बटुक भैरव मंत्र साधना विधि | श्री बटुक भैरव का मंत्र सिद्ध इस प्रकार करें

By | July 26, 2017

भैरव जी के 12 स्वरूपों में से बाल भैरव और बटुक भैरव को पूर्णतः सात्विक , सुंदर व म्रदुल माना गया है | और भगवान विष्णु , राम और कृष्ण  के समान इन रूपों की पूजा भी की जाती है | भैरव जी की इस रूप में उपासना करने से घर में रिद्धि -सिद्धि के साथ -साथ सभी मनोकामनाए भी पूर्ण होती है | इस रूप में यदि भैरव मंत्र साधना की जाये तो भैरव शीघ्र प्रसन्न होकर आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते है |

भैरव जी के इन रूपों के बिलकुल विपरीत जो रूप है उसे – ” महाकाल भैरव ” कहा गया है | महाकाल भैरव को मृत्यु का देवता कहा गया है | तंत्र साधना के लिए भैरव के इसी स्वरुप की साधना की जाती है | तांत्रिको के लिए महाकाल भैरव और महाकाली की साधना विशेष फलदायी होती है |

महाकाल भैरव के अतिरिक्त 8 और प्रचंड रूप है जो इस प्रकार है :- असिताग भैरव , रु- रु भैरव , चंड भैरव , क्रोधोन्मत भैरव , भयंकर भैरव , कपाली भैरव, भीषण भैरव और संहार भैरव | विशेष प्रकार की तंत्र साधना में इन रूपों की साधना की जाती है |

महाकाल भैरव के साथ-साथ ये 8 रूप भी प्रचंड रूप माने गये है | भैरव जी को शिवजी का 5वा और रूद्र रूप माना गया है | यदि कोई  साधारण व्यक्ति भैरव साधना करना चाहता है तो उसे भैरव के सोम्य रूप की ही पूजा करनी चाहिए जिनमे : बाल भैरव , बटुक भैरव और स्वर्णाकर्षण भैरव इन रूपों का वर्णन किया गया है |

बटुक भैरव मंत्र साधना भैर

बटुक भैरव मंत्र साधना विधि : –

बटुक भैरव साधना को आप दिन में या रात में दोनों समय कर सकते है किन्तु जिस समय का आप चुनाव करते है | प्रतिदिन आप उसी समय पर मंत्र जाप करें | आप इस साधना को रविवार के दिन प्रारंभ कर सकते है | इस साधना को 41 दिन तक करना चाहिए | और जैसे ही  41 दिन पूरे होते है मंत्र जाप के दशांश भाग से हवन करना चाहिए |

साधना का पूर्ण प्रतिफल प्राप्त करने के लिए इसे प्रतिदिन निश्चित समय पर और लगातार 41 दिन तक करना चाहिए | मंत्र जाप करने की संख्या आप अपने सामर्थ्य अनुसार निश्चित कर सकते है | यदि आप प्रतिदिन 3 माला का जाप या 5 माला का जाप सुनिश्चित करते है तो प्रतिदिन आपको उतनी ही संख्या में माला का जाप करना है | किसी दिन कम या ज्यादा- एसा कदापि न करें |

मंत्र इस प्रकार है : –

ॐ कर कलित कपाल कुण्डली दण्ड पाणी तरुण तिमिर व्याल
यज्ञोपवीती कर्त्तु समया सपर्या विघ्न्नविच्छेद हेतवे
जयती बटुक नाथ सिद्धि साधकानाम
ॐ श्री बम् बटुक भैरवाय नमः


साधना की सरल व संशिप्त विधि : –

पूर्व दिशा की तरफ एक चौकी पर लाल कपडा बिछा ले और इस पर बटुक भैरव की प्रतिमा रखे | अब आप एक कागज़ पर उपरोक्त मंत्र को लिख कर इसे मोड़कर अब चौकी पर भैरव जी की प्रतिमा के नीचे रख दे | अब चौकी के दायें तरफ (हमारे तरफ से वह बायीं तरफ होगी ) आप एक मिटटी के घड़े में पानी की स्थापना करें और इस पर एक नारियल बिना पानी वाला पर हिलाने पर आवाज आती हो |

इस नारियल पर एक लाल कपडा लपेट दे और अब इस नारियल को पानी के घड़े पर रख दे | इस पानी के घड़े के आगे मिटटी के दिए में सरसों के तेल से पट बत्ती लगाकर दीपक प्रज्वलित करें | एक कटोरी में थोड़े से चावल डालकर उस पर गणेश जी की स्थापना करें | पित्र देव की स्थापना करें | और पूजन करने के पश्चात् संकल्प लेकर मंत्र जाप आरम्भ कर दे |

आप गणेश जी और पित्र देव की स्थपाना और संकल्प कैसे करें इसके लिए आप इस post को पूरा पढ़े : मंत्र सिद्धि कैसे करें ? 

गणेश जी , पित्र देव , वरुण देव व प्रधान देव बटुक भैरव की स्थापना  व पूजा करने के पश्चात् संकल्प लेकर अब आप माला का जाप आरम्भ कर सकते है माला का जाप किस प्रकार से करना चाहिए इसके लिए आप ये विडियो देखे : – जानिए, मंत्र सिद्धि में, माला जाप करने की सही विधि |

इस प्रकार बटुक भैरव जी की साधना कर आप अपने किसी भी कार्य को सिद्ध करें | आपको ये जानकारी कैसे लगी आप हमें कमेंट्स के माध्यम से अपने सुझाव दे सकते है ||


 

 

 

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