हनुमान जी को कलियुग के सबसे जीवंत देवता इसलिए कहा गया है क्योंकि वे अतिशीघ्र प्रसन्न होकर अपने भक्त के सभी दुखों को हर लेते है | हनुमान जी की कृपा पाने के लिए भक्त को चाहिए कि वह पूर्ण निष्ठा और भक्तिभाव के साथ हनुमान जी सेवा में स्वयं को समर्पित कर दे |
हनुमान जी की आराधना करने वाले भक्त यदि विद्यार्थी है तो ब्रम्चार्य का पालन करें, यदि भक्त शादीशुदा है तो अपनी पत्नी के प्रति पत्नीव्रता धर्म का पालन करें | यूँ तो भक्त अपनी-अपनी श्रद्धा भाव से हनुमान जी की पूजा-आराधना कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते है किन्तु कुछ उपाय ऐसे भी है जिनके प्रयोग से हनुमान जी अतिशीघ्र प्रसन्न होकर अपने भक्त को फलीभूत करते है | हनुमान जी को चौला अर्पित करना भी इन विशेष उपायों में से एक है |
Hanuman Chola Vidhi
हनुमान जी को चौला चढ़ाने के पीछे कहानी : –
एक बार हनुमान जी ने माँ सीता को सिर में सिंदूर लगाते देख पुछा, हे माँ आप अपने सिर में यह सिन्दूर क्यों लगा रही है | माँ सीता ने कहा यह सिन्दूर मैं प्रभु श्री राम की दीर्घायु के लिए लगाती हूँ | इससे वे प्रसन्न भी रहते है | तब हनुमान जी ने भी प्रभु श्री राम की दीर्घायु के लिए अपने पूरे शरीर को सिन्दूर से लेपन कर लिया |
भगवान श्री राम ने हनुमान जी को ऐसे देख हनुमान जी से इसका कारण पूछा तो हनुमान जी ने कहा हे प्रभु मैंने यह सिन्दूर आपको प्रसन्न करने हेतु व आपकी दीर्घायु के लिए लगाया है | श्री राम ने हनुमान जी के इस भक्तिभाव को देख उन्हें आशीर्वाद दिया और कहा आज से जो भी भक्त तुम्हें सिन्दूर चढ़ायेगा उसके सभी दुःख दूर होंगे | और तभी से हनुमान जी व प्रभु राम को प्रसन्न करने हेतु हनुमान जी को चौला चढ़ाया जाने लगा |
5 मंगलवार व शनिवार लगातार हनुमान जी को चौला चढ़ाये
हनुमान जी को चौला चढ़ाने की विधि :-
किसी भी विशेष मनोकामना पूर्ति हेतु या किसी घोर संकट से छुटकारा पाने हेतु 5 मंगलवार या शनिवार लगातार हनुमान जी को चौला चढ़ाना चाहिए | हनुमान जी चौला चढ़ाने की विधि :
- बाजार से हनुमान जी का सिन्दूर, चांदी का वर्क, जनेऊ, 2 लोंग, 2 इलायची, 2 जायफल और गाय का घी ले आये | अब मंगलवार की सुबह हनुमान जी के ऐसे मंदिर पहुँच जाये जहाँ हनुमान जी की प्रतिमा को सिन्दूर का चौला चढ़ाया जाता हो |
- सर्वप्रथम हनुमान जी की प्रतिमा के समक्ष पहुँचकर हाथ जोड़कर हनुमान जी को प्रणाम करें | अब हनुमान जी की प्रतिमा से जनेऊ और लंगोट आदि वस्त्र को सावधानी से उतारे |
- अब एक कटोरी में हनुमान जी सिन्दूर डाले उसमें थोडा गाय का घी मिलाकर लेप तैयार कर ले |
- एक कपडे से हनुमान जी प्रतिमा को साफ़ करें |
- अब दायें हाथ की बीच की दोनों उँगलियों से सर्वप्रथम हनुमान जी के चरणों में सिन्दूर लगाये और जय श्री राम का जप करते जाये | हनुमान जी के चरणों से शुरू कर हनुमान जी के सिर तक (नीचे से ऊपर की और ) सिन्दूर लगाये |
- हनुमान जी की प्रतिमा को अब जनेऊ पहनाएँ | ध्यान दे : जनेऊ को बाएं से दाई तरफ पहनाएँ |
- हनुमान जी को चांदी का वर्क चढ़ाये | चांदी का वर्क हनुमान जी के दोनों पैरों पर, नाभि स्थान के नीचे, गले पर, मस्तक पर , गदा पर और हाथ में लिए पर्वत पर लगाये |
- हनुमान जी की प्रतिमा के समक्ष घी का दीपक लगाये व धूपबत्ती लगाये |
- इसके पश्चात् हाथ में 2 लोंग, 2 इलायची और 2 जायफल लेकर हनुमान जी के चरणों में रख दे व हाथ जोड़कर मन ही मन हनुमान जी से अपनी अरदास लगा दे |
- दान पात्र में कुछ दक्षिणा अवश्य डालें |
यदि मंगलवार के दिन आप यह प्रयोग करते है तो गाय के घी में सिन्दूर मिलाकर हनुमान जी को चौला चढाएं | यदि शनिवार के दिन आप यह प्रयोग करते है तो चमेली के तेल में सिन्दूर मिलाकर चौला चढ़ाएं |
अन्य जानकारियाँ :-
- पंचमुखी हनुमान जी की कहानी | हनुमान जी ने पाँच मुख धारण क्यों किये ?
- यह है हनुमान जी का सबसे प्रिय मंत्र ! द्वाद्श्याक्षर मंत्र
- पूजा-पाठ के समय इस स्तुति मंत्र द्वारा हनुमान जी का ध्यान अवश्य करें
- स्त्रियाँ मंत्र साधना किस प्रकार करें ? क्या स्त्रियाँ हनुमान साधना कर सकती है ?
हनुमान जी को चौला केवल पुरुष ही चढ़ा सकते है | महिलाओं के लिए ऐसा करना वर्जित माना गया है | यदि फिर भी कोई विवाहित महिला हनुमान जी को चौला अर्पित करना चाहती है तो वह अपने हाथों से सामग्री की व्यवस्था कर अपने पति के हाथों से हनुमान जी को चौला अर्पित कर सकती है |
Saral bhahut badiya tarike ki vidhi samzayi jai shree Ram