तन्त्र विद्या में भैरव जी को एक विशेष देव स्थान प्राप्त है | अनेक तांत्रिक भैरव जी की शक्ति प्राप्त करके उनकी सिद्धि शक्ति से भूतों को भगाने में सफल होते है | भूत विद्या में भैरव शक्ति सबसे उपयोगी मानी जाती है | भैरव जी का काला रूप ही भूतों को भगाने का साधन माना गया है |भैरव जी के साथ-साथ बहुत से तांत्रिक हनुमान जी की भी उपासना करके सिद्धि प्राप्त करने का प्रयास करते है | बाला जी के रूप में हनुमान जी का स्थान मेहंदीपुर बालाजी बहुत ही प्रचलित है | जहाँ हनुमान ही बालाजी के रूप में विराजमान है | यह स्थान साक्षात् चमत्कारिक है | जिस भी व्यक्ति में भूत-प्रेत का साया होता है इस स्थान पर आते ही वे भूत बालाजी द्वारा दण्डित किये जाते है | और कुछ ही समय में भूत-प्रेत(Bhoot Bhagane Me Bhairav or Hanuman)रोगी के शरीर से हमेशा-हमेशा के लिए दूर भाग जाते है | हर वर्ष मेहंदीपुर स्थान पर बालाजी के मंदिर में आकार हजारों की संख्या में लोग भूत-प्रेत से मुक्ति पाते है |
Bhoot Bhagane Me Bhairav or Hanuman ji :
हनुमान जी और भैरव जी का साथ : –
बालाजी(हनुमान जी ) के हर मंदिर में भैरव जी की मूर्ति अवश्य लगी होती है | भूत-प्रेतों का अंत करने की लिए ये दोनों ही देवगण भगवान स्वरुप तंत्र विद्या के महार्थी माने जाते है | इन दोनों की शक्ति के सामने भूत ठहर नहीं सकते | बालाजी के मंदिर का उदाहरण हमारी आँखों के सामने है | हर बालाजी के मंदिर ममे हनुमान जी के साथ भगवान भैरव देव और प्रेतराज सरकार के विग्रह भी अनिवार्य रूप से होते है | इस रूप में भैरव जी को हनुमान जी की सेना का प्रधान नायक माना जाता है | जो अपनी विशाल सेना से भूत-प्रेतों को मार-मार कर भगा देते है |
इसलिए जब कभी भी आप हनुमान जी की उपासना करें तो साथ में माँ दुर्गा और भैरव जी की भी उपासना करनी चाहिए | यह बात ध्यान रखने योग्य है कि : जहाँ पर शिव है, वहीँ पर भैरव जी है, वहीँ हनुमान जी है और इनके साथ ही माँ भगवती भी इनके साथ विराजमान है |
अन्य जानकारियाँ : –
- भैरव जी के 108 नाम द्वारा भैरव उपासना
- रात्रि के की गयी यह बजरंग बाण की सिद्धि, तंत्र का कार्य करती है
- महाकाली शाबर मंत्र सिद्धि
तांत्रिक वर्ग के लिए शिव, हनुमान , भैरव और महाशक्ति दुर्गा की पूजा उपासना ही फल प्रदान करने वाली मानी गयी है | यही से उन्हें शक्तियाँ प्राप्ति होती है(Bhoot Bhagane Me Bhairav or Hanuman) | किन्तु ये शक्तियाँ तब तक ही साथ देती है जब तक आप जन-जन की भलाई के लिए इनका प्रयोग करते है | यदि कोई तांत्रिक बुराई के लिए इन शक्तियों का प्रयोग करता है तो ये शक्तियाँ तो साथ छोड़ ही देती है साथ में इनका उल्टा प्रभाव ही तांत्रिक पर पड़ता है |