सभी सिद्ध शाबर मंत्रो/(Shiv Shabar Mantra)का जन्म प्रायः सिद्ध साधकों के द्वारा ही हुआ है संभवतः यही कारण है कि मंत्र के समापन पर देवताओं को विकट आन या दुहाई दी जाती है | जिस प्रकार से एक बालक हठपूर्वक इधर-उधर की बातें कहकर आपना काम निकाल लिया करते है ठीक उसी प्रकार से स्वयं, सिद्ध साधकों ने शास्त्रीय मन्त्रों का सहारा न लेकर अपनी समस्याओं को अपनी ही भाषा में कहा और उस समस्या की पूर्ति न होने की स्थिति में एक हठी बालक की भांति इधर-उधर की ऐसी-वैसी बाते कहकर(जैसे : दुहाई देना, आन देना आदि) अपनी समस्या पूर्ति कर ली |
भगवान शिव को समर्पित शाबर मंत्र स्वयं में सिद्ध होता है | इसलिए इसे सिद्ध करने की आवश्यकता नहीं होती है | किन्तु मंत्र जप के माध्यम से इन्हें सक्रिय करना अति आवश्यक हो जाता है |
भगवान शिव तांत्रिक शाबर मंत्र :
आद अंत धरती, आद अंत परमात्मा
दोनों बीच बैठे शिवजी महात्मा , खोल घड़ा दे दडा
देखा शिवजी महाराज तेरे शब्द का तमाशा
शिव शाबर मंत्र जप विधि : Shiv Shabar Mantra
उपरोक्त भगवान शिव को समर्पित तांत्रिक शाबर मंत्र के लगातार 41 दिनों तक शिव मंदिर जाकर शिवलिंग के समक्ष बैठकर प्रतिदिन 108 बार जप करने चाहिए | यह कार्य सोमवार से शुरू करना चाहिए | प्रतिदिन भगवान शिव का रूद्र अभिषेक द्वारा उनका पूजन करना चाहिए | धुप-दीप प्रज्वलित कर उपरोक्त मंत्र के जप मन ही मन करने चाहिए | मंत्र जप के समय आपका ध्यान भगवान शिव पर होना चाहिए | आपके भाव और आपका विश्वास ही आपकी इस पूजा मंत्र साधना को सफल बनाएगा |
शिव शाबर मंत्र प्रयोग विधि :
भगवान शिव के इस शाबर मंत्र को 41 दिनों तक जप करने के उपरांत जब भी आप इसे प्रयोग में लाना चाहे | उपरोक्त मंत्र के 7 बार मन ही मन जप करके प्रसाद आदि पर फूंक लगाकर जिस भी व्यक्ति को खाने को यह प्रसाद देंगे उसके कष्ट भगवान शिव की कृपा से अवश्य दूर होंगे | स्वयं के लिए भी आप इसी विधि से मंत्र को प्रयोग में ला सकते है |