पूर्णचंद्र रस आयुर्वेद का एक दुर्लभ योग है | इस औषधि के सेवन से धातु रोग निर्मूल हो जाता है | स्वप्नदोष में यह औषधि रामबाण का कार्य करती है | इसके अतिरिक्त जो लोग रात को ज्यादा पेशाब जाते है उनके लिए भी यह लाभकारी औषधि है | पूर्णचंद्र रस के सेवन से शरीर में नये खून का निर्माण होता है और साथ ही व्यक्ति स्वयं में नये जोश का अनुभव करने लगता है | पूर्णचंद्र रस/Purnachandra Ras के उपयोग से दिल और दिमाग में ताकत आती है |
Purnachandra Ras/ पूर्णचंद्र रस : मुख्य घटक :
अभ्रक भस्म , लौह भस्म , शुद्ध शिलाजीत , वायविडंग , स्वर्णमाक्षिक भस्म – प्रत्येक समान भाग लेकर इन्हें घृत और मधु में खरल करके 2 -2 रत्ती की गोलियां बना ले |
मात्रा और अनुपात :
1 गोली प्रातः और 1 गोली रात को सोते समय मख्खन , मलाई या मिश्री मिला गर्म दूध के साथ दे |
गुण और उपयोग :
रात्रि के समय पेशाब ज्यादा होने पर और स्वप्नदोष के लिए यह अत्यंत हितकर है | पेट में कृमी हो , पेट फूलना , निद्रा पूरी न आती हो , बुरे स्वप्न दिखाई दे और इसी ऐसी हालत में वीर्य स्त्राव हो जाए, इन सभी में यह रस विशेष फायदा करता है | दुर्बल पुरुष इस रस के सेवन से हष्ट पुष्ट होने लगते है |
Purnachandra Ras Benefits :
पूर्णचंद्र रस के लाभ : –
- धातु रोग व स्वप्नदोष में लाभकारी औषधि |
- शरीर को बल देने में उपयोगी |
- दिल और दिमाग को बल देने में उपयोगी औषधि |
- अनिद्रा दूर करने में लाभकारी |
अन्य जानकारियाँ : –
पूर्णचंद्र रस/Purnachandra Ras आयुर्वेद का एक बहुत ही उपयोगी योग है | वैसे तो आयुर्वेदिक औषधियों के दुष्प्रभाव बहुत ही कम देखने को मिलते है लेकिन फिर भी इसका उपयोग सीमित अवधि के लिए आप बिना किसी वैद्य परामर्श के कर सकते है | किन्तु अधिक अवधि के लिए इसका प्रयोग करने से पहले किसी अच्छे वैद्य से परामर्श अवश्य ले ले |