आज का आधुनिक युग इतना आगे बढ़ रहा है और साथ मे पुरानी सभ्यता और संस्कृति की भी परवाह किये बिना सिर्फ और सिर्फ अपने स्वार्थ को सिद्ध करने की सोचता है ।
यदि विवाह की बात करे तो पुराने समय मे प्रेम विवाह बहुत बहुत कम देखने को मिलता था किंतु आज का युवा भी बदल गया है और समय भी प्रतिस्पर्धा का आ गया है । आज का युवा अपनी मन पसंद लड़की से विवाह करना पसंद करता है न कि किसी अनजान लड़की या लड़के से ।
ज्योतिष शास्त्र के माध्यम से न केवल यह पता लगाया जा सकता है कि जातक प्रेम विवाह करेगा अपितु प्रेम विवाह आगे चलकर सफल होगा या नहीं यह भी बड़ी आसानी से पता लगाया जा सकता है ।
यदि आप भी किसी से बहुत प्यार करते है और जानना चाहते है कि आपका प्रेम विवाह होगा या नहीं तो चलिए बताते है ।
प्रेम विवाह में सफलता :
लग्न कुंडली के 5th घर व 7th घर जिसे भाव भी कहते है प्रेम विवाह के लिए सबसे अधिक महत्व रखते है । प्रेम , पुत्र प्राप्ति , सुखमय वैवाहिक जीवन ये सभी इन दोनों भावों से देखा जाता है ।
5th भाव का स्वामी ग्रह ओर 7th भाव का स्वामी ग्रह यदि इन्ही भावों में बैठे हो तो प्रेम विवाह में सफलता संभव है । जैसे 5th भाव की राशि तुला है यदि तुला राशि के स्वामी शुक्र ग्रह 5th घर मे ही बैठे हो तो जबरदस्त प्रेम विवाह संभव है ।
इसी प्रकार से 7th घर का स्वामी यदि धनु राशि है और धनु राशि के स्वामी गुरु ग्रह 7th घर मे ही बैठे है तो प्रेम विवाह संभव है ।
यदि 5th भाव का स्वामी व 7th भाव का स्वामी दोनों की युति होकर दोनों ग्रह इन दोनों घर मे से किसी एक घर मे बैठे हो तो 100℅ प्रेम विवाह संभव है ।
कुंडली में अगर शुक्र अपनी राशि (वृषभ,तुला) या अपनी उच्च राशि (मीन) में विराजमान हो तो लव लाइफ में परेशानियां नहीं आती। ऐसे जातक पूर्ण रूप से वैवाहिक जीवन मे सुख भोगते है ।
किसी जातक की कुंडली के चंद्रमा यदि बहुत अच्छी अवस्था में है और शुक्र भी अच्छे है तो ऐसे जातक प्रेम में सफलता प्राप्त करते है ।
प्रेम विवाह के अड़चन कुंडली से देखे :
जातक की कुंडली मे मंगल दोष होने पर प्रेम विवाह कहीं न कहीं समस्या बन जाता है ।
कुंडली के खराब चंद्रमा व शुक्र प्रेम विवाह को सफल होने से रोकते है ।
कुंडली के 5th भाव या 7th भाव मे कोई ग्रह नीच का होकर बैठा हो या इन दोनों भावों में चंद्र ग्रहण या सूर्य ग्रहण बन रहा हो , ऐसे में प्रेम विवाह में बड़ी बाधा आ सकती है ।
कुंडली में काल सर्प दोष , मंगल दोष , कोई 2 ग्रह नीच के होने पर प्रेम विवाह में सफल होना सबसे बड़ा challange बन जाता है ।
शनि की साढ़े साती , शनि की महादशा व अन्तर्दशा व राहु की महादशा व अन्तर्दशा में भी जातक को प्रेम विवाह के अड़चन होती है ।
प्रेम विवाह को सफल बनायें , कुंडली के ग्रहों को ठीक करे :
कुंडली मे ग्रह खराब स्थिति में होने पर भी उचित उपाय के मध्यम से प्रेम विवाह के रास्ते खोले जा सकते है ।
लग्न कुंडली मे 5th भाव व 7th भाव के स्वामी ग्रह को मंत्र जप, दान पुण्य, व यंत्र लॉकेट के माध्यम से ठीक किया जा सकता है ।
इसके साथ यदि कुंडली मे मंगल दोष बन रहा है तो किसी योग्य पंडित द्वारा इसकी शांति पूजा करवाने से लाभ मिलता है ।
5th या 7th घर मे कोई नीच का ग्रह है यो उस ग्रह को बल देने हेतु उस ग्रह के मंत्र जप, दान द्वारा ग्रह को बलशाली बनाये ।
शनि की साढ़े साती चलने पर शनिवार को शनि मंदिर में सरसों का तेल, काले तिल, लोहे की कील आदि प्रत्येक शनिवार को चढ़ाया करे ।
शनिवार को काले कुत्ते को सरसों के तेल से चुपड़ी रोटी खिलाये ।
किसी दिव्यांग व्यक्ति की सहायता अवश्य करनी चाहिए ।
सोमवार को शिवलिंग को जल अर्पित करने से भी प्रेम विवाह में सफलता प्राप्त होती है ।