जब बात ज्योतिष शास्त्र की होती है तो कुंडली मे लग्न चार्ट को सबसे अधिक महत्व दोए गया है । जातक के जन्म के समय जो ग्रह जिस स्थान पर थे वे जातक के लग्न चार्ट में अंकित हो जाते है और सम्पूर्ण जीवन लग्न चार्ट में ग्रह उसी स्थान पर होते है ।
ज्योतिष की दृष्टि से सभी ग्रह जातक के लिए बहुत महत्व रखते है व प्रत्यक्ष रूप से जातक के जीवन मे अपना प्रभाव दिखाते है । इन ग्रहों के प्रभाव को अनुकूल बनाने हेतु जातक को रत्न व उपरत्न पहनने की सलाह दी जाती है ।
जातक की राशि के अनुसार अधिकतर ज्योतिष्कार रत्न धारण करने की सलाह देते है तो कुछ ज्योतिष्कार लग्न राशि के अनुसार रत्न व उपरत्न का सुझाव देते है । जहां तक देखा जाए तो ये दोनों ही अपने अपने स्थान पर ठीक है । किंतु इनमें से कोई भी स्टोन आपके भाग्य को पूर्ण रूप से बदलने की क्षमता नही रखता है । ऐसे में जातक के लिए भाग्य के आधार पर रत्न का सुझाव देना , जातक के किसी चमत्कार से कम नही है ।
जी हां, आज हम आपको आपके लग्न चार्ट के आधार पर आपके लिए भाग्य रत्न कौन सा है यह बताने वाले है । किंतु इसके लिए आपको सभी 12 राशियों व उनके स्वामी के विषय के ज्ञान होना चाहिए ।
कुंडली के सभी 12 भाव मे 9th भाव का स्वामी ग्रह आपका भाग्य का कारक माना गया है । जैसे आपकी कुंडली के 9th भाव मे 11 नंबर लिखा हुआ है । यानी 9th भाव कुम्भ राशि को मिला है । कुम्भ राशि के स्वामी शनि देव है व शनिदेव के लिए नीलम रत्न धारण किया जाता है । इस प्रकार से उपरोक्त कुंडली के लिए नीलम भाग्य रत्न है । नीलम धारण करने से उपरोक्त जातक को भाग्य के चमत्कारिक सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे ।
इस प्रकार से आप भी अपनी कुंडली के 9th भाव की स्वामी राशि के अनुसार अपने लिए भाग्य रत्न का पता लगा सकते है ।