Description
यदि आपकी कुंडली में बुध गृह कमजोर है या बुध गृह से उचित फल की प्राप्ति नहीं हो रही है | ऐसे में श्री बुध यंत्र लॉकेट आपके बहुत काम आ सकता है | यदि आपकी कुंडली में बुध गृह स्वामी है तो ऐसे में भी श्री बुध यंत्र लॉकेट से सभी ग्रहों को बल मिलता है | बुध गृह को बुद्धि व सौंदर्य का कारक माना गया है | बुध यंत्र लॉकेट धारण करने से आप तीव्र बुद्धि व अच्छे व्यक्तित्व के स्वामी बन सकते है |
सिद्ध बुध यंत्र लॉकेट :
अल्टीमेट ज्ञान ज्योतिष केंद्र आचार्य श्री तरुण शर्मा द्वारा, वैदिक विधि द्वारा जातक की समस्या का निवारण यंत्र व मंत्र शक्ति के माध्यम से सिद्ध लॉकेट के द्वारा किया जाता है | जो बहुत शीघ्र अपना प्रभाव दिखाता है और जातक को गृह से अच्छे फल की प्राप्ति अतिशीघ्र मिलने लगते है |
सिद्ध बुध यंत्र लॉकेट क्यों पहने, पन्ना रत्न क्यों नहीं : –
ज्योतिष शास्त्र की द्रष्टि से कुंडली में सभी गृह बहुत अधिक महत्व रखते है ऐसे में किसी भी गृह को प्रबल व अनुकूल करने हेतु ज्योतिष आपको रत्न व उपरत्न पहनने की सलाह देते है | किन्तु रत्न व उपरत्न धारण करने से भी समस्या का हल नहीं होता है क्योंकि देखा जाये तो रत्न एक पत्थर ही होता है जो आपके लिए शुभ – अशुभ तो हो सकता है किन्तु विशेष गृह को बल देने में असमर्थ होता है | वही दूसरी तरफ ग्रहों से जुड़े सभी यंत्र विशेष रूप से उस गृह के लिए ही होते है जिसमें अंको और बीज मंत्र का मिश्रण वैदिक द्रष्टि से अवश्य जातक को लाभ प्रदान करते है |
सिद्ध बुध यंत्र लॉकेट का लाभ :
जो भी जातक श्री बुध लॉकेट को गले में धारण करते है वे निम्न प्रकार से लाभान्वित होते है :
- बुध यंत्र को स्थापित करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आत्मविश्वास की वृद्धि होती है।
- बुध यंत्र संगीत, एक्टिंग, डायरेक्शन, राइटिंग आदि के क्षेत्रों से जुड़े जातकों को शुभ फल प्रदान करता है।
- बुध यंत्र का शुभ प्रभाव व्यवसाय और व्यापार के माध्यम से अधिक धन अर्जित करने और अधिक सफलता प्राप्त करने में भी मदद करता है।
- जिन विद्यार्थियों का मन पढ़ने- लिखने में नहीं लगता है या उन्हें हमेशा पढ़ाई का स्ट्रेस बना रहता है, उनके लिए बुध यंत्र पेडेंट को धारण करना लाभदायक रहता है।
- बुध यंत्र का प्रयोग किसी कुंडली में अशुभ बुद्ध द्वारा बनाए जाने वाले दोषों को कम करने के लिए या उनके निवारण के लिए किया जा सकता है।
- जिन ब्यक्तियों को अस्थमा या श्वसन सम्बंधी परेशानी होने पर, बदहजमी, (Indigestion), कान से सम्बंधित रोग, तुतलाना या रुक रुक के बोलने पर, याददाशत कमजोर होने पर तथा चर्म रोग से बचने के लिये यह यंत्र धारण करना चाहिए।