भगवान शिव को भोलेनाथ भी कहा गया है क्योंकि वे अपने भक्तों के थोड़े से भक्ति भाव से प्रसन्न होकर उन्हें फलीभूत करते है | जीवन में हर तरफ से संकटों से घिर जाने पर भगवान भोलेनाथ की आराधना न केवल भक्त के सभी संकट दूर करती है बल्कि उन्हें मोक्ष की और भी अग्रसर भी करती है | मनुष्य के द्वारा किये पापों को दूर करने में शिवलिंग पूजा का विशेष महत्व है | वैसे तो भगवान शिव की आराधना के लिए सोमवार का दिन श्रेष्ठ माना गया है | किन्तु जब व्यक्ति के जीवन में परेशानियाँ कम होने का नाम न ले और हर संभव प्रयास के बाद भी असफलता हाथ लगे तो ऐसे में प्रतिदिन भगवान शिव के मंदिर में शिवलिंग पूजा(Bhagwan Shiv ko Prasann Karne ke Upay)से सभी परेशानियाँ स्वतः ही दूर होने लगती है |
Bhagwan Shiv ko Prasann Karne ke Upay :
भगवान शिव को प्रसन्न करने के 10 प्रभावशाली उपाय :-
- भगवान शिव के मंदिर परिसर में महा मृत्युंजय मंत्र के नियमित जप आपको हर रोग व बीमारी से मुक्ति प्रदान करते है ऐसा व्यक्ति मोक्ष को प्राप्त होता है |
- प्रत्येक सोमवार के दिन सुबह-सुबह रूद्र अभिषेक द्वारा शिवलिंग पूजा भगवान शिव को सबसे अधिक प्रिय है | शिवलिंग रूद्र अभिषेक में दूध , दही , घी , शहद व शक्कर आदि के मिश्रण से शिवलिंग को स्नान कराया जाता है | शिवलिंग रूद्र अभिषेक के विषय में अधिक जानकारी के लिए इस post को पढ़े :- शिवलिंग रूद्र अभिषेक कैसे करें ?
- कच्चे गाय के दूध से शिवलिंग अभिषेक करने व शिवलिंग पर काले तिल अर्पित करने से हर प्रकार से रोगों से मुक्ति मिलती है व भोलेनाथ की कृपा सदैव बनी रहती है |
- भगवान शिव को बिल्व पत्र अत्यंत प्रिय है इसलिए शिवलिंग का जल द्वारा अभिषेक करने के पश्चात् शिवलिंग पर बिल्वपत्र अवश्य अर्पित करने चाहिए |
- शिवलिंग पर धतूरे के फूल अर्पित करने से संतान संबंधी सुख प्राप्त होता है |
- जीवन में सुख-शांति और अच्छे स्वास्थ्य के लिए ॐ नमः शिवाय मंत्र के नियमित यथासंभव जप करें | यदि किसी विशेष कार्य की पूर्णता का संकल्प लेकर इस मंत्र के जप किये जाये तो मंत्र का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है |
- वैवाहिक सुख पाने के लिए प्रत्येक सोमवार को व्रत रखे |
- शिवलिंग को चन्दन का तिलक करने से समाज में मान सम्मान मिलता है व यश की प्राप्ति होती है |
- शिवलिंग पर गंगा जल अर्पित करने से भोग और मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है | ऐसा भक्त सदैव भोलेनाथ की छत्रछाया का अनुभव करता है |
- भगवान शिव के इस मंत्र द्वारा औषधि को अभिमंत्रित कर लेने से औषधि का प्रभाव 100 गुना अधिक होता है | मंत्र इस प्रकार से है :
” याते रुद्र शिवातनुः शिवा व्विश्स्वाहा भेषजी
शिवा रुतस्य भेषजी तयानो मृड जीवसे ”
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भगवान शिव की आराधना(Bhagwan Shiv ko Prasann Karne ke Upay) से जीवन से हर कष्ट दूर होने लगते है | देवों के देव महादेव की भक्ति से सभी पापों से मुक्ति मिलती है व भगवान शिव के शिवलिंग रूप में उस परमपिता परमेश्वर की भक्ति भी स्वतः ही हो जाती है जो सर्वशक्तिमान है | जो इस ब्रम्हांड के पालनकर्ता है |