भोजपत्र पर निर्मित व मंत्र शक्ति द्वारा सिद्ध – श्री नवदुर्गा यंत्र

By | February 7, 2021

यंत्र क्या होते है व यंत्र किस प्रकार से कार्य करते है इससे आप अवश्य ही अवगत होंगे | मन्त्र शक्ति द्वारा अभिमंत्रित यंत्र चाहे वह किसी भी देव यह देवी से जुड़ा क्यों न हो, अवश्य ही शुभ फल देने वाला होता है | आज हम आपको श्री नवदुर्गा यंत्र बनाने व अभिमंत्रित करने के विषय में जानकारी देने वाले है |

श्री नवदुर्गा यंत्र को घर में विधिवत स्थापित कर नियमित रूप से पूजा करने से घर में सुख-शांति व आर्थिक सम्पन्नता आती है | ऐसे घर से सभी प्रकार के दुःख व दरिद्रता दूर होती होती है | नवराति के शुभ अवसर पर्व पर श्री नवदुर्गा जी के यंत्र को सामने रख माँ की चौकी की स्थपाना करने से विशेष रूप से फल प्राप्त होता है |

Sidh Shree Navdurga Yantra :

श्री नवदुर्गा यंत्र बनाने की विधि :

नीचे दिए गये यंत्र को शुक्रवार के दिन शुभ समय में निर्मित किया जाना चाहिए | यंत्र के निर्माण के लिए अनार की कलम व अष्टगंध की स्याही का प्रयोग करना चाहिए | यंत्र का निर्माण साफ भोजपत्र पर किया जाना चाहिए | नीचे दिए गये यंत्र को भोजपत्र पर निर्मित करें | अब इस यंत्र को आप किसी फ्रेम आदि में लगा ले | इस प्रकार से श्री नवदुर्गा यंत्र तैयार हो जाता है |

Sidh Shree Navdurga Yantra

श्री नवदुर्गा यंत्र के लाभ :

घर में सुख-शांति व सम्रद्धि के लिए माँ दुर्गा के इस शक्तिशाली यंत्र को घर में स्थापित किया जाना चाहिए | पीडाओं व कष्टों के निवारण में भी श्री नवदुर्गा यंत्र सकारात्मक परिणाम देने वाला है |

श्री नवदुर्गा यंत्र को सिद्ध करने की विधि :

एक चौकी की स्थापना करें | चौकी पर थोड़े फूल रखे व फूलों पर इस यंत्र को स्थापित कर दे | एक तेल का दीपक जलाएं | अब इस यंत्र पर चार बार थोड़े-थोड़े जल से छीटे लगायें | यंत्र को दूध से स्नान कराएँ, फिर शुद्ध जल से स्नान कराएँ | अब यंत्र को दही से स्नान कराएँ, फिर शुद्ध जल से स्नान कराएँ | अब थोड़े से शुद्ध देसी घी द्वारा यंत्र को स्नान कराए, व फिर से शुद्ध जल से स्नान कराएँ | ऐसा करने के पश्चात् अब इस यंत्र को शक्कर से स्नान कराये और बाद में शुद्ध जल से स्नान कराएं | इसके बाद यंत्र को शहद से स्नान कराएँ और फिर शुद्ध जल से स्नान कराएँ | और अंत में दूध,दही,घी , शक्कर और शहद सभी को मिलाकर एक साथ यंत्र को स्नान कराएँ, व यंत्र को शुद्ध जल से अच्छे से धो ले |

यंत्र को कुमकुम से तिलक कर चौकी पर स्थापित कर दे | यंत्र पर थोड़े चावल अर्पित करें व मिठाई का भोग लगाये | इतना करने के पश्चात् हाथ में जल लेकर संकल्प ले और माँ दुर्गा के इस मंत्र के लगातार 5000 जप करें | मंत्र इस प्रकार है : ॐ दुं दुं दुं दुर्गायै नम:  | 

माँ दुर्गा के उपरोक्त मंत्र के 5000 जप करने के पश्चात् फिर से हाथ में जल लेकर संकल्प ले और अपना स्थान छोड़ दे | अब इससे अगले दिन हवन का आयोजन करें और हवन में माँ दुर्गा के इस मंत्र की अधिक से अधिक आहुतियाँ दे | अंत में दुर्गा बीसा यंत्र को हवन कुंड के ऊपर से 21 बार वार ले |