जिसे आप घर पर आसानी से कर सकते है | यंत्र की सम्पूर्ण प्राण प्रतिष्ठा एक बड़ी और जटिल पूजा होती है जिसे आप स्वयं से घर पर नहीं कर पायेंगे | यंत्र की सम्पूर्ण प्राण प्रतिष्ठा किसी योग्य व विद्वान् पंडित के द्वारा ही संपन्न कराना उचित होगा | आचार्य S N शर्मा के मार्गदर्शन से सम्पूर्ण प्राण प्रतिष्ठित यंत्र या सिद्ध यंत्र प्राप्त करने के लिए आप इस नंबर : 9671528510 पर whats app द्वारा संपर्क कर सकते है |