चाँदी धातु को सात्विक और शीतल माना गया है | चाँदी धातु मूल्य में भले ही सोने से कम हो किन्तु गुणों में सोने से कहीं अधिक है | चाँदी धारण करने से चन्द्र देव और शुक्र गुरु का आशीर्वाद मिलता है | चाँदी और सोने के आभूषण आमतौर पर महिलायें और पुरुष अपने सौंदर्य को निखारने के लिए प्रयोग करते है | ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चाँदी के आभूषण पहनना शुभ होता है व घर में सुख सम्रद्धि का प्रतीक होता है | आमतौर पर चाँदी धातु को अँगूठी के रूप में व कड़े के रूप में अधिक पहना जाता है | ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चाँदी की अँगूठी को यदि विधि अनुसार धारण किया जाये तो इसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है |
चाँदी की अँगूठी धारण करने की विधि :-
गुरूवार की रात को चांदी की नई अँगूठी को पानी में भिगो दे, अगली सुबह भगवान श्री विष्णु की फोटो के सामने एक लाल कपडा बिछाकर उस पर इस अँगूठी को रख दे | अब भगवान श्री विष्णु की विधिवत पूजा करें | व अँगूठी को दूप-दीप दिखाकर चन्दन का टीका करें | अब इस अँगूठी को अपने दायें हाथ की सबसे छोटी ऊँगली कनिष्ठा में धारण करें |
चाँदी की अँगूठी धारण करने से मिलने वाले लाभ :
- चांदी शरीर को शीतलता प्रदान करती है | इसलिए पेट में गर्मी को शांत करने में चाँदी धातु का धारण करना लाभकारी है |
- जिस जातक की कुंडली में चंद्रमा कमजोर है उन्हें चाँदी की अँगूठी अवश्य धारण करनी चाहिए इससे चन्द्र देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है |
- चाँदी धारण करने से चेहरे पर निखार आता है | चेहरे के दाग धब्बे धीरे-धीरे गायब होने लगते है |
- जिन लोगों का मन शांत नहीं रहता, जिन्हें मानसिक तनाव आदि रहता है उन्हें भी चाँदी की अँगूठी को अभिमंत्रित करके धारण करना चाहिए |
- चाँदी, दैत्यों के गुरु शुक्राचार्य को प्रिय है | इसे धारण करने से शुक्र गृह का आशीवार्द प्राप्त होता है व जातक सुख-सम्रद्धि से परिपूर्ण होता है |
- आयुर्वेद के अनुसार सभी रोगों के होने का कारण वात, पित्त और कफ में संतुलन बिगड़ना है | चाँदी धातु को शरीर पर धारण करने से वात, पित्त और कफ में संतुलन स्थापित होता है व ऐसा व्यक्ति सदैव हष्ट-पुष्ट रहता है |
चांदी एक बहुउपयोगी धातु है जो मानव शरीर के लिए अति उत्तम मानी गयी है | आयुर्वेद में भी चांदी धातु का प्रयोग बहुत सी औषधियाँ बनाने में किया जाता है | चाँदी धारण करने से नजर आदि के दोष भी नहीं लगते | बच्चों को नजर के दोष बहुत जल्द लगते है इसलिए उन्हें कड़े आदि के रूप में चाँदी धातु अवश्य पहनानी चाहिए |