भोजपत्र पर निर्मित सूर्य यंत्र | रोग मुक्ति व यश पाप्ति हेतु घर में इस प्रकार करें स्थापित

By | August 8, 2020

जो जातक ज्योतिष में विश्वास रखते है उनके लिए यह पोस्ट बड़ा ही शुभ फल देने वाला हो सकता है | सम्पूर्ण ज्योतिष विद्या 9 ग्रहों पर आधारित है | सूर्य को सभी 9 ग्रहों में प्रधान माना गया है | इसे आत्मा का कारक माना गया है | शरीर के रोग, मान-सम्मान, यश प्राप्ति, सरकारी नौकरी ये सभी सूर्य के प्रभाव से संचालित है | सिद्ध सूर्य यंत्र/Surya Yantra को घर में पूजा स्थल पर स्थापित कर सूर्य देव के बीज मंत्र द्वारा नियमित पूजा करने से उपरोत्क सभी समस्याओं में लाभ मिलता है |

जिस जातक की कुंडली में सूर्य की स्थिति कमजोर होती है ऐसी स्थिति में सूर्य द्वारा शुभ फल की प्राप्ति नहीं होती | सूर्य के कमजोर प्रभाव को बल देने के लिए सूर्य उपासना का प्रावधान है | जो लोग नियमित रूप से सूर्य को अर्ध्य देते है व सूर्य देव की पूजा करते है, ऐसा करने से धीरे-धीरे सूर्य के कमजोर प्रभाव दूर होकर शुभ फल की प्राप्ति होती है |

जिस जातक की राशी सिंह है उनके स्वामी गृह सूर्य होते है | ऐसे जातक के लिए सूर्य देव की उपासना करना उनके सभी कष्टों का निवारण करने वाली है | किसी अच्छे ज्योतिष आचार्य को अपनी कुंडली दिखाकर सूर्य की स्थिति का अनुमान लगाया जा सकता है | यदि आपकी कुंडली में सूर्य नीच का है या शुभ फल नहीं दे रहा है तो सिद्ध सूर्य यंत्र द्वारा सूर्य देव की उपासना से आपके सभी कष्ट दूर हो सकते है |

बिना कुंडली के कैसे जाने आपका सूर्य कमजोर है ? :

अपने जीवन में आ रही समस्याओं के आधार पर भी आप यह अनुमान लगा सकते है कि आपका सूर्य कमजोर है | जैसे : यदि आप अक्सर रोगों से ग्रसित रहते है, सरकारी नौकरी लगते-लगते रह जाती है | समाज में मान-सम्मान नहीं मिल रहा है या आपमें आत्म विश्वास की कमी है | इस प्रकार की कठिनाइयाँ अनुभव होने पर समझ जाए कि आपका सूर्य कमजोर है | सिद्ध सूर्य यंत्र/Surya Yantra पूजा द्वारा आप कमजोर सूर्य को बल दे सकते है |

सूर्य यंत्र निर्माण विधि :

नीचे दिए गये सूर्य यंत्र को रविवार के दिन भोजपत्र पर अष्टगंध की स्याई द्वारा अंकित किया जाना चाहिए | स्नान आदि करके, सूर्य को अर्ध्य देने के पश्चात् शांत मन से पूर्वाभिमुख होकर मन में सूर्य देव का स्मरण करते हुए इस यंत्र का निर्माण करना चाहिए | यंत्र निर्माण के पश्चात यंत्र को लेमिनेशन अवश्य करा ले | आप चाहे तो बाजार से अष्टधातु या ताम्रपत्र पर अंकित यंत्र भी ले सकते है |

Surya Yantra

siddh surya yantra bhojpatra

सिद्ध सूर्य यंत्र :

सूर्य देव के इस यंत्र को सिद्ध करने के उपरांत ही घर में स्थापित करना चाहिए | यंत्र को बिना सिद्ध किये स्थापित करने से लाभ न के बराबर मिलते है | यंत्र को यदि विधिवत सिद्ध किया जाता है या यंत्र की प्राणप्रतिष्ठा ठीक प्रकार से की जाती है तो यह चमत्कारिक परिणाम देने वाला सिद्ध होता है | यंत्र के प्राण प्रतिष्ठा का विधान बहुत बड़ा है जिसे अनुभवी पंडित द्वारा ही संपन्न किया जा सकता है | यंत्र को सिद्ध करने की विधि थोड़ी आसान होती है | इसे आप स्वयं भी कर सकते है |

सूर्य देव के इस यंत्र को सिद्ध करने की विधि में प्रथम यंत्र का पूजन किया जाता है | यंत्र का दूध – दही -शर्करा -घी -शहद और गंगाजल द्वारा अभिषेक किया जाता है | इसके उपरांत सूर्य देव के बीज मंत्र :  ”ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम: ” के 5000 संख्या में जप संकल्प लेकर किये जाते है | इसके उपरांत हवन के माध्यम से सूर्य मंत्र की आहुतियाँ देकर यंत्र को सक्रिय बनाया जाता है |

सिद्ध सूर्य यंत्र की महिमा/लाभ :

सिद्ध सूर्य यंत्र विधिवत घर में स्थापित कर नियमित रूप से इसका पुजन करने से घर में सकारात्मक उर्जा आने लगती है | परिवार से रोग-दोष दूर होते है | आपके मान-सम्मान में वृद्धि होने लगती है | आप आत्मविश्वास से परिपूर्ण होने लगते है | सरकारी नौकरी में आने वाली रूकावटे दूर होती है | नौकरी में पदौन्नती के अवसर बनते है | मुकदमे आदि से शीघ्र छुटकारा मिलता है | सिद्ध यंत्र की महिमा से आपका सम्पूर्ण जीवन एक नई दिशा की ओर अग्रसर होने लगता है जिसमें आप आत्मविश्वास, बल और यश के साथ होते है |

सिद्ध सूर्य यंत्र की स्थापना विधि :

सिद्ध सूर्य यंत्र को रविवार के दिन ही स्थापित करना शुभ होता है | यंत्र की स्थपाना पूर्व दिशा या ईशान कोण में करनी चाहिए | धरातल से थोड़ी ऊचाई वाले स्थान पर इस यंत्र को नीचे सुनहरा या स्वर्णिम रंग का कपड़ा बिछाकर स्थापित करें |

सिद्ध सूर्य यंत्र नियमित पूजन विधि :

सिद्ध सूर्य यंत्र को पूजा स्थल पर स्थापित करने के उपरांत इसकी नियमित पूजा अनिवार्य है | प्रातः स्नान आदि से निवृत होकर यंत्र के सामने आसन बिछाकर शांत मन से बैठ जाये | यंत्र के सामने घी का दीपक व धुप आदि लगाये | लाल पुष्प और केशर अर्पित करें | चंदन द्वारा यंत्र को तिलक करें |

अब सूर्य देव के इस बीज मंत्र : ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:  का उच्चारण कम से कम 21 बार करें | आप चाहे तो जप की संख्या बढ़ा भी सकते है | नियमित रूप से एक ही संख्या में मंत्र जप करना चाहिए | मंत्र जप के उपरांत सूर्य यंत्र को नमन कर आप स्थान छोड़ सकते है |

सिद्ध सूर्य यंत्र को हमारे ऑनलाइन स्टोर से order करने के लिए visit करें : MantraCure : Buy Siddha Surya Yantra 

अल्टीमेट ज्ञान संस्थान द्वारा भोजपत्र पर निर्मित यह सूर्य यंत्र/Surya Yantra आचार्य S N शर्मा के मार्गदर्शन द्वारा सिद्ध किया गया है | आचार्य S N शर्मा द्वारा सिद्ध सूर्य यंत्र प्राप्त करने के लिए इस नम्बर : 9671528510 पर whats app द्वारा संपर्क कर सकते है |

 

 

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *