सावन के महीने में रुद्राक्ष को इस प्रकार धारण करें, मिलेगा चमत्कारी फल

By | July 17, 2024

हिन्दू धर्म में रुद्राक्ष धारण करने का सबसे अधिक महत्व माना गया है | रुद्राक्ष से न केवल भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त होती है बल्कि, मानसिक शांति भी प्राप्त होती है |

भोलेनाथ के भक्त इस पूरे महीने उन्हें प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के उपाय करते हैं। कुछ लोग कांवर लेकर जाते हैं तो कुछ व्रत करते हैं, कुछ जल चढ़ाते हैं और कुछ पूरे महीने निरामिष रहते हुए सात्विक जीवन बिताते हैं। लेकिन इनमें से एक उपाय ऐसा भी है कि जिसे करने से भगवान शिव ना सिर्फ प्रसन्न होते हैं, बल्कि जीवन भर अपनी कृपा बनाये रखते हैं।

शिव को प्रसन्न करने के ये तरीका है भगवान शिव की सबसे प्रिय वस्तु रुद्राक्ष को धारण करना। ये रत्न की तरह काम करता है और इसके प्रभाव से जीवन में सकारात्मक प्रभाव दिखने लगते हैं।

गले में रुद्राक्ष धारण करने के लाभ : 

रुद्राक्ष को भगवान शिव का सबसे खास और प्रिय आभूषण कहा जाता है। रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति दीर्घायु होता है। इसे धारण करने से मन को शांति मिलती है और मानसिक परेशानियों से मुक्ति भी मिलती है। हृदय रोग और अशुभ ग्रहों के प्रभाव के मामले में रुद्राक्ष को धारण करने से विशेष लाभ होता है। रुद्राक्ष व्यक्ति के तेज और ओज में वृद्धि कराता है और पापों का नाश करता है।

sidh rudraksh niyam sawan

यदि आप रुद्राक्ष को गले में धारण करना कहते है तो ये नियम अवश्य अपनाये  :-

  • इसे धारण करने के लिए सावन महीने का सोमवार या शिवरात्रि का दिन बेहद शुभ माना गया है।
  • रुद्राक्ष को पूजा स्थल पर लाल साफ कपड़े पर रख दें। इसे पंचामृत के मिश्रण में स्नान कराएं और फिर गंगाजल से स्नान कराएं।
  • इसे शिवलिंग या घर की पूजा वाली जगह पर रखें और शिव मंत्रों का जाप करें।
  • अगर किसी मनोकामना के साथ धारण कर रहे हों, तो उसे विधिवत अभिमंत्रित करें। हाथ में थोड़ा सा गंगाजल लेकर संकल्प लें और फिर जल को नीचे छोड़ दें। इसके बाद ही रुद्राक्ष धारण करें।
  • रुद्राक्ष हृदय पर, गले में, और हाथों में धारण कर सकते हैं। लेकिन इसकी माला लाल धागे में होनी चाहिए।

रुद्राक्ष को यदि किसी योग्य पंडित द्वारा जातक के नाम से अभिमंत्रित करा पहना जाये तो यह 100 गुना अधिक फल प्रदान करने वाला बन जाता है | सिद्ध रुद्राक्ष की महिमा अपार हो जाती है |