हिन्दू धरम में मंत्रो का बड़ा महत्व माना गया है | इसलिए भिन्न-भिन्न कार्यों के लिए भिन्न भिन्न मंत्रो के उच्चारण का उल्लेख मिलता है | भोजन करते समय भी शास्त्रों के अनुसार भोजन ग्रहण करने से पूर्व मंत्र उच्चारण का उल्लेख मिलता है | आध्यात्मिक द्रष्टि से भोजन ग्रहण करने से पूर्व बोले गये मंत्र का बड़ा महत्व है | भोजन मंत्र/(Bhojan Mantra) द्वारा हम अन्न देवता का आव्हान करते है व उनके द्वारा हमें दिए गये उस भोजन का धन्यवाद् भी करते है और ऐसी कामना करते है कि इस संसार में कोई भी भूखा न रहे |
यदि आप भी चाहते है कि आपके द्वारा ग्रहण किये गये भोजन से आपको सभी रसों की प्राप्ति हो व आपके द्वारा खाया गया भोजन आपके शरीर को लगे तो आज से भोजन करने से पूर्व नीचे दिए मंत्र का उच्चारण करना शुरू कर दे | तो आइये जानते है भोजन ग्रहण करने से पूर्व बोले जाने वाले मंत्र के विषय में : –
भोजन मंत्र /Bhojan Mantra : –
ब्रह्मार्पणं ब्रह्महविर्ब्रह्माग्नौ ब्रह्मणा हुतम्।
ब्रह्मैव तेन गन्तव्यं ब्रह्मकर्म समाधिना।।
ॐ सह नाववतु।
सह नौ भुनक्तु।
सह वीर्यं करवावहै।
तेजस्विनावधीतमस्तु।
मा विद्विषावहै॥
ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥
भोजन से पूर्व उपरोक्त मंत्र के उच्चारण करने से मन पूरी तरह से पवित्र और शांत हो जाता है | मंत्र द्वारा शरीर में बने पवित्र भावों के कारण शरीर में पाचक रस अच्छे से बनते है जिससे भोजन ठीक प्रकार से पचता है और शरीर को उचित उर्जा भी देता है |
भोजन मंत्र के उपरान्त भोजन शुरू करने से पहले भोजन का कुछ हिस्सा गाय के लिए निकाल कर रख देना चाहिए व अंत में भोजन का कुछ भाग कुत्तों के लिए बचाकर रखे | अगर आप भी स्वयं को लम्बे समय तक स्वस्थ रखना चाहते है तो आज से ही भोजन मंत्र/Bhojan Mantra के उच्चारण द्वारा भोजन ग्रहण करने की आदत बना ले | कुछ दिनों में इससे मिलने वाले परिणामों को आप स्वयं अनुभव करने लगेंगे |