मंगला चमारी साधना विधि !

इस धरा पर जैसे सभी मनुष्य एक जैसे नहीं है उसी अनुसार धर्म में भी भिन्नता है | लेकिन सभी धर्म मनुष्य को एक ही रास्ता दिखाते है वह है सद्मार्ग पर चलने का | आज हम आपको इस्लाम धरम से जुडी एक ऐसी साधना के विषय में जानकारी देने वाले है जिसके सिद्ध करने पर वह एक… Read More »

जन्म कुंडली में ग्रहों को अनुकूल बनाने के उपाय ! ग्रहों को मददगार कैसे बनाये ?

ज्योतिष शास्त्र के सिद्धांतों के अनुसार गृह अपने फल देते है | उनके लिए कोई उपाय शास्त्र में नहीं बताये गये है | किन्तु गृह राशी की संदेहास्पद स्थिति हो तब उनके उपाय करने के विधान शास्त्र सम्मत माने जाते है | अनिष्ट ग्रहों के विश्वासघात से बचने के लिए उपाय करना मानव के हाथ में है |… Read More »

भगवान शिव ने काल की रचना कैसे की ?

शिव महापुराण के अनुसार प्राणियों की आयु का निर्धारण करने के लिए महाकाल भगवान शंकर ने काल की कल्पना की | उसी से ही ब्रह्मा से लेकर अत्यंत छोटे जीवों तक की आयुष्य(आयु) का अनुमान लगाया जाता है | उस काल को ही व्यवस्थित करने के लिए महाकाल ने सप्तवारों की कल्पना की | सबसे पहले ज्योतिष स्वरुप… Read More »

जयपुर में स्थित सूर्यदेव मंदिर , एक दर्शन

महाराजा सवाई जयसिंह जी ने जयपुर को बसाने से पूर्व नगर की सुख सम्रद्धि के लिए चारों दिशाओं में भगवान को विराजमान किया था | जिसके तहत पुर्व में भगवान सूर्यदेव, पश्चिम में चांदपोल स्थित हनुमान जी, दक्षिण में मोतीडूंगरी के गणेश जी तथा उत्तर में गड गणेश जी को विराजमान किया था | जयपुर रियासत के राजा… Read More »

यक्षिणी साधना क्या है ? यक्षिणी साधना के प्रकार व मंत्र

यक्षिणी साधना भी देव साधना के समान ही सकारात्मक शक्ति प्रदान करने वाली है | आज के समय में बहुत ले लोग यक्षिणी साधना को किसी चुड़ैल साधना या दैत्य प्रकर्ति की साधना के रूप में देखते है | किन्तु यह पूर्णरूप रूप से असत्य है | जिस प्रकार हमारे शास्त्रों में 33 देवता होते है उसी प्रकार… Read More »