सूर्य देव की पूजा करने की विधि | सूर्य पूजा से लाभ

By | November 30, 2017

हिन्दू धर्म में सूर्य को देवता के रूप में पूजा जाता है | अन्धकार को दूर कर प्रकाश की किरणे फैलाने वाले सूर्य देव को पंचदेवों में सबसे प्रमुख देवता माना जाता है | सूर्य इस ब्रम्हांड में उर्जा का एकमात्र स्त्रोत है और बिना उर्जा के संसार की हर सजीव वस्तु भी निष्क्रिय हो जाती है | सूर्य के मानव जीवन में महत्व को समझते हुए हिन्दू धर्म में ही नहीं अन्य धर्मो में भी सूर्य को धार्मिक द्रष्टि से देखा जाता है |

हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार सूर्य देव को जल अर्पण करने से व विधिवत सूर्य देव की पूजा करने से जीवन में सकारात्मक उर्जा का संचार होने के साथ-साथ पापों से मुक्ति मिलती है |

surya dev puja vidhi

सूर्य देव की आराधना से होने वाले लाभ :-

सूर्य देव की आराधना करने से मनुष्य बल , बुद्धि , तेज , मान -सम्मान , धन -सम्पति और स्वास्थ्य से परिपूर्ण होता है | इनके साथ -साथ सूर्य देव की नित्य आराधना करने से मानव जीवन में नव शक्ति का संचार होने लगता है | आइये जानते है सूर्य देव की पूजा से मानव जीवन पर होने वाले प्रभाव के विषय में विस्तार से : –

  1. सूर्य देव की आराधना से शरीर रोगमुक्त होता है | रोग कैसा भी क्यों न हो सूर्य देव की विधिवत आराधना से रोग से मुक्ति मिलने लगती है |
  2. मानसिक व्याधियों (चिंता , तनाव , अवसाद , नकारात्मक सोच ) से मुक्ति मिलने लगती है | सूर्य देव की पूजा से जीवन में सकारात्मक उर्जा का संचार होने लगता है |
  3. सूर्य देव की पूजा से मन से अहंकार, हीन भावना , ईर्ष्या के भाव दूर होते है |
  4. जन्म कुंडली में सूर्य दोष होने पर सूर्य देव की आराधना करना विशेष रूप से फलदायी माना गया है | ऐसे व्यक्ति को नियमित रूप से सूर्य देव की आराधना करनी चाहिए |
  5. सूर्य देव की आराधना से नौकरी में आई अड़चन दूर होती है व साथ ही नौकरी में पदौन्नति के अवसर प्राप्त होते है |
  6. जो व्यक्ति सम्पूर्ण जीवन सूर्य देव की आराधना करते है , उन्हें जल अर्पित करते है उनके चहरे पर सैदव तेज रहता है | ऐसे व्यक्ति में दूसरों को अपनी ओर आकर्षित करने की क्षमता विकसित होने लगती है |
  7. सूर्य देव की नित्य आराधना करने वाला व्यक्ति स्वभाव से निडर और शरीर से बलवान बनता है |

सूर्य देव की पूजा इस प्रकार करनी चाहिए :-

रविवार के दिन नवग्रह मंदिर जाकर सूर्यदेव को चंदन का लेप करें | दूप -दीप जलाये | सूर्य देव को जल से स्नान कराये | कुमकुम से टीका करें | इसके पश्चात् चावल , मीठा व पुष्प अर्पित करें | अब सूर्य देव के समक्ष बैठकर सूर्य देव के इस मंत्र के यथासंभव हो सके उतने जप करें :-

ऊँ खखोल्काय शान्ताय करणत्रयहेतवे। 

निवेदयामि चात्मानं नमस्ते ज्ञानरूपिणे।।

त्वमेव ब्रह्म परममापो ज्योती रसोमृत्तम्।

भूर्भुव: स्वस्त्वमोङ्कार: सर्वो रुद्र: सनातन:।। 

सूर्य देव को जल अर्पित करने की विधि :-

सूर्य देव एकमात्र ऐसे देव है जो प्रत्यक्ष दिखाई देते है इसलिए सूर्य देव की आराधना घर में पूजा स्थल की जगह बाहर खुले में सूर्य देव के समक्ष करना अधिक फलदायी है |

सूर्यदेव की पूजा  में सूर्यदेव को जल अर्पित करना सबसे अधिक महत्व रखता है | इसे हम सूर्य को अर्ध्य देना कहते है | सूर्यदेव को अर्ध्य देने हेतु सुबह सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करें और जैसे ही सूर्य उदय होता है आप पूर्व दिशा की तरफ मुख करके खड़े हो जाये | एक ताम्बे के पात्र में जल भरकर इसमें थोड़े चावल , थोड़ी चीनी , पुष्प डाले व कुमकुम द्वारा जल में छीटे लगाये |

अब आप सूर्य देव के सामने खड़े होकर ताम्बे के पात्र द्वारा दोनों हाथों से जल नीचे जमीन पर छोड़ते जाये | ध्यान दे, ताम्बे के पात्र को अपने सीने के सामने रखे और सूर्य देव को जल अर्पित करते हुए पात्र को कंधो से ऊपर तक ले जाने का प्रयास करें | पात्र द्वारा नीचे गिरने वाली जलधारा में सूर्य के प्रतिबिम्ब को देखने का प्रयास करें |

सूर्य देव को अर्ध्य देते समय निरंतर सूर्यदेव के इस मंत्र का जप करते रहे : ” ॐ सूर्याय नमः ” | सूर्य देव को अर्ध्य देने के पश्चात् नीचे झुककर जल को स्पर्श करें और अंत में सीधे खड़े होकर हाथ जोड़कर सूर्यदेव को प्रणाम करें |   ⇒  गृह कलेश दूर करने का अदभुत टोटका || 

सूर्य देव को जल अर्पित करने का सबसे उत्तम समय सूर्य उदय से लेकर इसके एक घंटे बाद तक होता है | इसलिए इस अवधि में ही सूर्यदेव को अर्ध्य देने का प्रयत्न करें | रविवार का दिन सूर्य देव की पूजा   के लिए विशेष माना गया है, यदि समय का अभाव रहते आप नियमित सूर्यदेव को अर्ध्य नहीं दे पाते है तो रविवार के दिन सूर्य देव को अर्ध्य जरुर दे |

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *