जब हनुमान जी ने शनिदेव का घमंड किया दूर | शनिदेव को तेल क्यों चढ़ाया जाता है ?

By | June 30, 2018

भगवान श्री राम के सबसे बड़े भक्त हनुमान जी है | हनुमान जी सदैव भगवान श्री राम की भक्ति में लीन रहते है | जय श्री राम के नाम का जप ही उन्हें असीमित शक्तियों का मालिक बनाता है | इसलिए कोई भी विकट समस्या आने पर वे सिर्फ राम नाम के सहारे ही उससे निजात पा लेते है |एक बार की बात है हनुमान जी भगवान श्री राम के नाम में व्यस्त थे | तभी शनिदेव(Hanuman ji or Shanidev ki Ladai) उनके निकट आये तो बोले, हे हनुमान मुझे इस संसार में न्याय का देव कहा जाता है | इसलिए मैं हर प्राणी के जीवन में एक बार उसे सजा देने साढे साती व ढैय्या के रूप में जरुर आता हूं और उसके पापों के अनुसार उसे सजा देता हूं | आज मैं आप पर भी अपना प्रभाव दिखाने आया हूँ | आज से पूरे साढ़े सात वर्ष तक मैं आपके पास रहूँगा |

hanuman Ji or Shanidev ki ladai

Hanuman ji or Shanidev ki Ladai

अब हनुमान जी कहते है यह तो बहुत अच्छी बात है कि हम दोनों आज से साथ रहेंगे और मिलकर भगवान श्री राम का नाम लेंगे | इस पर शनिदेव बोले : मैं शुरू के ढ़ाई वर्ष जातक के सिर पर रहता हूं और उसकी बुद्धि भ्रष्ट करता हूं | अगले ढ़ाई वर्ष उसके पेट के हिस्से पर रहकर उसे व्याधियों से ग्रस्त रखता हूं और अंत के ढ़ाई वर्ष मैं जातक के पैरों में रहता हूं | मेरे बस यही कार्य है |

ऐसा सुन हनुमान जी ने शनिदेव को कहा तो देर किस बात की है आइये मेरे सिर पर सवार हो जाइये | ऐसा सुनते ही शनिदेव हनुमान जी के सिर पर सवार हो जाते है ऐसा होते ही हनुमान जी को आभास होने लगता है कि उनका मन भगवान श्री राम के नाम में स्थिर नहीं हो पा रहा है | काफी प्रयत्न के बाद भी जब हनुमान जी भगवान श्री राम के लिए ध्यान नहीं लगा पाए तो उन्हें गुस्सा आ गया और वे समझ गये यह सब मेरे सिर पर विराजमान शनिदेव का किया हुआ है |

अब हनुमान जी ने शनिदेव के प्रति गुस्सा दिखाते हुए अपनी गदा से अपने सिर पर जोर से वार किया जिसका सीधा असर शनिदेव पर हुआ और वे हनुमान जी के सिर से गिरकर उनके पेट के स्थान पर आ गये | अब हनुमान जी ने अपने पेट पर भी गदा से जोरदार प्रहार किया अब शनिदेव सीधे उनके पैरों में आ गिरे और पीड़ा से व्याकुल हो उठे |

गदा के प्रहार से शनिदेव का पूरा शरीर दर्द से पीड़ित हो उठता है और वे हनुमान जी के चरणों में माफ़ी मांगने लगते है | तब हनुमान जी शनिदेव/(Hanuman ji or Shanidev ki Ladai) को तेल लगाकर उनके शरीर की पीड़ा दूर करते है | इस पर शनिदेव भी हनुमान को वचन देते है कि आज से जो भक्त शनिवार के दिन आपकी पूजा करेगा या मुझे तेल चढ़ायेगा उस पर मेरी साढ़े साती का कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा |