क्या कीमत है एक बार “राम” नाम जपने की ? धार्मिक कहानी

By | February 21, 2018

हिन्दू धर्म के अनुसार सभी जातक अपने-अपने पाप और पुण्य के आधार पर सुख और दुःख पाते है | सदा अच्छे कर्म करने के साथ-साथ भगवान का नाम लेने वाले जातक सदा सुखमय जीवन व्यतीत करते है व अपने अगले जन्म में भी अच्छी योनी को प्राप्त करते है, इसके विपरीत सदा वासना में लीन रहने वाले, दूसरों का अहित करने वाले और भगवान को न मानने वाले, भले ही इस जन्म में कुछ समय ले लिए सुखमय जीवन व्यतीत कर ले किन्तु अगले जन्म में उन्हें उनके पापों का परिणाम अवश्य भोगना पड़ता है(Dharmik Kahani Ram Naam ki Keemat )|

Dharmik Kahani Ram Naam ki Keemat

भगवान का नाम सुमिरन करने का महत्व इतना अधिक है कि एक बार भी यदि भगवान के नाम का सुमिरन सच्चे मन से किया जाये तो इसका मूल्य नहीं लगाया जा सकता | किसी ने सच ही कहा है : – कलियुग केवल नाम अधारा सुमिरि सुमिरि नर उतरहिं पारा ” | कलियुग में तो भगवान का सिर्फ नाम लेने से ही जातक भव सागर को पार कर जाता है | यानि कलियुग में भगवान का नाम लेने मात्र से सभी दुःख दूर हो जाते है |

Dharmik Kahani Ram Naam ki Keemat

एक बार “राम” नाम जपने की कीमत – पौराणिक कथा :-

यह कहानी उस हठी बालक की है जिसका भगवान में बिल्कुल विश्वास न था | इस छोटी सी उम्र में बच्चे को नास्तिक होते देख उसके पिता ने किसी विद्वान् पंडित से इस विषय पर चर्चा करते हुए उनसे आग्रह किया कि वे बच्चे के मुख से किसी तरह भगवान का नाम बुलवाएं | पिता के आग्रह पर पंडित जी ने उनके घर पर पाठ-पूजा का आयोजन किया | पूरे 3 दिनों तक घर पर पूजा होती रही किन्तु बच्चे ने स्वयं को कमरे में बंद कर लिया और सबके बुलाने पर भी बाहर नहीं आया |

पंडित जी ने पूजा-पाठ को संपन्न किया और घर पर ही बच्चे के बाहर आने का इन्तजार करने लगे, जैसे ही बच्चा अपने कमरे से बाहर आया पंडित जी ने बच्चे के हाथ की कलाई को जोर से पकड़ लिया | पंडित जी ने बच्चे की कलाई को इतनी जोर से पकड़ा जिससे बच्चे को असहनीय दर्द हुआ और बच्चे के मुख से अनायास ही – ” हे राम मुझे बचाए ” ये शब्द निकल गया | पंडित जी ने बच्चे का हाथ छोड़ते हुए बच्चे के पिता से कहा आपके बच्चे ने भगवान का नाम लेना सीख लिया है | इसी बीच बच्चे ने कहा आज तो मेरे मुख से यह नाम निकल गया है आज के बाद ऐसा कभी नहीं होगा |

इस पर पंडित जी ने बड़े ही विनम्र भाव से कहा हे पुत्र : अब तुम भविष्य में चाहे राम का नाम लो या नहीं किन्तु एक बात का ध्यान रखना आज जो तुमने राम का नाम लिया है भूलकर भी इसकी कीमत मत लगाना | इस राम के नाम को कभी बेचना मत | ऐसा कहकर पंडित वहाँ से चले गये |

कुछ दिनों पश्चात् एक दुर्घटना में उस बच्चे की मृत्यु हो जाती है | मृत्यु पश्चात् जब बच्चा यमराज के समक्ष जाता है तो यमराज चित्रगुप्त से कहते है इस बच्चे के पाप और पुण्य बताये जाये, चित्रगुप्त ने कहा हे यमदेव इस बच्चे ने कभी भगवान का नाम नहीं लिया किन्तु एक बार विपत्ति की घड़ी में राम का नाम लिया है, किन्तु इसका क्या पुण्य इसे मिलना चाहिए यह मुझे नहीं दिखाई दे रहा | यमराज ने कहा एक बार भगवान राम का नाम इस बच्चे ने लिया है किन्तु यह हमें भी समझ नहीं आ रहा कि इसका क्या फल बच्चे को दिया जाये | तब यमराज ने बच्चे से कहा तुमने सिर्फ एक बार राम का नाम लिया है हम यह निर्णय तुम पर ही छोड़ते है इसके बदले तुम्हे क्या चाहिए बोलो |

ऐसा सुनते ही बच्चे को अनायास ही उस पंडित जी की बात याद आ गयी कि जब कभी भी तुम्हे इस राम के नाम की कीमत मिले तो इसे बेचना मत | ऐसा सोचते हुए बच्चे ने कहा हे यमराज आप ही मुझे इसका फल प्रदान करें मुझे समझ नहीं आ रहा |

यमराज और चित्रगुप्त व्याकुल होकर अपने इस प्रश्न का उत्तर पाने के लिए बच्चे को साथ लेकर अपने रथ में सवार होकर ब्रह्मा जी के पास जा पहुंचे | ब्रह्मा जी को सारा वृतांत सुनाया, ऐसा सुन ब्रह्मा जी ने कहा यह तो हमें भी समझ नहीं आ रहा कि एक बार राम नाम जपने पर बच्चे को क्या पुण्य मिलना चाहिए | अब ब्रह्मा जी भी यमराज , चित्रगुप्त और बच्चे सहित रथ में सवार होकर इस प्रश्न का उत्तर जानने भगवान शिव के पास जा पहुंचे | भगवान शिव भी एक बार राम नाम जपने के फल को लेकर उत्तर देने में थोड़े विचलित होने लगे | अंत में वे भी सभी के साथ रथ में बैठकर भगवान् विष्णु के समक्ष जा पहुंचे और सभी ने भगवान विष्णु से पुछा इस बच्चे ने एक बार राम का नाम लिया है इसका इसे क्या पुण्य मिलना चाहिए हम सभी थोड़े असमंजस में है |

ऐसा सुन भगवान विष्णु के मुख पर हल्की मुस्कान आने लगी और मुस्कान के साथ बोले इस बच्चे ने एक बार राम का नाम लिया और इसके बदले में इसे ब्रह्मा, विष्णु , महेश के साक्षात् दर्शन हो गये, इससे अधिक पुण्य इस जीवन में और भला क्या हो सकता है |

अन्य जानकारियाँ : – 

जब एक बार राम नाम(Dharmik Kahani Ram Naam ki Keemat) का सुमिरन करने से बच्चे ने ब्रह्म को पा लिया तो सोचिये नित्य राम का नाम लेने से जीवन मे कितना सुख प्राप्त कर सकते है | इसलिए जब भी समय मिले मन ही मन – ” जय श्री राम ” के नाम का जप करते रहे | आपके जीवन के सभी कष्ट स्वतः ही दूर होने लगेंगे |