इस धरा पर रहने वाला हर जातक किसी न किसी धर्म को अपनाता है | उसी धरम के अनुरूप ही वह जीवन निर्वाह करता है और धरम के पथ का अनुसरण भी करता है साथ ही अपनी आने वाली पीढ़ी को भी इसी धरम का अनुसरण करने के लिए मार्गदर्शन भी करता है | आज हम आपको हिन्दू धरम में दीपक प्रजव्लित(Deepak Jalane Ka Mahtav) करने के महत्व के विषय में जानकारी देने वाले है |
हिन्दू धरम में अग्नि को प्रमुख देव माना गया है | पूजा के समय या किसी भी धार्मिक कार्य के समय घी या तेल के दीपक द्वारा सबसे पहले अग्नि को प्रज्वल्लित किया जाता है | दीपक के रूप में इस अग्नि को अग्नि देव मानकर अपने आराध्य देव की आराधना की जाती है | इसके साथ ही दीपक प्रकाश का प्रतीक है | यह आपके घर से आपके मन से आपके परिवार हर प्रकार के अंधकार को दूर कर प्रकाश की ओर अग्रसर करता है |
पूजा के समय दीपक जलाने के पीछे और भी बहुत से कारण है जैसे : घी के दीपक या तेल के दीपक से वातावरण शुद्ध बन जाता है | आस-पास के वातावरण से हानिकारक कीटाणु दूर होते है | घर में नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव दूर होता है | हर तरफ सकारात्मक उर्जा का संचार होता है | साथ ही दीपक के माध्यम से हम अपने आराध्य देव के प्रति श्रद्धा और पूजा भाव को प्रकट भी करते है |
वैज्ञानिक द्रष्टिकोण से घी और तेल के दीपक में बिमारियों को दूर करने की शक्ति होती है | मानसिक विकृतियाँ भी दूर होती है | घी में त्वचा संबधी रोग दूर करने की शक्ति होती है | सरसों के तेल के दीपक की लौं से निकलने वाला धुआं अस्थमा रोगी के फायदेमंद माना गया है |
इस प्रकार घर में पूजा के समय दीपक जलाने (Deepak Jalane Ka Mahtav) से देव कृपा तो प्राप्त होती ही है साथ में घर से बीमारियाँ दूर होती है घर का वातावरण सुगन्धित व शुद्ध बन जाता है | पूरे घर में सकारात्मक उर्जा का संचार होने लगता है |