पूजा -पाठ का सम्पूर्ण फल पाने के लिए , इस प्रकार संकल्प लेना है जरुरी |

By | October 5, 2017

सभी भक्तजन समय – समय पर देवों को खुश करने हेतु पूजा – पाठ का आयोजन करते रहते है | यह पूजा प्रतिदिन , सप्ताह के किसी विशेष दिन या फिर किसी विशेष पर्व पर हो सकती है यह सब किसी व्यक्ति के भक्ति भाव और उसकी भगवान के प्रति श्रद्धा पर निर्भर करता है | सामान्यतः भक्ति भाव रखने वाले व्यक्ति नियमित रूप से सुबह और शाम के समय पूजा करते है और सप्ताह के किसी विशेष दिन अपने ईष्ट देव की पूजा करते है |

कभी – कभी व्यक्ति जीवन में कठिनाइयों से घिर जाने पर उनके निवारण हेतु विशेष पूजा -पाठ का आयोजन करता है | और उसका प्रतिफल भी उसे शीघ्र ही मिलने लगता है | किन्तु किसी भी पूजा -पाठ का सम्पूर्ण फल पाने के लिए पूजा शुरू करने से पहले संकल्प लेना बहुत जरुरी होता है |

संकल्प : – किसी कार्य को पूर्ण करने के लिए द्रढ़ निश्चय कर लेना फिर चाहे परिस्तिथियाँ अनूकुल हो या प्रतिकूल , तब व्यक्ति के लिए उस कार्य की पूर्णता अंतिम लक्ष्य बन जाता है | यही संकल्प है | किन्तु पूजा – पाठ के समय संकल्प में द्रढ़ निश्चय के साथ -साथ एक अरदास भी लगाई जाती है |

पूजा – पाठ से पहले संकल्प लेने की विधि : – 

Pooja path me sankalp kyon liya jata hai

हमारे धरम शास्त्रों के अनुसार किसी भी कार्य की सिद्धि के लिए की गयी कोई भी पूजा या अनुष्ठान के शुरू करने से पहले संकल्प लिया जाता है | संकल्प लेने के लिए सामने गणेश जी स्थापना कर हाथ में थोडा जल या चावल लेकर इस प्रकार बोले : –

” हे परमपिता परमेश्वर, मैं ( अपना नाम और अपना गोत्र बोले ) ना आपकी पूजा -पाठ जानता हूं , ना मंत्र जानता हूं , ना यन्त्र जानता हूं, ना वेद -पाठ पढ़ना जानता हूं , ना स्वाध्याय जानता हूं , ना सत्संग जानता हूं , ना क्रियाएं जानता हूं , ना मुद्राएँ जानता हूं , ना आसन जानता हूं , मैं तो आप द्वारा दी गई बुद्धि से यथा समय, यथा शक्ति यह (यहाँ  ‘यह’  के स्थान पर पूजा का नाम बोले ) पूजा पाठ कर रहा हूं | हे परमपिता परमेश्वर इसमें कोई गलती हो तो क्षमा करें , और मुझ पर और मेरे परिवार पर अपनी कृपा द्रष्टि बनाये रखे | मेरे और मेरे परिवार में सभी अरिष्ट , जरा , पीड़ा , बाधा ,  रोग, दोष ,  भूत बाधा , प्रेत बाधा ,  जिन्न बाधा , पिसाच बाधा , डाकिनी बाधा , शाकिनी बाधा , नवग्रह बाधा , नक्षत्र बाधा , अग्नि बाधा , अग्नि बेताल बाधा , जल बाधा , किसी भी प्रकार की कोई बाधाएं हो तो  उनका निवारण करें | मेरे और मेरे परिवार के इस जन्म में और पहले के जन्म में यदि कोई पाप हुए हो तो उनका समूल निवारण कर दे | मेरे और मेरे परिवार के जन्म कुंडली में यदि किसी प्रकार की दुष्ट गृह की नजर पड़ रही हो तो उन्हें शांत कर दे | मेरे और मेरे परिवार की जन्म कुंडली में कोई गोचर दशा , अंतर दशा , विन्शोत्री दशा , मांगलिक दशा और कालसर्प दशा , किसी भी प्रकार की कोई दशा हो तो उनको समाप्त कर दे | मेरे और मेरे परिवार में आयु , आरोग्य , एश्वर्य , धन सम्पत्ति की वृद्धि करें और मेरे और मेरे परिवार पर , पशुओं पर और वाहन पर अपनी शुभ द्रष्टि बनाये रखे इसके लिए मैं इस पूजा का (भगवान् श्री गणेश जी के  साथ -साथ सभी देवी – देवताओं का ) संकल्प लेता हूं | ”

इस प्रकार से संकल्प लेने के पश्चात् यदि आपने हथेली पर जल लेकर संकल्प किया तो इस जल को नीचे जमीन पर छोड़ दे | यदि आपने हथेली में चावल रखकर संकल्प किया है तो चावल को गणेश जी पर छोड़ दे |

इस प्रकार से किसी भी पूजा -पाठ में संकल्प लेने से सम्पूर्ण फल की प्राप्ति होती है | इस संकल्प विधि में संकल्प के साथ -साथ अरदास भी निहित होती है |  ( अरदास क्या होती है ? अपने देवों से कैसे करें अरदास ? इसके लिए यहाँ click करें – click here )

पूजा में संकल्प का महत्व : – 

धरम शास्त्रों के अनुसार यदि पूजा में संकल्प नहीं लिया जाता है तो सम्पूर्ण फल की प्राप्ति नहीं होती है | इसके पीछे मान्यता है कि पूजा से पहले संकल्प न लेने पर पूजा का सम्पूर्ण फल इंद्र देव को प्राप्त हो जाता है | इसलिए पूजा से पहले उपरोक्त विधि अनुसार संकल्प ले फिर पूजा आरम्भ करें |

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पूजा में संकल्प लेने से उस पूजा को पूरा करना जरुरी हो जाता है | इसलिए व्यक्ति को संकल्प द्वारा साहस और शक्ति मिलती है जिससे वह विषम परिस्तिथियों में भी पूजा को पूर्ण करने में सक्षम हो जाता है |

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9 thoughts on “पूजा -पाठ का सम्पूर्ण फल पाने के लिए , इस प्रकार संकल्प लेना है जरुरी |

  1. अजय

    गुरु जी,
    आप के द्वारा दी जानकारी बहुत अच्छी होती है. मैं सुबह 8 से 9 बजे तक ऑफिस में होता हूँ. तो 9 बजे आके चालीसा और आरती कर सकता हूँ या नहीं.मैं कुछ बातें समझ नहीं पाता. मैं माँ दुर्गा और शिव की पूजा करता हूँ. क्या आप मुझे नवरात्रि में किस प्रकार अखण्ड ज्योति जलानी है.कैसे संकल्प ले.संकल्प ज्योति जलाने से पहले या बाद में ले.शिव को गुरु कैसे बनाये.चावल जो हम पिर्त और अन्य देवताओं के लिए चौकी में रखते हैं. उनका पूजा के बाद क्या करें.सप्तसती पाठ कैसे करें. सिद्ध कुंजिकास्तोत्र पाठ कैसे पूरा करें ये स्त्रोत सप्तसती से पहले करें या बाद में.माला का जाप पाठ से पहले करना उचित है या बाद में करें . अखण्ड ज्योति की बाती अगर कम हो जाये तो कैसे और क्या कर के बदले या बुझ जाए तो क्या करे।.पूजा पाठ सुबह कब शुरू कर सकते हैं. शरीर, मन,और आसन को शुद्ध कैसे करे.सप्तसती का पाठ और कुंजिकास्तोत्र सिद्ध कैसे करूँ.
    यानी आप मुझे माँ दुर्गा और शिव की भक्ति का पूरा ज्ञान दे.आपकी मुझ पे बहुत कृपा होगी.मैं सदा आभारी रहूंगा.
    धन्यवाद

    1. TARUN SHARMA Post author

      अजय जी बहुत सी जानकारी तो आप अल्टीमेट ज्ञान YouTube Channel पर देख सकते है | यदि फिर भी आप विस्तार से जानना चाहते है तो तो संपर्क करें : 7027140920 |
      आपका दिन शुभ हो
      धन्यवाद् |

  2. Shalini

    Guru ji ghr pr beemar maa ko swasth krne ki mnokamna poori krne k lye kon sa mantr sidh kiya jata h grahan k samay or kese
    Grahan k samay mantr sidhi k lye ghee ka deepk ghr m jo mandir h usi m deepak jlana h ya alg
    Poori jankari dene ki krpa krye
    Kl chandr grahan h

    1. TARUN SHARMA Post author

      आप अपनी माँ के अच्छे स्वास्थ्य के लिए मृत्युंजय मंत्र के जप करें 41 दिन तक शिव मंदिर में जाकर | आपकी माँ के नाम से संकल्प लेकर ये मंत्र जप शुरू करें |

      बीमारी के लिए इससे अच्छा कोई मंत्र नहीं है |

      इस मंत्र को चन्द्र ग्रहण पर जप करने की आवश्यकता नहीं है |

      चन्द्र ग्रहण पर आप किसी भी शाबर मंत्र को सिद्ध कर सकते है |
      website से शाबर मंत्र रोग निवारण इस post को देखे और मंत्र जप करें |

      अल्टीमेट ज्ञान से जुड़ने के लिए धन्यवाद |

  3. Ghanshyam singh chouhan

    गुरु जी नमस्कार मैं घनश्याम सिंह चौहान मैं शासकीय विद्यालय में अतिथि शिक्षक हूं मैं शासकीय शिक्षक बनना चाहता हूं उसके लिए मुझे क्या करना पड़ेगा कौन सी साधना करनी पड़ेगी कैसा संकल्प करना पड़ेगा और मैं यह मेरी मनोकामना कैसे पूर्ण होगी इसके लिए मुझे कुछ विधान बताए ऐसा साधन बताए जो मैं अपने लक्ष्य में को प्राप्त कर लो धन्यवाद

    1. TARUN SHARMA Post author

      घनश्याम जी, अल्टीमेट ज्ञान में आपका स्वागत है |
      आप 7027140920 no. पर सीधे आचार्य जी से निसंकोच सम्पर्क कर सकते है |
      बने रहे अल्टीमेट ज्ञान के साथ |

      धन्यवाद
      अल्टीमेट ज्ञान

      1. Yashpal Singh

        Maharaj ji namaskar Mai Yashpal Ludhiana shaher se, Maharaj ji Mai matamahakali ki Sidhi karna chahta Hun kripya koi sahi tareeka bataye

  4. Alka pal

    Guru ji sankalp 21din tak roj lena h ya bs pahele din hi lena h.

    Kya sabhi vart aur puja m sankalp lena hota h aur un sab ki sanklp vidi saman hoti h.

    Yadi hm daily puja m kisi mantra ko padte h bina sanklp k toh kya hme uska laabh milta h ya daily puja bhi roj sankalp karna hota h plz reply me guru ji

    1. ishwar kant tripathi

      kise vises pooja ke liye le rahe tu ek bar hi karna hota h thik bar bar nahi

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