ग्रहण के खगोलीय घटना है जो समय-समय पर घटित होती रहती है | सूर्य ग्रहण और चन्द्र ग्रहण दोनों ही ज्योतिष द्रष्टि से बहुत महत्व रखते है | वैसे तो ग्रहण काल का समय ज्योतिषीय विद्वानों के अनुसार अच्छा नहीं माना गया है | बच्चे- वृद्ध व्यक्ति और गर्भवती महिलाओं के लिए ग्रहण काल का समय अधिक बुरा परिमाण देने वाला हो सकता है | वैसे तो ग्रहण काल का बुरा प्रभाव सभी पर पड़ता है किन्तु शारीरिक रूप से कमजोर व्यक्ति , बच्चे , वृद्ध व्यक्ति और महिलायों इनके बुरे प्रभाव से अति शीघ्र पीड़ित हो सकते है | किन्तु जिस घटना के बुरे परिणाम होते है वहीं कुछ अच्छे भी होते है जैसे : ग्रहण काल का समय साधकों के लिए सबसे अधिक फल देने वाला माना गया है | ग्रहण काल में मन्त्रों में सिद्धि प्राप्त करना आसान माना गया है |
ग्रहण काल के समय घर में पूजा करना – दीपक जलाना, मंदिर जाना , मंदिर में पूजा करना ये सभी कार्य वर्जित माने गये है किन्तु ग्रहण काल के समय यज्ञ व मंत्र जप का कार्य किया जा सकता है | ग्रहण काल के समय में हवन(यज्ञ) और मंत्र जप करने से इसका 100 गुना अधिक प्रतिफल प्राप्त होता है |
Surya Grahan Mantra Sadhana
सूर्य ग्रहण जून 2020 :
आने वाली इस तारीख 21 जून 2020 को सूर्य ग्रहण होने जा रहा है | जिसे भारत सहित – मध्य अफ्रीका – इथियोपिया – पाकिस्तान – चीन और कांगो आदि देशों में देखा जा सकेगा | सूर्य ग्रहण को नंगी आँखों से नहीं देखना चाहिए, इससे आपकी आँखों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है |
सूर्य ग्रहण जून 2020 समय :
सूर्य ग्रहण 21 जून रविवार को सुबह 10 बजकर 21 मिनट से आरम्भ होकर दोपहर 2 बजकर 2 मिनट तक रहेगा | इस प्रकार सूर्य ग्रहण काल की कुल अवधि 3 घंटे 25 मिनट की रहेगी |
ग्रहण काल में मंत्र साधना :
सूर्य ग्रहण हो या फिर चन्द्र ग्रहण दोनों में ही मंत्र जप करने से समान प्रतिफल प्राप्त होता है | जो साधक लम्बे समय से मंत्र जप कर रहे है वे ग्रहण काल के इस सुअवसर पर अपने मन्त्रों में परिपक्वता प्राप्त करते है | आप भी ग्रहण काल के इस सुअवसर पर किसी विशेष मंत्र का जप करके सिद्धि प्राप्त कर सकते है |
ग्रहण काल के समय आप किसी भी देव के वैदिक मंत्र – बीज मंत्र या फिर शाबर मंत्र द्वारा साधना कर सकते है | किन्तु ऐसे समय शाबर मंत्र के जप करने से सफलता मिलना आसान है | इसलिए आप किसी भी देव के एक शाबर मंत्र का चुनाव करे, इसे कंठस्त करें और ग्रहण काल के समय इस मंत्र के अधिक से अधिक जप करें |
Surya Grahan Mantra Sadhana :
ग्रहण काल में शाबर मंत्र साधना विधि :
ग्रहण काल आरम्भ होने से पूर्व, स्नान आदि करके साफ़ वस्त्र धारण करें, पूर्व दिशा की तरफ आसन बिछाकर बैठ जाए | सामने एक चौकी पर घी का दीपक जलाये | अब दायें हाथ में थोड़ा जल लेकर संकल्प ले : हे परमपिता परमेश्वर मैं(अपना नाम बोले) गोत्र( अपना गोत्र) ग्रहण काल के इस अवसर पर आपकी कृपा से इस शाबर मंत्र के जप कर रहा हूँ मुझे इसमें सफलता प्रदान करें, ऐसा कहते हुए जल को नीचे जमीन पर छोड़ दे | अब आप शाबर मंत्र के जप बहुत ही धीमे उच्चारण के साथ या मन ही मन करना शुरू कर दे | आपको यह मंत्र जप सम्पूर्ण ग्रहण काल की अवधि तक करना है |
यदि आप बीच में कुछ समय के लिए उठना चाहते है तो हाथ में थोड़ा जल लेकर बोले : हे परमपिता परमेश्वर मैंने ये जो शाबर मंत्र के जप किये है इन्हें मैं श्री ब्रह्म को अर्पित करता है, जल को नीचे जमीन पर छोड़ दें | अब आप अपने आसन का एक कोना मोड़कर अपना स्थान छोड़ सकते है | दोबारा से आसन ग्रहण करते समय आसन को सीधा कर दे और पहले की तरह संकल्प ले और मंत्र जप आरम्भ करें |
जितनी अवधि के लिए ग्रहण काल होता है आप उस सम्पूर्ण अवधि तक मंत्र के जप करें | सूर्य ग्रहण काल पूर्ण होने पर दायें हाथ में जल लेकर बोले : हे परमपिता मेरे द्वारा किये गये यह मंत्र जप मैं श्री ब्रह्म को अर्पित करता है, अब जल को नीचे जमीन पर छोड़ और अपना आसन छोड़ दे | अब आपने जो कपड़े पहने हुए है उनके साथ ही स्नान करें | ऐसा करने से शाबर मंत्र में परिपक्वता आ जाती है | अब आप इस शाबर मंत्र का प्रयोग दूसरों की भलाई के लिए प्रयोग कर सकते है |
आप नीचे दिए गये लिंक द्वारा शाबर मंत्र को चुनकर इनका जप आने वाले ग्रहण काल में कर सकते है :
ध्यान रखने योग्य : जब भी कोई ग्रहण काल का अवसर आता है तो ध्यान दे कि यदि ग्रहण आप जिस स्थान पर साधना कर रहे है वहाँ ग्रहण होना चाहिए यानि : यदि आप भारत देश में अपनी साधना करते है तो भारत देश में ग्रहण दिखाई देना चाहिए | यदि ग्रहण भारत देश में नहीं है तो अन्य देशों में दिखाई देता है तो आप ऐसे में साधना न करें | ऐसी साधना से कोई विशेष प्रतिफल नहीं मिलने वाला है |