झूठ बोलने की आदत कैसे छोड़े ?

By | April 2, 2020

जिस प्रकार जीवन में सुख-दुख होते है | प्रकृति में दिन-रात होते है और धर्म में पाप और पुण्य होते है वैसे ही सच और झूठ होते है |  झूठ जिसका कोई अस्तित्व ही नहीं है वह सिर्फ संचार के माध्यम से एक व्यक्ति से दुसरे के पास और दुसरे से तीसरे व्यक्ति से पास आसानी से पहुँच जाता है | झूठ(Jhooth Bolna Chhode)की उत्पत्ति या तो सिर्फ आकस्मिक लाभ प्राप्ति के लिए होती है या स्वार्थ सिद्ध करने के लिए या फिर बिना किसी कारण के आदत स्वरुप होती है | सच वह है जो अस्तित्व में है | जो कभी मरता नहीं | झूठ केवल सच को कुछ समय के लिए दबा जरुर सकती है किन्तु मिटा नहीं सकती |

आज हम सच और झूठ बोलने वाले लोगों को तीन तरह से विभाजित करके विश्लेषण करते है :

1. आदत से मजबूर व्यक्ति :

कुछ लोग अपने बचपन से ही झूठ बोलना बड़ी आसानी से सीख चुके होते है | उनके माता-पिता से उन्हें संस्कार ही ऐसे मिलते है कि झूठ बोलना जैसे कुछ है ही नहीं | बचपन में ही ऐसे बच्चे अपने-माता को देख कर झूठ बोलने लगते है | अब बड़े होकर उन्हें झूठ की आदत लग चुकी होती है | यह कैसे पता किया जाये कि झूठ बोलना आपकी आदत बन चुकी है : आपने झूठ बोल दिया और आपको पता ही नहीं कि आपने झूठ बोला है | बाद में दूसरों के द्वारा यह अहसास भी कराया जाये कि आपने झूठ बोला है तब भी आप इसे स्वीकार नहीं करते | आप सुबह से लेकर शाम तक अपनी झूठ की गिनती ही न कर पाए तो समझ जाये झूठ बोलना आपकी आदत बन चुकी है |

Jhooth Bolna Chhode

Jhooth Bolna Chhode

2. स्वार्थ के लिए झूठ बोलने वाले व्यक्ति :

ऐसे व्यक्ति जो प्रायः झूठ नहीं बोलते है | उन्हें झूठ की आदत नहीं है | किन्तु जब किसी कार्य में झूठ बोलने से उन्हें अच्छा लाभ हो रहा हो तो वे सोच-समझकर झूठ बोलते है | जो व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए जान-बूझकर झूठ बोल रहा है जिसे पता है कि वह झूठ बोल रहा है किन्तु फिर भी वह ऐसा करता है क्योंकि ऐसा करने से उसका लाभ होता है |

3. दूसरों के भले के लिए झूठ बोलना :

झूठ बोलने की यह श्रेणी बड़ी उलझन भरी है | अधिकतर झूठ बोलने वाले लोग इस श्रेणी का उदाहरण देते रहते है और मजे से जीवनभर झूठ बोलते रहते है | जब भी उन्हें यह अहसास कराया जाता है कि झूठ बोलना गलत है, सही नहीं है, तो वे लोग इस श्रेणी का उदाहरण देकर अपनी सभी झूठों पर पर्दा डालने की कोशिश करते है |

जब आपके झूठ बोलने से किसी सज्जन का कोई अहित न होता हो और किसी व्यक्ति की जान बच जाये तो यह झूठ स्वीकार करने योग्य है | इस झूठ को सच के समान ही परमार्थ मिलता है | किन्तु इसका आशय यह नहीं कि यह झूठ अब सच बन जाएगी | भले ही इस झूठ से पुण्य की प्राप्ति होती हो और ऐसी परिस्थिति में सच बोलने से पाप के भागी बने | सच और झूठ के अस्तित्व को यहाँ भी बदला नहीं जा सकता |

Jhooth Bolna Chhode

झूठ बोलने की आदत कैसे छोड़े :

जिन लोगों को झूठ बोलने की आदत लग गयी है | उन्हें स्वयं ही यह पता नहीं होता कि वे कब झूठ बोल गये | ऐसे व्यक्ति के लिए झूठ बोलना छोड़ना काफी कठिन हो जाता है | झूठ बोलने की आदत छोड़ना उतना ही कठिन कार्य है जिनता कि धूम्रपान छोड़ना | किन्तु फिर भी आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताएँगे जिन्हें प्रयोग करके आप आपनी झूठ बोलने की आदत को छोड़ सकते है :

  • आदतन झूठ बोलने वाले व्यक्ति एक मिनट में ही कई झूठ बोल जाते है और इन झूठों को स्वयं भी नहीं पकड़ पाते है | क्योंकि वे सच और झूठ में अच्छे से अंतर नहीं कर पाते है | ऐसे व्यक्ति को सबसे पहले अपने शब्दों पर अंकुश लगाना होगा | अपना बड़बोलापन कम करें | मुख से कम से कम शब्द बोले | आप स्वयं से संकल्प ले कि आप सिर्फ आवश्यक शब्द ही बोलेंगे | जितना बोलना जरुरी है सिर्फ वही बोले, अनावश्यक कुछ भी न बोले(Jhooth Bolna Chhode) |
  • सच के महत्व को समझे | सच के महत्व को अच्छे से समझने के लिए आप ऐसे महापुरुषों की जीवनियाँ पढ़े जिन्होंने सच्चाई के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया | ऐसी किताबे पढ़ने से आप सच बोलने के लिए प्रेरित होने लगेंगे |
  • अपने अंतर्मन में झूठ को एक सामाजिक बुराई के रूप में संग्रहित करें |
  • अपने साथ एक डायरी रखे और उसमें प्रतिदिन के अनुसार आपके मुख से जब भी झूठ निकले उसे डायरी में लिख ले | रात्रि में सोते समय स्वयं से इस झूठ के विषय में प्रश्न कर सकते है |
  • जिन लोगों को झूठ बोलने की आदत है उन्हें समाज में वह मान-सम्मान , आदर कभी नहीं मिलता जिसकी वे प्रायः अपेक्षा करते है | जिस दिन आपके अवचेतन मन ने झूठ को एक बहुत बड़ी बुराई स्वीकार कर लिया, उस दिन आपके झूठ बोलने की आदत स्वतः ही छूट जाएगी(Jhooth Bolna Chhode) |
  • अगर खुद से आप झूठ बोलने की आदत को छोड़ नहीं पा रहे है तो किसी अच्छे से मनोचिकित्सक से इस विषय में सलाह अवश्य ले |

सच-झूठ में अन्तर करें , बड़बोलापन कम करें , सच के लिए स्वयं को प्रेरित करें और जब-जब मुख से झूठ निकले उसे डायरी में नोट करते जाए | रात्रि को सोते समय दिन में बोली गयी झूठ पर अध्धयन करें | अपनी झूठ बोलने/(Jhooth Bolna Chhode) की आदत को छोड़ने के लिए आप ये कार्य करें व पोस्ट से लाभ मिलने पर दूसरों को भी इससे अवगत कराये |