पारद भस्म आयुर्वेद का एक दुर्लभ संयोग है | जिसका प्रयोग अनेक व्याधियों को दूर करने में किया जाता है | विशेष रूप से पारद भस्म/Parad Bhasma Benefits का प्रयोग शारीरिक निर्बलता दूर करने में , काम शक्ति बढाने में, स्मरण शक्ति बढ़ाने में और पाचक अग्नि की दुर्बलता को दूर करने में किया जाता है |
पारद भस्म बनाने की विधि :
शुद्ध पारद 4 तोला , शुद्ध गंधक 4 तोला लेकर खरल में घोंटकर इनकी अछि तरह कज्जली बनाकर इसको बड़ के दूध से घोंटकर एक मिटटी के चौड़े द्रढ़ पात्र में डालकर चूल्हे पर चढ़ा दें और उसके नीचे मंद-मंद अग्नि दे | इसे बड़ की गीली लड़की के डंडे से धीरे-धीरे चलाते रहें | इस प्रकार एक दिन तक अत्यंत मंद-मंद अग्नि देकर पकाने से पारद की भस्म हो जाती है | इस प्रकार से की गयी भस्म काले अंजन के समान कृष्ण वर्ण की होती है | इसमें निर्धूम, गौरव आदि गुण होते है |
पारद भस्म के फायदे व लाभ :
Parad Bhasma Benefits : –
- पारद भस्म का प्रयोग अतिसार, क्षय रोग , शोषरोग व अमाशय की पाचक अग्नि की दुर्बलता को दूर करने में किया जाता है | अतः पारद भस्म के प्रयोग से अग्रलिखित रोगों में लाभ मिलता है |
- स्मरण शक्ति बढ़ाने में पारद भस्म का प्रयोग लाभदायक है |
- शरीर की दुर्बलता दूर करने में भी पारद भस्म के प्रयोग से लाभ मिलता है |
- पारद भस्म शरीर में वीर्य की वृद्धि व मैथुन शक्ति बढ़ाने में भी प्रयोग की जाती है व रोगी को पारद भस्म के प्रयोग से लाभ अवश्य मिलता है |
- लम्बे समय तक पारद भस्म का सेवन करने से बुढ़ापे को दूर किया जा सकता है | इसका नियमित प्रयोग आपको लम्बे समय तक जवान व हष्ट पुष्ट रखता है |
मात्रा व अनुपात :
पारद भस्म को 1 रत्ती से 2 रत्ती तक एक बार में लिया जा सकता है | इसे आप सीधे किसी कैप्सूल में डालकर निगल सकते है या मलाई-मक्खन व मुन्नका के माध्यम से रोग की प्रकृति के अनुसार और चिकित्सक की सलाह अनुसार ले सकते है |
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ध्यान देने योग्य :
इस औषधि/(Parad Bhasma Benefits) का सेवन करते समय या सेवन के कुछ समय बाद तक नमक , मिर्च , गुड़ , तेल का सेवन नहीं करना चाहिए | बहुत से चिकित्सक इस औषधि का प्रयोग ज्वर , रक्तपित्त , पांडूरोग , हैजा , हिक्का रोग , मूत्र कच्छ रोग , कामला रोग और मोटापा रोग दूर करने में अलग-अलग औषधियों के साथ इसका सेवन करने की सलाह देते है | पारद भस्म के प्रयोग से पहले अच्छे चिकित्सक से परामर्श अवश्य ले लेना चाहिए | स्वयं से रोग उपचार करना खतरनाक सिद्ध हो सकता है |