नवजीवन रस वास्तविक रूप में एक रोगी को नया जीवन प्रदान करने वाला है इस रस के प्रयोग से पाचक रस अधिक मात्रा में उत्पन्न होता है | अतः यह रस दीपक और आमरस को पचाने के कारण पाचक है | यह स्वस्थ शरीर में बल उत्पन्न करता है | ज्ञानवाही और चेष्टावाही नाड़ियों की शक्ति को बढ़ाता है | शक्रवहा नाड़ियों में उत्तेजना जाग्रत कर काम शक्ति और स्मरण शक्ति को बढ़ाता है | आन्तरिक शूल तथा उदराध्मान को शीघ्र नष्ट करता है | मलबंध को नष्ट कर पुरातन अर्थात जीर्णातिसार रोग को शीघ्र नष्ट करता है | Navjeevan Ras अर्धावभेदक(आधाशीशी) शिर : शूल में भी शीघ्र लाभ करता है और शरीर में रक्त की वृद्धि करता है |
शरीर के किसी भी भाग में होने वाले वातिक शूलों का नाशक तथा मानसिक परिश्रमजन्य शिथिलता को नष्ट करता है | इसके साथ अभ्रक भस्म मिलाकर घृत या मक्खन के साथ सेवन करने से मष्तिष्क की शक्ति को बढ़ाता है और बंग भस्म तथा प्रवाल भस्म मिलाकर मलाई या मक्खन के साथ सेवन करने से वीर्य की वृद्धि होकर काम शक्ति को बढ़ाता है |
Navjeevan Ras
नवजीवन रस : मुख्य घटक : –
शुद्ध कुचला २ तोला , लौह भस्म २ तोला , सौंठ , मिर्च , पीपल – इनका मिश्रित सूक्ष्म चूर्ण २ तोला लेकर प्रथम रससिन्दूर को सूक्ष्म खरल करें, पश्चात् भस्में और अन्य द्रव्यों का चूर्ण मिला अदरक के रस में द्रढ़ मर्दन करें | गोली बनाने योग्य होने पर १ – १ रत्ती की गोली बना, सुखाकर रख ले |
मात्रा और अनुपात : – दिन में 2 बार सुबह-शाम अदरक रस और मधु के साथ या पान का रस और मधु के साथ या गरम जल के साथ अथवा रोगानुसार उचित अनुपान के साथ दे |
नवजीवन रस के लाभ/ Navjeevan Ras Benefits : –
लम्बे समय तक बीमार रहने के बाद रोगी में आने वाली शारीरिक कमजोरी को दूर कर उसे नया जीवन प्रदान करने वाली औषधि है | नवजीवन रस के प्रयोग से : पाचक शक्ति तेज होती है , अमाशय में पाचक रस अधिक मात्रा में बनता है , भूख अधिक लगती है , हृदय को बल मिलता है , कामवासना को बढ़ाता है , मानसिक बल प्रदान करता है , कब्ज में राहत देता है , आलस्य दूर भगाता है , Navjeevan Ras अपच के कारण होने वाले मंद ज्वर में लाभ प्रदान करता है |