हिन्दू धर्म में मूर्ति पूजन को विशेष महत्व दिया गया है | मूर्ति पूजा के रूप में देव के स्वरूप का मनन कर उनका काल्पनिक रूप से साक्षात्कार किया जाता है साथ ही मूर्ति पूजा देव के प्रति आपकी निष्ठा व सम्मान को व्यक्त करती है | आज हम आपको भगवान श्री लक्ष्मी नारायण की विधिवत पूजा के विषय में जानकारी देने वाले है | माँ लक्ष्मी-नारायण की पूजा(Laxmi Narayan Puja Vidhi)से जातक सभी भौतिक सुखों की प्राप्ति करते है, स्वास्थ्य, सम्रद्धि , लम्बी आयु , आध्यात्मिक विकास और धन सम्पति की प्राप्ति होती है | किसी विशेष कार्य की सिद्धि के लिए भी संकल्प लेकर श्री लक्ष्मी नारायण की आराधना की जा सकती है |
Laxmi Narayan Puja Vidhi :
श्री लक्ष्मी नारायण पूजा विधि : –
सबसे पहले निम्न पूजा सामग्री एकत्रित कर ले :- जल का कलश, ताम्बे का लौटा , दूध, वस्त्र व आभूषण, दीपक , घी, चावल , कुमकुम , फूल , फूलों का हार(माला), अष्टगंध, इत्र, प्रसाद रूप में फल और मिठाई , पंचामृत( दूध + दही + घी+ शहद + गंगाजल), पान और दक्षिणा आदि |
शुक्रवार श्री लक्ष्मी-नारायण पूजा के विशेष दिन माना गया है | इसलिए शुक्रवार की सुबह-सुबह स्नान आदि करके लक्ष्मी नारायण मंदिर पहुँच जाए | सबसे पहले भगवान श्री गणेश जी का ध्यान करें व उनके कुछ मंत्र जप करें : ॐ गं गणपतये नमः | इसके पश्चात् संकल्प ले |
संकल्प में इस प्रकार बोले : – दायें हाथ में थोड़ा जल लेकर बोले : हे परमपिता परमेश्वर मैं(अपना नाम बोले) गोत्र(अपना गोत्र बोले) श्री लक्ष्मी नारायण की पूजा आराधना कर रहा हूँ इसमें मुझे सफलता प्रदान करें | इस पूजा में मुझसे कोई गलती हो गयी हो तो मुझे क्षमा करें | ऐसा कहते हुए जल को नीचे जमीन पर छोड़ दे और पृथ्वी माँ को स्पर्श करते हुए तीन बार बोले : ॐ श्री विष्णु + ॐ श्री विष्णु + ॐ श्री विष्णु |
सर्वप्रथम लक्ष्मी नारायण जी के वस्त्र उतारे | अब उन्हें शुद्ध जल से स्नान कराये | अब उन्हें पंचामृत से स्नान कराये | अब फिर से शुद्ध जल से स्नान कराये | अब उन्हें वस्त्र पहनाएँ और आभूषण पहनाएँ | अब उन्हें फूलों का हार पहनाएँ, ध्यान दे यदि आप पुरुष है तो फूलों का हार उनके हाथों में पहनाएँ, यदि आप अपनी पत्नी के साथ में है तो दोनों मिलकर उन्हें गले में पहना सकते है | इसके पश्चात् सुगन्धित इत्र अर्पित करें | कुमकुम द्वारा उन्हें तिलक करें | दीपक प्रज्वल्लित करें | धुप आदि लगाये व पुष्प अर्पित करें | पान और नारियल उनके चरणों में अर्पित करें साथ में कुछ दक्षिणा भी रखे | भोग रूप में कुछ मिठाई व फल रखे |
अब आप श्री लक्ष्मी नारायण जी की प्रतिमा के आगे आसन बिछाकर बैठ जाएँ और इस मंत्र के अधिक से अधिक जप करें : ” ॐ श्री लक्ष्मी नारायणाभ्यां नमः “ | मंत्र जप के पश्चात् लक्ष्मी नारायण जी की आरती करें और अपना स्थान छोड़ दे |
श्री लक्ष्मी नारायण जी के मंदिर जाकर उनकी पूजा(Laxmi Narayan Puja Vidhi) करने की यह बहुत ही सरल व सूक्ष्म विधि है जिसे आप आसानी से पूर्ण कर सकते है | यह कार्य आप मंदिर के पुजारी के माध्यम से भी पूर्ण करा सकते है | वह आपके नाम से संकल्प दिलाकर आपके लिए इस देव पूजा को पूर्ण कर देंगे | इसके लिए आप मंदिर के पुजारी को उचित दक्षिणा अवश्य दे |
thnq 1bhai puri vidhi achy sy btane k liye or aaj pta lga sanklp me kya kya bolna hota h!
bdhia h post