सात मुखी रुद्राक्ष के मानव जीवन पर प्रभाव | सात मुखी रुद्राक्ष के लाभ एवं पहनने की विधि

By | June 8, 2018

भारतीय संस्कृति में रुद्राक्ष धारण करने का बड़ा ही महत्व बताया गया है | साक्षात् भगवान शिव के स्वरुप कहे जाने वाले रुद्राक्ष में बहुत से दैवीय गुण होते है | आज हम आपको सात मुखी रुद्राक्ष की विशेषताओं के विषय में विस्तृत जानकारी देने वाले है | सात मुखी/(Saat Mukhi Rudraksh ke Labh)रुद्राक्ष को माँ लक्ष्मी का स्वरुप माना गया है साथ ही शनिदेव की भी विशेष कृपा इस रुद्राक्ष को धारण करने वाले जातक पर रहती है |

सात मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से धन-संबंधी सभी कष्ट दूर होते है | धन प्राप्त होने के नये-नये द्वार खुलने लगते है | जो व्यक्ति अपनी आर्थिक स्थिति से परेशान है उन्हें इस रुद्राक्ष को अवश्य धारण करना चाहिए | अपने और अपने परिवार से आर्थिक संकट को हमेशा-हमेशा के लिए दूर करने के लिए सात मुखी रुद्राक्ष की स्थापना पूजा स्थल पर करनी चाहिए | अच्छी खासी आय होने के बाद भी खर्चे आय से अधिक होते हो तब भी सात मुखी रुद्राक्ष लाभ पहुंचाता है |

Saat Mukhi Rudraksh ke Labh

सात मुखी रुद्राक्ष के लाभ : –

  • सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति के आय स्त्रोत में वृद्धि होती है | माँ लक्ष्मी की कृपा ऐसे जातक पर सदैव बनी रहती है |
  • शनि की साढ़े साती या ढैय्या के समय सात मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए | इस रुद्राक्ष को धारण करने पर शनिदेव भी प्रसन्न रहते है
  • नौकरी और व्यापार में उन्नति के लिए सात मुखी रुद्राक्ष को पहनना चाहिए |
  • सात मुखी रुद्राक्ष में सप्त ऋषियों का आशीर्वाद निहित होता है | साथ ही इस रुद्राक्ष को धारण करने से शरीर में सप्त धातुओं की रक्षा होती है |
  •  स्नायु तंत्र से सम्बंधित रोगों में सात मुखी रुद्राक्ष पहनने से लाभ प्राप्त होता है |
  • मानसिक परेशानी, गठिया दर्द , हड्डी व मांसपेशियों में पीड़ा व अस्थमा जैसे रोगों में सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने से लाभ मिलता है |

सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने के विधि :-

किसी भी रुद्राक्ष को गले में धारण करने से पहले इसे पवित्र करना व इसकी पूजा करना आवश्यक है | सात मुखी रुद्राक्ष को पहनने से पहले इसे इस प्रकार से शुद्ध करें : -सोमवार, शिवरात्रि या श्रावण मास के किसी भी दिन रुद्राक्ष धारण करने के लिए शुभ माने गये है | सबसे पहले दूध-दही-शहद-घी-शक्कर के मिश्रण से रुद्राक्ष को स्नान कराये | अब पवित्र गंगाजल से स्नान कराये और अब इसे पूजा स्थल पर लाल वस्त्र बिछाकर रख दे | दीपक प्रज्वल्लित कर निम्न मन्त्रों में से किसी भी एक मंत्र का यथासंभव जप करें : ॐ नमः शिवाय  या  ॐ हूं नमः | अंत में कुमकुम से तिलक कर भगवान शिव का स्मरण करते हुए इसे गले में पहनना चाहिए |

यदि रुद्राक्ष को सिद्ध करने के पश्चात् धारण किया जाये तो इसका प्रभाव 100 गुना अधिक बढ़ जाता है | इसलिए आप कोई भी रुद्राक्ष धारण करने का मन बनाये तो पहले इसे सिद्ध अवश्य करें | रुद्राक्ष को सिद्ध करने के लिए रुद्राक्ष की विधिवत पूजा के साथ-साथ ॐ नमः शिवाय मंत्र के 5000 संख्या में जप करें और अंत में हवन करें | हवन में अधिक अधिक से आहुतियाँ ॐ नमः शिवाय मंत्र की दे | हवन के अंत में रुद्राक्ष को 21 बार हवन के ऊपर से घुमाये व हवन की विभूति से तिलक करें |

अन्य जानकारी :- 

इस प्रकार रुद्राक्ष/(Saat Mukhi Rudraksh ke Labh) को सिद्ध कर इसे धारण करना चाहिए | सिद्ध रुद्राक्ष के चमत्कारिक प्रभाव आप मात्र 7 दिनों में ही स्वयं महसूस करने लगेंगे | आचार्य S N शर्मा द्वारा सिद्ध रुद्राक्ष खरीदने के लिए इस लिंक पर क्लिक करे – Buy 7 मुखी रुद्राक्ष  |