इस प्रकार करें, गणेश जी को प्रसन्न | भगवान श्री गणेश जी की सरल पूजा विधि

By | November 14, 2019

बुद्धि के देव कहे जाने वाले गणेश जी भगवान की बुधवार के दिन पूजा-आराधना करने से गणेश जी अति शीघ्र प्रसन्न होते है | गणेश जी को सभी दुःख हरने वाले, कष्ट हरने वाले व विघ्नहर्ता भी कहा जाता है | हिन्दू धर्म में किसी भी देव पूजा के समय या कोई भी शुभ कार्य शुरू करने से पहले गणेश जी का स्मरण अवश्य किया जाता है | कहा जाता है गणेश पूजा/Ganesh Puja Vidhi के बिना कोई भी कार्य पूर्ण नहीं माना जाता | बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा करने से घर के सभी दुःख दूर होने के साथ-साथ बुध जनित दोष भी दूर होते है |

Shri Ganesh Puja Vidhi

Ganesh Puja Vidhi

बुधवार के दिन इस प्रकार करें, गणेश पूजा : –

  • बुधवार के दिन गणेश जी को सिन्दूर अवश्य चढ़ाये | इस दिन गणेश जी को सिन्दूर चढाने से आपके जीवन में आ रही सभी समस्याए दूर होती है |
  • बुधवार के दिन किसी गरीब व्यक्ति को मूंग की दाल का दान करना चाहिए | इस दिन ऐसा करना बहुत ही शुभ माना गया है | इस आपको बुध दोष से भी मुक्ति मिलती है(Ganesh Puja Vidhi) |
  • बुधवार के दिन गणेश जी दूब अर्पित करनी चाहिए | ऐसा करने से गणेश जी खुश होते है |
  • इस दिन गाय को हरि घास खिलाने से भी गणेश जी प्रसन्न होते है |
  • भगवान श्री गणेश जी मोदक बहुत ही पसंद है | इसलिए इस दिन गणेश जी को मोदक का भोग अवश्य लगाये |
  • सफ़ेद पत्थर की गणेश जी ऐसी प्रतिमा घर लाये जिसका मुख दोनों तरफ हो | इस प्रतिमा की पूजा करके इसे घर की मुख्य द्वार पर लगा दे | प्रतिमा को इस प्रकार लगाये कि गणेश जी का मुख घर के अंदर और बाहर दोनों तरफ हो | ऐसा करने से घर से सभी प्रकार की तांत्रिक नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती है | बाहरी बुरी शक्तियां प्रभावहीन होने लगती है व घर में सदैव सुख शांति बनी रहती है |
  • घर से क्लेश दूर करने हेतु आप, दूब से गणेश जी की प्रतिमा बनाये व प्रतिदिन इसकी पूजा करें | आपके घर से क्लेश दूर होने लगेगा |

Ganesh Puja Vidhi : 

गणेश जी पूजन विधि : –

गणेश पूजा/Ganesh Puja Vidhi के लिए विशेष दिन का चुनाव करें : जैसे : बुधवार का दिन या फिर गणेश चतुर्थी का दिन गणेश पूजा से उत्तम होता है | इस दिन सुबह-सुबह राहू काल के समय को छोड़कर अपनी पूजा आरम्भ करें | यदि आप राहू काल के विषय में नहीं जानते है तो सुबह 7 बजे से पहले अपनी पूजा आरम्भ कर सकते है |

स्नान आदि से निवृत होकर साफ व खुले कपड़े धारण करें व निम्न सामग्री को एकत्रित कर ले : – दूप – दीप – रोली – मोली – पुष्प – दूर्वा – मोदक – एक पात्र में जल |

अब पूर्व दिशा की तरफ एक चौकी की स्थापना करके उस पर गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें | घी का दीपक जलाये | दूप आदि लगाये |     ईशान कोण की तरफ जल के कलश को स्थापित करें | अब किसी अन्य पात्र के जल से दूब द्वारा जल को सभी दिशाओं में छिड़कते हुए इस मंत्र को बोले : –

ऊँ अपवित्रो पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोsपिवा।
यः स्मरेतपुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तरः शुचिः।।

सर्वप्रथम गणेश जी के स्तुति मंत्र द्वारा उनका आव्हान करें :

गजाननं भूतगणादि सेवितं

कपित्थ जम्बूफलसार भक्षितम् 

उमासुतं शोक विनाशकारणं

नमामि विघ्नेश्वर पादपङ्कजम् ॥

अब ईशान कोण में स्थापित वरुण देव का पूजन करें : उन्हें तिलक करें, पुष्प अर्पित करें, धुप आदि दिखाए | वस्त्र रूप में लाल धागा अर्पित करें | अब आप सभी देवों का आव्हान करें |

अब आप दायें हाथ में थोडा जल या चावल लेकर संकल्प ले : इस प्रकार बोले : हे परमपिता परमेश्वर मैं (अपना नाम बोले) गोत्र(अपना गोत्र बोले) स्थान (स्थान का नाम बोले) दिन( दिन का नाम व तिथि का नाम बोले) अपने कार्य(कार्य के विषय में बोले) की पूर्णता हेतु  गणेश जी की विशेष पूजा कर रहा हूँ, इस कार्य में मुझे पूर्णता प्रदान करें | ऐसा कहते हुए हाथ के जल को नीचे जमीन पर छोड़ दे और बोले : ॐ श्री विष्णु -ॐ श्री विष्णु -ॐ श्री विष्णु |

अब आप शुद्ध जल से – दूध से – घृत से – शहद से – मीठे से -गंगाजल से गणेश जी की प्रतिमा को स्नान कराये | यदि गणेश जी की फोटो है तो सुपारी के ऊपर लाल धागा लपेटकर गणेश जी की स्थापना करनी चाहिए | और इसी को स्नान कराना चाहिए |

गणेश जी वस्त्र व आभूषण पहनाये | अब गणेश जी तिलक करें – अक्षत अर्पित करें – दूर्वा अर्पित करें – पुष्प अर्पित करें व मोदक का भोग लगाये |

अब आप अपनी इच्छा अनुसार – गणेश चालीसा – गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ कर सकते है या फिर मंत्र जप द्वारा भी गणेश आराधना कर सकते है | आप नीचे दिए गये मन्त्रों में से किसी भी एक मंत्र के अपने सामर्थ्य अनुसार जप कर सकते है |

गणेश मंत्र : –

|| ऊँ गं गणपतये नमः।।

|| ॐ श्री विघ्नेश्वराय  नमः ||

|| ॐ श्री गणेशाय नमः ||

मंत्र जप के पश्चात् गणेश आरती करें | गणेश जी से अपने घर में सुख-शांति और अपने कार्य की पूर्णता की अरदास लगाये | और बोले : हे गणेश जी भगवान मैं न आपकी पूजा विधि जानता हूँ और न मंत्र विधि, इसलिए मेरे द्वारा किये कार्य में कोई त्रुटी हुई हो तो मुझे क्षमा करें | इस प्रकार से गणेश जी की सरल पूजा/Ganesh Puja Vidhi संपन्न होती है | अब आप गणेश जी सहित सभी देवों की जय -जयकार करें और अब आप अपने स्थान से खड़े हो सकते है |