ज्योतिष शास्त्र का सम्पूर्ण आधार सौरमंडल में स्थित सभी 9 ग्रहों को माना गया है | ज्योतिष शास्त्र को ज्योतिष विज्ञान भी कहा गया है क्योंकि ज्योतिष शास्त्र ने अपने तथ्यों को समय-समय पर वैज्ञानिक द्रष्टिकोण से प्रमाणित किया है | ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सौर मंडल में स्थित 9 ग्रहों को नवग्रह/Navgrah की संज्ञा दी गयी है | जिस प्रकार से ब्रह्मांड में होनी वाली हलचल का प्रभाव पृथ्वी पर पड़ता है, चन्द्रमा के प्रभाव से समुद्र में ज्वार -भाटे आते है ठीक उसी प्रकार से सौर मंडल में स्थित ग्रहों का मावन जीवन पर सीधे-सीधे प्रभाव पड़ता है | यहाँ इस post में आप मंत्र द्वारा सभी 9 ग्रहों(Navgrah Mantra Hindi) की शांति/shanti कैसे करें ? इस विषय में जानकारी प्राप्त करेंगें |
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी नवग्रह (सूर्य ,शनि ,शुक्र, ब्रहस्पति ,चंद्रमा, बुध ,मंगल ,राहू और केतु ) जातक की कुंडली में सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव दिखाते है | यह निर्भर करता है जातक की लग्न कुंडली में कि कौन सा गृह कौन से भाव में बैठा है | कुंडली में नकारात्मक प्रभाव देने वाले ग्रहों को ही गृहदोष की श्रेणी में रखा जाता है व समय रहते इनके उपाय भी किये जाते है |
जातक की लग्न कुंडली में एक गृह से लेकर 7 ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव एकसाथ हो सकते है सभी के सभी 9 ग्रहों/Navgrah का ख़राब होना इसकी सम्भावना न के बराबर ही होती है | जातक की कुंडली में गृह दोष उन्हें शारीरिक, मानसिक और आर्थिक सभी प्रकार से कष्ट देते है | नवग्रह शांति की पाठ-पूजा का विधान काफी लम्बा है इसलिए किसी विद्वान् पंडित द्वारा ही नवग्रह/Navgrah पूजा संपन्न की जानी चाहिए |
ग्रहों के अनुसार उनकी शांति हेतु मंत्र जप :-
Navgrah Mantra Hindi me :
सूर्य दोष :-
सूर्य गृह उर्जा का प्रतीक है और साथ ही यह जातक को समाज में मान-सम्मान और यश की प्राप्ति कराता है | जिस जातक की कुंडली में सूर्य गृह सही स्थिति में बैठा हो उसका शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है | ऐसा व्यक्ति शरीर से हष्ट-पुष्ट और बलवान होता है | इसके विपरीत जिस जातक की कुंडली में सूर्यदोष हो वह सदा बीमारी से परेशान रहता है | ऐसा संभव है कि ऐसा व्यक्ति किसी असाध्य रोग की गिरफ्त में आ जाये | सूर्य गृह का नकारात्मक प्रभाव आपकी नौकरी में भी अड़चन का कारण बन सकता है |
सूर्य दोष की शांति के लिए आप प्रतिदिन इस मंत्र का जप करें : ऊॅं सूं सूर्याय नमः
प्रतिदिन सुबह स्नान आदि करके पूजा के समय सूर्यदेव के उपरोक्त मंत्र के यथासंभव जप करें | शीघ्र ही इसके परिणाम आपको दिखाई देने लग जायेंगे |
चन्द्र दोष :-
हिन्दू धरम में चन्द्रमा को चन्द्र देव कहा गया है | चन्द्र देव को सोम के नाम भी पुकारा जाता है | लग्न कुंडली में चन्द्र दोष होने पर जातक पेट संबंधी रोगों से परेशान रहता है और मानसिक व्याधियां भी होने की सम्भावना बढ़ जाती है | ऐसे जातक के बिना वजह ही शत्रु बनने लग जाते है | व्यापार में धन की हानि होने लगती है |
चन्द्र दोष शांति हेतु इस मंत्र का जप करें : – ऊॅं सों सोमाय नमः
मंगल दोष :-
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल गृह को विनाशकारी माना गया है | कुंडली में मंगल गृह के नीच स्थान में होने पर मांगलिक दोष होता है | लग्न कुंडली में 1 ,4, 7, 8, और 12 वे भाव के से किसी भी स्थान पर मंगल गृह होने पर मांगलिक दोष बनता है | जिसका सीधा प्रभाव जातक के वैवाहिक जीवन पर और संतान संबंधी सुख पर पड़ता है |
कुंडली में मांगलिक दोष निवारण के लिए आप इस मंत्र के नियमित जप करें : – ॐ भौं भौमाय नमः
उपरोक्त मंत्र(Navgrah Mantra Hindi) के पूजा के समय यथासंभव मंत्र जप करने चाहिए | हनुमान जी आराधना से भी मंगल दोष शांत होता है | इसलिए पूर्ण भक्ति भाव और निष्ठापूर्वक हनुमान जी आराधना मांगलिक दोष से होने वाले दुष्प्रभावों को रोकती है |
बुध गृह दोष :-
आपकी कुंडली में बुध गृह का अशुभ प्रभाव आपको व्यापार , दलाली और नौकरी में हानि पहुँचा सकता है | बोलने की शक्ति में तुतलाहट आना बुध गृह/grah का नीच भाव में आने के कारण ही होता है | बुध गृह के अशुभ प्रभाव दोस्तों से मित्रता में खटास का कारण बन सकते है | यहाँ तक की आपकी बहन , बुआ या मौसी का किसी भारी मुशीबत में आना बुध गृह के नीच भाव में होने के कारण ही होता है |
बुध गृह दोष निवारण के लिए आप इस मंत्र का जप करें :- ॐ बुं बुधाय नमः
उपरोक्त मंत्र(Navgrah Mantra Hindi) के जप करने के अतिरिक्त बुध गृह दोष होने पर माँ दुर्गा की पूजा-आराधना करना विशेष रूप से लाभप्रद माना गया है |
गुरु गृह दोष : –
सामान्यतः गुरु गृह शुभ फल ही देता है किन्तु यदि गुरु गृह किसी पापी गृह/grah के साथ विराजमान हो जाये तो कभी कभी अशुभ संकेत भी देने लगता है | गुरु दोष होने पर जातक विवाह व अपने भाग्य से संबधी परेशानियों का सामना करता है | कुंडली में गुरु दोष शारीरिक , मानसिक व आर्थिक सभी प्रकार से कष्ट देता है |
कुंडली में गुरु दोष निवारण हेतु इस मंत्र का जप करें :- ॐ बृं बृहस्पतये नमः
ब्रहस्पति गृह के इस मंत्र के प्रत्येक गुरुवार के दिन सुबह-सुबह पूजा के समय 108 मंत्र जप करने चाहिए |
शुक्र गृह दोष :-
शुक्र गृह को पति-पत्नी , प्रेम संबंध, एश्वर्य और आनंद आदि का कारक गृह माना गया है | जिस जातक की कुंडली में शुक्र गृह की स्थिति अच्छी हो वह अपना सम्पूर्ण जीवन प्रेम , एश्वर्य और आनंद से बिताता है | ऐसे जातक का दाम्पत्य जीवन भी प्रेम व आनंद से परिपूर्ण रहता है | कुंडली में शुक्र गृह के कमजोर होने पर जातक मूत्र संबंधी विकार , नेत्र रोग , गुप्तेन्द्रिय , सुजाक , रक्त प्रदर, प्रमेह और पांडू रोग से पीड़ित हो सकता है | शुक्र गृह/grah की कमजोर स्थिति आपके वैवाहिक जीवन में कलह का कारण बन सकती है |
शुक्र गृह दोष होने पर इसके अशुभ प्रभावों को कम करने हेतु इस मंत्र का जप करना चाहिए : – ऊँ शुं शुक्राय नम:
उपरोक्त मंत्र के प्रतिदिन कम से कम 108 जप करें और साथ ही शुक्रवार के दिन 5 कन्याओं को खीर खिलाये और बाद में स्वयं भी खाएं |
शनि गृह दोष :-
शनि गृह जिसे शनिदेव भी कहा गया है | हिन्दू धर्म में शनिदेव आपके द्वारा किये गये कर्मो का फल प्रदान करने वाले है | जातक की कुंडली में शनि की क्रूर द्रष्टि(शनि दोष ) उसके सम्पूर्ण जीवन को तहस-नहस कर सकती है | यहाँ तक की लग्न कुंडली के पहले भाव में शनि का होना जातक की मृत्यु का कारण भी बन सकता है | अक्सर देखा गया है कि शनि की साढ़े साती व ढैय्या से प्रभावित जातक जीवन से इतना परेशान हो जाता है कि उसे शनि शांति हेतु किसी विद्वान् पंडित से पूजा-पाठ भी कराने पड़ जाते है |
शनि दोष की शांति के लिए आप शनिवार के दिन मंदिर जाए और शनिदेव को सरसों का तेल , काले तिल और रेवड़ी का प्रसाद चढ़ाये व इस मंत्र का 108 बार जप करें :- ॐ शं शनैश्चराय नमः
राहू-केतू गृह दोष :-
राहू -केतू ग्रहों को छाया गृह कहा गया है | ज्योतिष शास्त्र में राहू केतू को पापी गृह/grah की श्रेणी में रखा गया है | इन दोनों ग्रहों का अपना कोई अस्तित्व नहीं होता है ये दोनों गृह जिस भी गृह के साथ आ जाते है उसी के दोषों के अनुसार अपना प्रभाव दिखाने लगते है | जातक की लग्न कुंडली में राहू केतू की महादशा होने पर जातक जीवन भर मुशिबतों का सामना करता है | ऐसी स्थिति में जातक को अतिशीघ्र किसी विद्वान् पंडित से राहू केतू दोष के निवारण हेतु पूजा-पाठ अवश्य करानी चाहिए |
राहू गृह के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए इस मंत्र(Navgrah Mantra Hindi) का नियमित जप करें : – ॐ रां राहवे नमः
केतू गृह के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए इस मंत्र(Navgrah Mantra Hindi) का जप करना चाहिए : –ॐ कें केतवे नमः
अन्य जानकारियाँ :-
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यदि आप ज्योतिष शास्त्र पर विश्वास करते है और जीवन में परेशानियों का सामना कर रहे है तो आज ही किसी ज्योतिष से अपनी लग्न कुंडली दिखाए व अपने गृह दोषों के बारे में पता लगाकर समय रहते उनका निवारण करें | इस post में ग्रहों(Navgrah Mantra Hindi) के अनुसार दिए गये मंत्र आपके गृह दोषों(Grah Dosh) को शांत करने में आपकी सहायता करते है जिससे आपके जीवन में आने वाली परेशानियाँ स्वतः ही कम होने लग जाती है |
tarun ji कोइसा भी मंत्र हो जैसे कृं कृष्णाय नमः ऊँ शुं शुक्राय नम:
ॐ बृं बृहस्पतये नमः इनको संकल्प लेके करना या फिर जाप ही करना है संकल्प लेने है तो बरम को अर्पण करने है या नही आपने पुजा पाठ के संकल्प के बारे में बताया था संकल्प नही लेते तो सम्पूर्ण फल नही मिलता
please tell me
आप किसी भी मंत्र का जप करें | मंत्र जप से पहले संकल्प ले और अंत में जल द्वारा ब्रह्म को अर्पित करें | ऐसा करने से आपके द्वारा किये गये मंत्र जप का फल कई गुना अधिक मिलता है |
धन्यवाद
अल्टीमेट ज्ञान
Aisa kuchh nahi hota hai…….ok
Bs man m shanti mil jaati hai……or kuchh nahi
tarun ji जैसे मंत्र हैं। कृं कृष्णाय नमः ।
ॐ हं हनुमते नमः । ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरान्तकारी भानु शशि भूमि सुतो बुधश्च
गुरुश्च शुक्रः शनि राहु केतवः सर्वे ग्रहाः शान्तिकराः भवन्तु । जैसे में तीन मंत्रो का जाप कर रहा हु तो संकल्प बारी बारी तीनो मंत्रो का तीन बार लेना पड़ेगा ना और हनुमान जी पुजा करता हु तो और मंत्रो का जाप कर सकता हु या नहीं और मंत्रो का टाइम सुबह – शाम कितने बजे तक कर सकते है
Please Tell Me
राकेश जी,
एक बार में एक ही मंत्र के जप करें और संकल्प भी उसी मंत्र के लिए ही ले |
एक बार में एक से अधिक मंत्र जप सिर्फ आपकी पूजा विधि का हिस्सा तो हो सकता है किन्तु किसी विशेष कार्य की सिद्धि हेतु नहीं |
tarun ji मंत्र सिद्ध
करना हो तो मंत्र के आगे ॐ लगाना है या नहीं जैसे मंत्र हैं । कृं कृष्णाय नमः
जी हाँ,
मंत्र सिद्ध करते समय आप मंत्र के आगे ॐ जरुर लगाये |
धन्यवाद
अल्टीमेट ज्ञान
Tarun Ji ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् ” इस मंत्र सिद्ध करते टाइम पर फट शब्द आता है वहा आप फट बोलने के साथ -साथ 2 उँगलियों से दुसरे हाथ की हथेली पर ताली बजानी है या नहीं
Please Tell Me
जी, नहीं ताली बजाने की कोई आवश्यकता नहीं है |
धन्यवाद
अल्टीमेट ज्ञान
Tarun Ji मंत्र सिद्ध करने की पूर्ण व सरल विधि में । मिट्टी का कलश और नारियल रखना जरूरी हैं या नहीं और गणेश जी स्थापना मिट्टी की डली जरूरी या मूर्ति की पुजा कर सकते है ।
हां जी मंत्र सिद्धि में नारियल और मिटटी का कलश आपको जरुर रखना है
धन्यवाद
अल्टीमेट ज्ञान
Tarun Ji मंत्र सिद्ध करने की पूर्ण व सरल विधि में । मिट्टी के कलश में रोजाना पानी बदलना हैं
पानी बदलने की आवश्यकता नहीं है |
एक- दो दिन में घड़े में स्वतः ही पानी कम जो जाता है तो थोडा पानी डाल दे |
धन्यवाद
अल्टीमेट ज्ञान
Tarun Ji. पूजा के टाइम दीपक जलाते हैं और मंत्र सिद्ध करना है तो दीपक अलग से जलाना हैं
Please Help Me
जी हां, मंत्र सिद्ध करते समय आप दीपक अलग से प्रज्वल्लित करेंगे
धन्यवाद
अल्टीमेट ज्ञान
Tarun Ji चंद्र ग्रहण पर हनुमाजी का यह om ham hanumte rudatmkay hoom fat मन्त्र को सिद्ध कर सकते
please please please please tell me
god bless you
ग्रहण के समय शाबर मन्त्रों को सिद्ध किया जा सकता है |
वैदिक मन्त्रों के जप से पुण्य प्राप्त होता है ग्रहण काल के समय
धन्यवाद
अल्टीमेट ज्ञान
Guru ji aaj tk mughe koi kam me safalta nhi mlta Mai kya Sani mantra ka jap kar skta hu
आप गले में सिद्ध भैरव यन्त्र लॉकेट को धारण करें | आपके सभी कार्य स्वतः ही बनने लग जायेंगे |
भैरव का चमत्कारिक लॉकेट ! इसे गले में धारण करें और पायें सभी कष्टों से मुक्ति
https://ultimategyan.com/bhairav-yantra-locket/
शनि मंत्र जप भी प्रभावी सिद्ध हो सकते है | आप इसके साथ-साथ प्रत्येक शनिवार को शनि मंदिर अवश्य जाए |
धन्यवाद्
अल्टीमेट ज्ञान
I नमस्कार जी मैं जाना चाहता हूं कि अगर मैं मंत्र सिदी के लिए पूजा करना चाहता हु तो क्या हम एक साथ सभी मंत्र की माला क्रम में जप करना शुरू कर सकते हैं और पूर्ण होने पर उनका हवन एक ही कर सकते हैं क्याकि मुझे यह बताइए कि सिद्धि के लिए मंत्र के जाप के बाद हवन एक होगा या अलग-अलग करना होगा इस बारे में मुझे आप से पूर्न जानकारी दीजिए क्योंकि मैं मंत्र सिद्धि करना चाहता हूं और मंत्र सिदी के हवन करवाना चाहता हू मै किस प्रकार में एक ही साथ मंत्रों का जाप कर सकता हूं
आप आचार्य जी से 7027140920 no पर सम्पर्क करके पूछ सकते है |
धन्यवाद
अल्टीमेट ज्ञान
आप आचार्य जी से 7027140920 no पर सम्पर्क करके पूछ सकते है |
धन्यवाद
अल्टीमेट ज्ञान
श्री मान में राजनीति में हु सफलता के लिए ओर विजय होने के लिए कोई मंत्र हो तो बताये पूरी विधि के साथ।
आपकी बडी कृपा होगी।
Maa baglamukhi mantra ka jap kare aap…
नवग्रह शांति के लिए कोई एक मंत्र है कि सब अलग-अलग मंत्रों से उच्चारण करना पड़ता है
मुझे पंडित जी ने बताया आप को गुरु चांडाल योग है इसका निवारण कैसे करूँ क्या आप से contact कर सकता हु