परमपिता परमेश्वर द्वारा निर्मित इस संसार में मनुष्य सबसे अद्भुत व शक्तिशाली माना गया है | यह इसलिए नहीं कि मनुष्य के पास हाथ होते है यह इसलिए क्योंकि एक अनोखी चीज जो संसार के किसी अन्य जीव के पास नहीं है, वह है मष्तिष्क की शक्ति | संसार में मनुष्य एकमात्र ऐसा जीव है जो अपनी बुद्धि के प्रयोग से असंभव कार्य को भी संभव कर सकता है | आज हम आपको मानव मस्तिष्क के चेतन मन व अवचेतन मन/Avchetan Man in Hindi के विषय में जानकारी देने वाले है |
मनोचिकित्सक के अनुसार मानव मष्तिष्क को मुख्यतः दो भागों में बाटा गया है – चेतन मन व अवचेतन मन | जो व्यक्ति अपने चेतन मन और अवचेतन मन को ठीक से समझ लेता है और दोनों को नियंत्रित करने की शक्ति रखता है वह जीवन में सफतला की हर उचाईयां प्राप्त कर सकता है | चेतन मन और अवचेतन मन दोनों एक दुसरे के परिपूरक है | आइये जानते है चेतन मन व अवचेतन मन के विषय में विस्तार से :
चेतन मन क्या है :
चेतन मन मानव मस्तिष्क का वह हिस्सा है जिसमें मानव सोचने का कार्य करता है , भविष्य के लिए प्लानिंग करता है , अपने अच्छे-बुरे के विषय में सोचता है या कहे मानव मस्तिष्क का वह सक्रिय हिस्सा जिसे वह सीधे नियंत्रित कर सकता है चेतन मन कहलाता है | दूसरों के साथ तर्क-वितर्क करते समय भी चेतन मन कार्य करता है | जो हम देखते है, महसूस करते है वह भी चेतन मन द्वारा ही संभव है |
Avchetan Man in Hindi
अवचेतन मन क्या है :
अवचेतन मन मानव मस्तिष्क का वह हिस्सा है जिसमें हमारे अनुभव, याददास्त और इच्छाएं स्टोर होती है | यह एक प्रकार से स्टोरेज का कार्य करता है | चेतन मन जो भी कार्य एक से अधिक बार करता है या बार-बार करता है वह सब अवचेतन मन का हिस्सा होने लग जाती है | जैसे : जब आप गाडी चलाना सीखते है तो शुरू-शुरू में आपका सारा ध्यान सामने होता है इस अवस्था में आपका चेतन मन कार्य करता है आप थोड़े डरे होते है और स्वयं पर विश्वास थोड़ा कम होता है |
जब आप गाड़ी चलाने में परिपक्व हो जाते है तो अब आप गाड़ी को अवचेतन मन द्वारा चलाते है | आपने कभी-कभी स्वयं महसूस किया होगा कि आप गाड़ी चलाते-चलाते घर पहुंच जाते है और आपका ध्यान कहीं और ही होता है | ऐसा चेतन मन और अवचेतन द्वारा ही होता है | ऐसी अवस्था में आपकी गाड़ी अवचेतन मन/Avchetan Man in Hindi द्वारा नियंत्रित होती रहती है और आपको पता भी नहीं चलता और आप चेतन मन द्वारा कुछ और ही सोच रहे होते है | अवचेतन मन को आप सीधे आदेश नहीं दे सकते है या कहे कि अवचेतन मन को चेतन मन की तरह सीधे नियंत्रित नहीं किया जा सकता |
अवचेतन मन तक किसी भी प्रकार की इनपुट(सुचना) देने के लिए आपको पहले चेतन मन को इनपुट देनी होगी | इस इनपुट को कितना शीघ्र आप अवचेतन मन तक पहुचाते है यह व्यक्तिगत कुशलता पर निर्भर करता है |
Avchetan Man in Hindi
चेतन मन व अवचेतन मन में अंतर :
- जिस प्रकार सागर के मध्य बर्फ की चट्टान का केवल 10% हिस्सा बाहर दिखाई देता है और बर्फ का 90 % हिस्सा पानी के अन्दर होता है जो ठीक से दिखाई नहीं देता, ठीक वैसे ही चेतन मन मस्तिष्क का 10% हिस्सा मात्र है जिसे हम महसूस कर सकते है | मस्तिष्क का 90% हिस्सा अवचेतन मन के लिए कार्य करता है जो दिखाई नहीं देता है |
- चेतन मन एक राजा के रूप में कार्य करता है और अवचेतन मन सेना के रूप में |
- चेतन मन को सीधे नियंत्रित किया जा सकता है | अवचेतन मन को सीधे नियंत्रित नहीं किया जा सकता |
- चेतन मन से नकारात्मकता दूर करना आसान है किन्तु अवचेतन मन में नकारात्मकता आने से उसे दूर करना बहुत कठिन हो जाता है |
- चेतन मन तर्क-वितर्क करता है , निर्णय लेता है, अच्छा-बुरा सोचता है किन्तु अवचेतन मन ना तर्क-वितर्क कर सकता है, ना ही निर्णय ले सकता है और ना ही अच्छा-बुरा सोच सकता है | चेतन मन अच्छा-बुरा जैसा भी सोचता है अवचेतन मन धीरे-धीरे उसे ही अपनाने लगता है(Avchetan Man in Hindi) |
अवचेतन मन को नियंत्रित कैसे करें :-
एक कहावत है कि ” जैसा खाओगे अन्न वैसा होगा मन ” ठीक वैसे ही आप जो सोचोगे, कार्य करोगे आपका अवचेतन मन भी वैसा ही होने लगेगा | अगर आप सकारात्मक सोचते है तो सकारात्मकता आपके अवचेतन मन में भी संग्रहित होने लगती है | अगर आप नकारात्मक सोचते है तो नकारात्मकता आपके अवचेतन मन में संग्रहित होने लगती है | जैसे : यदि आप मन में गंदे विचार लाते है या किसी के विषय में बुरा सोचते है तो सिर्फ एक बार ऐसा करने मात्र से आपका अवचेतन मन इन्हें नहीं अपनाता किन्तु जब बार-बार आप ऐसा करते है तो धीरे-धीरे ये सभी आपके अवचेतन मन का हिस्सा होने लगते है |
अन्य जानकारियाँ :
अवचेतन मन को नियंत्रित करने की कला : जैसा कि हम आपको बता चुके है अवचेतन मन को सीधे नियंत्रित नहीं किया जा सकता है | अवचेतन मन को नियंत्रित करने के लिए चेतन मन का सहयोग जरुरी है | बिना चेतन मन को नियंत्रित किये आप अवचेतन मन को नियंत्रित नहीं कर सकते है | आइये जानते है किस प्रकार से आप अवचेतन मन तक अपनी बात पंहुचा सकते है |
अवचेतन मन/Avchetan Man in Hindi तक अपने विचार पहुंचाने के लिए आपको अपने चेतन मन से बार-बार निर्देश देने होंगे | एक ही बात को जब आप बार-बार सोचेंगे या बोलेंगे या व्यवहार में लायेंगे तो वह आपके अवचेतन मन तक पहुँचने लगेगी | निरंतर अभ्यास और द्रढ़ संकल्प के द्वारा भी आप अपने विचार अवचेतन मन तक पहुंचा सकते है |