31 जनवरी को घटित हुए चन्द्र ग्रहण के सुअवसर पर बहुत से साधकों में मंत्र साधना में सफलता अर्जित की होगी | इसके ठीक 15 दिन बाद ही सूर्य ग्रहण भी घटित होने जा रहा है | ग्रहण काल में किये गये मंत्र जप का प्रभाव कई गुना अधिक होता है और शाबर मंत्र साधना में सफलता प्राप्त होती है | किन्तु इस 15, 16 फरवरी 2018 को होने जा रहे सूर्य ग्रहण(15 February Surya Grahan ka Prabhav) का प्रभाव भारत में न होने पर भारत देश में रहने वाले साधक इसका लाभ नहीं उठा पाएंगे |
ग्रहण से सम्बंधित कोई भी घटना का प्रभाव उसी स्थान पर होता है जहाँ वह घटना घटित होती है | 15 -16 फरवरी को होने वाले सूर्य ग्रहण का प्रभाव भारत में न रहकर दक्षिण ध्रुव पर स्थित देशों में होगा |
15 – 16 फरवरी सूर्य ग्रहण :-
आने वाला सूर्य ग्रहण फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अमावश्या को होने जा रहा है | सूर्य ग्रहण का समय, भारतीय समय के अनुसार 15 फरवरी रात्रि को 12 बजकर 26 मिनट से शुरू होकर सुबह 04 बजकर 17 मिनट तक रहेगा | इस समय भारत में रात्रि का समय रहेगा इसलिए भारत में सूर्य ग्रहण दिखने का तो प्रश्न ही नहीं उठता |
15 February Surya Grahan ka Prabhav :
सूर्य ग्रहण का प्रभाव :-
15-16 फरवरी को होने वाला सूर्य ग्रहण विशेष रूप से दक्षिणी ध्रुव पर स्थित देशों को प्रभावित करेगा | अर्जेंटीना , चिली, उरुग्वे , दक्षिणी जोर्गिया , ब्राज़ील , प्रशांत महासागर और अंटार्टिका प्रायदीप क्षेत्र में इस सूर्य ग्रहण को देखा जा सकेगा |
ग्रहण काल में शाबर मंत्र साधना :-
ग्रहण काल किसी भी शाबर मंत्र को सिद्ध करने सबसे सुनहरा समय होता है | वैसे तो शास्त्रों के अनुसार ग्रहण काल के समय को बहुत ही अशुभ माना गया है जिसमें मंदिर के कपाट बंद होते है व घर पर पूजा आदि करना भी वर्जित होता है किन्तु ग्रहण काल के समय यज्ञ व मंत्र जप करना सबसे शुभ माना गया है | 15-16 फरवरी(15 February Surya Grahan ka Prabhav) को होने वाला सूर्य ग्रहण जिस-जिस देश में दिखाई देगा वहाँ इस शाबर मंत्र साधना को कर सकते है | ग्रहण काल में शाबर मंत्र साधना किस प्रकार करें ? , इसके लिए आप इस post को पूरा पढ़े : ग्रहण काल शाबर मंत्र सिद्ध करने का सुनहरा अवसर