महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव का सबसे बड़ा मंत्र माना जाता है | ऋग्वेद में इस मंत्र का उल्लेख मिलता है | शास्त्रों में उल्लेख मिलता है कि ऋषि मार्कंडेय की भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव द्वारा यह मंत्र ऋषि मार्कंडेय को दिया गया था | असाध्य रोग से पीड़ित व्यक्ति के लिए यह मंत्र संजीविनी बूटी का कार्य करता है ।
महामृत्युंजय मंत्र का जप किसलिए किया जाता है :
महामृत्युंजय मंत्र के जप करने से असाध्य रोग से पीड़ित व्यक्ति को रोग से छुटकारा मिलता है |यदि कोई ऐसा बीमार व्यक्ति जो असहनीय पीड़ा झेल रहा हो और जीवन और मृत्यु के बीच में दिखाई देने लगे | ऐसे में उस व्यक्ति के नाम से किसी विद्वान पंडित द्वारा महा मृत्युंजय मंत्र के सवा लाख जाप करवाने से सम्भावना है कि उसकी पीड़ा शांत हो जाये नहीं तो पीड़ित व्यक्ति अपनी पीड़ा से मुक्त होकर मोक्ष को प्राप्त होता है| स्वस्थ व्यक्ति इस मंत्र के नियमित जाप से मृत्यु के भय से मुक्त होकर मोक्ष को प्राप्त होता है |
इस मंत्र के नियमित जाप और श्रवण मात्र से मनुष्य को सभी प्रकार से भय , रोग, दोष और पाप आदि से मुक्ति मिलती है | ऐसा व्यक्ति सभी सांसारिक सुखों को प्राप्त करता है और अंत में मोक्ष को प्राप्त होता है |
मृत्युंजय मंत्र :-
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥
महामृत्युंजय मंत्र के जप व्यक्ति द्वारा स्वयं भी किये जा सकते है या फिर समय कम होने की दशा में विद्वान् पंडितों द्वारा भी कराये जा सकते है | यदि आप स्वयं इस मंत्र के जप करते है तो दी गयी विधि अनुसार इस महामंत्र के जप करें : –
मृत्युंजय मंत्र के जप शिवालय में शिवलिंग में समक्ष बैठकर करने चाहिए | सोमवार के दिन से इस मंत्र के जप शुरू किये जाने चाहिए | इसके अतिरिक्त सावन मास में किसी भी दिन या शिवरात्रि के दिन भी मंत्र जप शुरू करने के लिए अति शुभ होते है | शास्त्रों के अनुसार इस मंत्र के सवा लाख जप करने से भयंकर से भयंकर बीमारी या पीड़ा से छुटकारा मिलता है | किन्तु आप अपने सामर्थ्य अनुसार पहले दिन ही जप की संख्या का संकल्प लेकर शुरू करें |
सुबह के 12 बजे से पहले इस मंत्र के जप करने चाहिए, इसलिए सुबह का एक समय निश्चित करें और 21 दिन या फिर 41 दिन में मंत्र जप को पूरा करें |
भगवान शिव के इस शक्तिशाली मंत्र को जप आप न केवल रोग से छुटकारा पाने हेतु बल्कि अन्य लोगो के हित के हेतु उनके नाम से संकल्प लेकर कर सकते है । इस मंत्र के विधिवत जप से जातक जीवन मे सभी पीड़ाओं से मुक्त हो सकते है ।