किसी विद्वान् ने सच कहा है कि क्रोध – लोभ – लालच – मोह और माया ये सभी मनुष्य के दुश्मन है | जो व्यक्ति को क्षीण बनाते है | जो व्यक्ति इन्हें नियंत्रित नहीं रख पाता वह स्वयं ही खुद के पतन का कारण बनता है | इस लेख के माध्यम से आप क्रोध (जिसे आम बोलचाल की भाषा में गुस्सा कहते है), को नियंत्रित करने के विषय में जानकारी प्राप्त करेंगे | आज का आधुनिक समय तनाव और भागदौड़ से भरा है जो सामान्य से अधिक गुस्सा आने का सबसे बड़ा कारण बन रहा है | क्रोध(गुस्सा) आना पूर्ण रूप से गलत नहीं है बस आवश्यकता है इस पर नियंत्रण रखने की |
मनुष्य एक ऐसा प्राणी है जिसमें भावनाएं है और जहाँ भावनाएं होती है वहाँ गुस्सा/क्रोध आना भी स्वभाविक है | गुस्सा चिंता का विषय उन लोगों के लिए है जो अपने गुस्से को नियंत्रण में नहीं रख पाते और गुस्सा आने पर कुछ बड़ा गलत कर बैठते है जिसका बाद में उन्हें पश्चाताप होता है | छोटी-छोटी बातों पर बार-बार गुस्सा करना भी गलत है | इस आदत को भी नियंत्रित करने की आवश्यकता है | आइये जानते है किस प्रकार से आप अपने गुस्से को control कर सकते है | Read : गुस्सा आने के 11 मुख्य कारण
Gussa Control Karne ke Upay :
गुस्सा Control करने के उपाय :
1. आत्मचिंतन :
जब भी आपको गुस्सा/क्रोध आये तो गुस्सा शांत होने के बाद स्वयं से चिंतन करें | जैसे : आज मुझे गुस्सा आया है इसके पीछे जो कारण है क्या वह सही है ? क्या आज मुझे ज्यादा गुस्सा तो नहीं आया ? मेरे गुस्सा करने से मुझे क्या शांति मिली ? क्या मेरे गुस्सा करने से सामने वाला व्यक्ति कितना प्रभावित हुआ ? आस – पास के लोग जो आपके गुस्से को देख रहे थे क्या वे आपके गुस्सा करने से प्रसन्न हुए ? क्या आपके गुस्सा करने से किसी का बड़ा अहित तो नहीं हो गया है ? मैं जो बात-बात पर गुस्सा होता हूँ क्या यह मेरे व्यक्तित्व को शोभा देता है ? इस तरह के विचार से आप गहन आत्मचिंतन करें | जब भी आपको गुस्सा आये, बाद में शांत मन से स्वयं से इस तरह के प्रश्न करें | धीरे-धीरे आप स्वयं में बदलाव देखेंगे |
2. अवचेतन मन तक अपनी बात पहुचाएं :
गुस्सा/क्रोध आपकी आदत बन चुका है और अब यह आपके अवचेतन मन का हिस्सा हो गया है | इसलिए जब आप बार-बार निरंतर अपने गुस्सा न होने के बारे में स्वयं से बात करेंगे तो एक समय ऐसा होगा जब आपका अवचेतन मन आपके गुस्सा न होने की बात को स्वीकार कर चुका होगा | और इस बात का अहसास आपको तब होगा जब आप देखेंगे कि आपको गुस्सा नहीं आ रहा है | अवचेतन मन के विषय में गहन अध्धयन करें | आपके गुस्से के पीछे अवचेतन मन बहुत महत्व रखता है | अवचेतन मन तक अपनी बात को कैसे पहुंचाए, इसके लिए आप इस पोस्ट को पढ़े : अवचेतन मन क्या है |
3. शांत रहने का प्रयत्न करें :
अक्सर यह देखा गया है जो लोग अधिक aggresive (उत्तेजक) प्रवृति के होते है उन्हें गुस्सा भी अधिक आता है | और जो लोग शांत होते है उन्हें गुस्सा कम आता है ऐसे लोगों को गुस्सा आता भी है तो वे इसे सरलता से नियंत्रित कर लेते है | इसलिए कोशिश करें स्वयं का स्वभाव बदलने की, स्वयं को शांत रखने की | यह कार्य बिल्कुल भी आसान नहीं है किन्तु गुस्से को नियंत्रण करना है तो आपको शांत रखना सीखना होगा |
4. गुस्सा आने के पहले के लक्षण जाने :
अधिकांश लोगों को यह पहले से अनुभव हो जाता है कि उन्हें गुस्सा/क्रोध आ रहा है | और धीरे-धीरे स्वतः ही उनका गुस्सा uncontrol हो जाता है | इसलिए जरुरी है आप भी गुस्सा आने से पहले के क्षणों को पहचाने कि अब आपको गुस्सा आ रहा है और जल्द ही यह uncontrol हो जायेगा | आपके गुस्से के uncontrol होने से पहले आपको उस स्थान को छोड़कर किसी एकांत स्थान में चले जाना है | और गहन आत्मचिंतन शुरू कर देना है | या फिर आप किसी अन्य विषय पर भी सोच सकते है तो आपके लिए आनंदनीय हो | इस कार्य का अभ्यास आप आज से ही शरू कर दे, गुस्सा नियंत्रिंत करने में यह आपके लिए वरदान सिद्ध होने वाला है |
5. तनाव रहित जीवन : –
अधिक गुस्सा/क्रोध आने का सबसे बड़ा कारण तनाव है | आज हर कोई तनावग्रस्त जीवन जी रहा है | जो लोग तनाव के साथ समन्वय स्थापित नहीं कर पाते वे अधिक गुस्सा आने के शिकार बनते है | इसलिए यदि आपको अपने गुस्से पर control करना है तो तनाव को जीवन से दूर करना होगा | तनाव दूर करने के बहुत से उपाय है आप इस पोस्ट को पढ़कर तनाव से छुटकारा पाने के विषय में जानकारी प्राप्त कर सकते है : Read : तनाव दूर कैसे करें |
Gussa Control Karne ke Upay
6. अन्य उपाय :
गुस्सा control करने की और भी बहुत सी प्रचलित विधियाँ है जैसे : गुस्सा आने के समय उल्टी गिनती गिनना , गुस्सा आने के समय किसी अन्य विषय पर सोचना , गुस्सा आने पर स्थान को छोड़कर बाहर कहीं दूर चले जाना | आप ये सभी उपाय भी प्रयोग में ला सकते है | इसके अतिरिक्त आपका आहार भी आपके गुस्से/क्रोध का कारण बन सकता है | अपने आहार से मांसाहार दूर करें | अधिक spicy भोजन न करें | फल व संतुलित भोजन करें और समय पर करें साथ ही भरपूर नींद ले |
स्वयं को शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रखे | योग व प्राणायाम करने से भी आपका मन शांत रहने लगता है | मन में अच्छे और शांत विचार आने में आपका स्वास्थ्य बड़ा महत्व रखता है | एक बीमार शरीर में स्वस्थ मन का वास होना बड़ा मुश्किल है | इसलिए जो लोग बीमार है, किसी रोग से पीड़ित है वे स्वभाव से चिडचिडे होने लगते है जो उनके अधिक गुस्से/क्रोध का मुख्य कारण बनता है | किसी ने सच ही कहा है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है | आपके गुस्से/क्रोध को नियंत्रित करने में गहन आत्मचिंतन और अवचेतन मन सबसे अधिक प्रभावी उपाय सिद्ध हो सकते है |