भगवान श्री राम का नाम अपने आप में एक नाम भी है और एक मंत्र भी | भगवान श्री राम की आराधना करने वाले भक्त के सभी कार्य स्वयं ही सिद्ध हो जाते है | भगवान श्री राम के नाम में ही इतनी शक्ति है जिसके स्मरण मात्र से अटके से अटका काम भी बनने लग जाता है |
राम नाम की महिमा से जुडी एक कहानी :-
एक बार नदी के किनारे एक व्यक्ति गहन चिंता में बैठा था | तभी वहां से गुजर रहे विभीषण ने उस व्यक्ति को चिंता में देखकर उससे उसकी चिंता का कारण पूछा | व्यक्ति ने कहा मैं इस नदी के उस पार जाना चाहता हूं लेकिन समझ नहीं आ रहा कि मैं किस प्रकार नदी के उस पार जाऊ |
इस पर विभीषण ने कहा, बस इतनी सी ही बात है क्या ? इसमें चिंता करने की क्या बात है ? तब विभीषण ने पास पड़े एक पत्ते को उठाया और उस पर कुछ लिखा व उस चिंतित व्यक्ति की धोती के पल्लू से बांधते हुए कहा कि मैंने इस पर तारक मंत्र लिखा है जिसके बल पर तुम इस नदी के ऊपर चलकर मौज-मस्ती करते हुए उस पार जा सकोगे |
अब वह व्यक्ति प्रसन्न होते हुए नदी के ऊपर आराम से चलने लगा व नदी के उस पार जाने लगा | नदी के बीच में पहुँचते ही उसे यह खयाल आया कि क्यों न देखा जाए विभीषण ने इस पत्ते पर ऐसा क्या तारक मंत्र लिखा है | उस व्यक्ति ने धोती के पल्लू से पत्ते को खोला और उसे खोलकर देखा तो उसमें सिर्फ “राम” शब्द लिखा हुआ था | यह देख उस व्यक्ति के मन में आया कि यह भला क्या तारक मंत्र हो सकता है यह तो सिर्फ एक साधारण सा नाम ही है | मन में ऐसे विचार आते ही व्यक्ति वहीं की वहीं पानी में डूबकर मर जाता है |
अन्य जानकारियाँ :-
सार : भगवान श्री राम के “राम” नाम में ही सब शक्तियाँ निहित है बस आवश्यकता है विश्वास और श्रद्धा के द्वारा उस शक्ति को पहचानने की | जिस प्रकार उस व्यक्ति ने राम नाम से विश्वास उठाया और वह मर गया ,उसी प्रकार बड़े से बड़े साधक भी अपने ईष्ट पर अश्रद्धा और अविश्वास के भाव आते ही उसी पल अपना सब कुछ खो बैठते है |