ब्रहस्पति देव जो सभी देवों के गुरु है उनकी आराधना से घर में सुख-शांति व धन की वर्षा होती है | इनकी पूजा ब्रहस्पति वार के दिन की जाती है | यदि किसी जातक के विवाह में विलम्ब हो रहा हो तो गुरुवार के दिन व्रत रखने से शीघ्र विवाह के योग बनते है | विशेष रूप से ब्रहस्पति देव/Brihaspati Mantra की आराधना धन-विद्या , विवाह में विलम्ब और पुत्र की प्राप्ति के लिए की जाती है | जिन लोगों ने किसी को गुरु बनाया है इस दिन आप उनकी पूजा कर सकते है | ब्रहस्पति वार का दिन भगवान विष्णु – ब्रहस्पति देव – साईं बाबा व अपने-अपने गुरु की पूजा के लिए विशेष है |
ब्रहस्पति वार के दिन व्रत रखने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है | अधिकतर लड़कियां गुरुवार के दिन व्रत रखती है ताकि उनके विवाह में आने वाली अडचने दूर हो सके | व्रत रखने के साथ-साथ आप इस दिन ब्रहस्पति व्रत कथा भी सुन सकते है | और साथ ही साथ ब्रहस्पति देव की पूजा करने से सम्पूर्ण फल की प्राप्ति होती है |
Brihaspati Mantra
ब्रहस्पति देव के प्रभावशाली मंत्र :
ॐ बृं बृहस्पतये नम :
ॐ क्लीं ब्रहस्पतये नम :
ॐ गुं गुरवे नमः
ॐ ऐं श्रीं ब्रहस्पतये नम :
ब्रहस्पति देव के उपरोक्त सभी मंत्र कल्याणकारी है, मानव का उद्धार करने वाले है | जो जातक श्रद्धापूर्वक इन मंत्रों का जप ब्रहस्पति वार के दिन करता है उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है | गुरुवार की सुबह स्नान आदि से निवृत होकर पीले वस्त्र धारण करके गुरुदेव के समक्ष बैठकर इन मन्त्रों का जप करना चाहिए | मंत्र जप की संख्या आप अपने सामर्थ्य के अनुसार निर्धारित कर सकते है | सभी मन्त्रों को एक जप करने की आवश्यकता नहीं है आप किसी एक मंत्र का जप करें |
गुरुवार के दिन पीले वस्त्र धारण करने चाहिए | केले के पेड़ की पूजा करनी चाहिए | इस दिन पीली वस्तुओं का दान करने से ब्रहस्पति देव/Brihaspati Mantra की कृपा प्राप्त होती है | इस दिन आप पीले फल, चने की दाल , पीले वस्त्र, पीले रंग की मिठाई व हल्दी आदि का दान कर सकते है | ब्रहस्पति वार के दिन विशेष रूप से बाल और नाख़ून नहीं कटवाने चाहिए |