Category Archives: पौराणिक कहानियाँ

भगवान शिव की उपासना सोमवार के दिन ही क्यों ?

शिवपुराण के अनुसार भगवान शिव की उपासना सप्ताह के प्रत्येक दिन फल देने वाली है तो फिर ऐसा क्या कारण है कि भगवान शिव की उपासना के लिए सोमवार का दिन विशेष फल देने वाला है | ऐसा प्रतीत होता है कि मनुष्य मात्र को सम्पत्ति से अत्यधिक प्रेम होता है | इसलिए उसने शिव के लिए सोमवार… Read More »

भगवान शिव ने काल की रचना कैसे की ?

शिव महापुराण के अनुसार प्राणियों की आयु का निर्धारण करने के लिए महाकाल भगवान शंकर ने काल की कल्पना की | उसी से ही ब्रह्मा से लेकर अत्यंत छोटे जीवों तक की आयुष्य(आयु) का अनुमान लगाया जाता है | उस काल को ही व्यवस्थित करने के लिए महाकाल ने सप्तवारों की कल्पना की | सबसे पहले ज्योतिष स्वरुप… Read More »

भैरव के साथ में काला कुकुर(कुत्ता) क्यों ?

भैरव का अर्थ है भय का नाश करने वाला ! जब किसी भी अन्य साधनों के द्वारा मनुष्य का जीवन सुखमय नहीं हो, तब भैरव को प्रसन्न करने पर उसे चमत्कारी फल मिलने लगता है | शत्रुओं के भय का नाम भैरव है | परन्तु आपने देखा होगा भैरव के साथ में एक काला कुकुर(Bhairav ki Sawari Kala… Read More »

क्या कीमत है एक बार “राम” नाम जपने की ? धार्मिक कहानी

हिन्दू धर्म के अनुसार सभी जातक अपने-अपने पाप और पुण्य के आधार पर सुख और दुःख पाते है | सदा अच्छे कर्म करने के साथ-साथ भगवान का नाम लेने वाले जातक सदा सुखमय जीवन व्यतीत करते है व अपने अगले जन्म में भी अच्छी योनी को प्राप्त करते है, इसके विपरीत सदा वासना में लीन रहने वाले, दूसरों… Read More »

क्या है भगवान शिव की तीसरी आँख का रहस्य ?

देवों के देव महादेव कहे जाने वाले भगवान शिव जितनी जल्दी प्रसन्न होकर अपने भक्तों का उद्धार करते है वहीं उनका क्रोध भी सभी देवों से प्रचंड है | जहाँ सभी देवों को प्रसन्न करने हेतु बड़े – बड़े अनुष्ठान किये जाते है वहीं भगवान शिव शिवलिंग पर जल चढ़ाने मात्र से प्रसन्न होकर अपने भक्तों का कल्याण… Read More »